रक्तदान को महादान बना रही है इनकी ‘Simply Blood’ मुहीम, ज़रूरतमंदों तक सीधे पहुंच रहे हैं Donor

Akanksha Thapliyal

इस देश में लगभग हर दूसरे या तीसरे व्यक्ति को ख़ून की ज़रूरत पड़ती है और किसी न किसी फ़ैमिली में किसी व्यक्ति की मौत टाइम पर ख़ून न मिलने की वजह से होती है, इनमें ज़्यादातर एक्सीडेंट विक्टिम होते हैं. भारत में ब्लड डोनेशन को लेकर यूं तो काफ़ी जागरूकता आई है, लेकिन अभी भी कई लोग हैं, जिन्हें ब्लड बैंक माफ़िया की वजह से किसी अपने को खोना पड़ता है.

किरण वर्मा ने 7 साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया था, उनकी मां कैंसर से जूझ रही थी. उस हादसे के बाद से ही किरण को जब मौक़ा मिलता, वो किसी न किसी को ब्लड डोनेट करने पहुंच जाते.

ताकि ज़रूरतमंद तक ख़ून समय पर पहुंचे, किरण ज़्यादातर सरकारी अस्पतालों में ही ब्लड डोनेट करने जाते थे. लेकिन एक दिन उन्हें किसी इंसान का कॉल आया कि उसे मदद की ज़रूरत है. वो जैसे ही ब्लड दे कर वापस आ रहे थे, उन्हें उस इंसान की पत्नी मिल गयी, जिसके नाम पर उनसे ब्लड मांगा गया था. उन्हें पता चला कि ब्लड उस इंसान को मिला ही नहीं है और जो कॉल उन्हें आई थी, वो एक एजेंट की थी. उनका रक्तदान व्यर्थ चला गया, क्योंकि उनका ब्लड 1500 रुपये में ब्लैक मार्केट में बिक गया था.

भारत से लेकर विदेशों में भी ब्लड डोनेट करने वाले लोगों को बेवकूफ़ बनाने के लिए एक रैकेट चलता है. ये लोग ब्लड डोनेशन कैंप भी लगा देते हैं, जिससे आपको तो लगे कि आप ब्लड डोनेट कर आये हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल कहां होगा, इसकी जानकारी आपको नहीं होगी. किरण को इस बारे में पता था और इसीलिए वो सरकारी अस्पतालों में ही ब्लड डोनेट करते थे. हालांकि इस वाकये के बाद से उन्हें ये महसूस हुआ कि ब्लड डोनेशन को लेकर ये धोखाधड़ी चलती ही रहेगी और इसका सही Solution खोजना पड़ेगा.

किरण ने उसी वक़्त अपनी नौकरी छोड़ एक App बनने की ठानी और जनवरी 2017 में Simply Blood नाम का एक App लॉन्च कर दिया. जब वो सब छोड़-छाड़ कर इस काम में लगे हुए थे, तो उनकी पत्नी ही घर और बाहर की ज़िम्मेदारी निभा रही थी. उन्हें अपनी पत्नी का पूरा सपोर्ट मिला.

कैसे काम करता है Simply Blood?

किरण को अपने इस App के लॉन्च डे पर भी पहली डोनेशन रिक्वेस्ट आ गयी थी. शुरू-शुरू में उन्होंने अपने पुराने Contacts की मदद से लोगों तक ब्लड पंहुचाने की कोशिश की और अभी तक वो कई ज़िन्दगी बचा चुके हैं.

लॉजिकल इंडियन को दिए इंटरव्यू में किरण ने साफ़ किया कि इस App का मकसद पैसे कमाना बिलकुल भी नहीं है. वो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की मदद करना कहते हैं. वो Wikipedia की तरह हर साल Fundraise कर के इस App को चलाना चाहते हैं.

आप भी Simply Blood की मुहीम से जुड़ना चाहते हैं, तो यहां Click कर उनका App डाउनलोड कर सकते हैं.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं