रशियन वैज्ञानिकों ने खोज निकाली 23 हज़ार साल पुरानी ‘Sex Goddess Venus’ की मूर्ति

Rashi Sharma

सदियों से साइंटिस्ट्स और पुरातत्वविद पाषण युग और उस समय के जीवन और उससे जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए खुदाई और खोज करते रहते हैं. कभी सिन्धु घाटी तो कभी माया सभ्यता से जुड़ी रोचक खोजों के बारे में पता चलता रहता है. अब ऐसी ही एक और खोज की खबर आ रही है, जिसमें वैज्ञानिकों ने 23,000 साल पुरानी एक छोटी, मगर आकर्षक मूर्ति खोज निकाली है.

रूस के साइंटिस्ट्स ने खुदाई में मिली 23000 साल पुरानी एक प्रतिमा की तुलना ‘कामदेवी’ से की है. ये ‘वीनस’ की चौंकाने वाली प्राचीन मूर्ति है और शोधकर्ताओं का मानना है कि इसको वुलि मैमथ के विशाल दांतों को तराशकर बनाया गया है. पुरातत्व से निकली ये अद्भुत सुन्दर और बेहद विलक्षण मूर्ती नग्न प्रतीत हो रही है.

ये मूर्ति रूस के ब्रांस्क रीजन में खुदाई के दौरान मिली थी. Moscow के Archeology Institute में Stone Age Department के Dr. Konstantin Gavrilov उस अभियान का नेतृत्व कर रहे थे, जिसके दौरान इस मूर्ति को पाया गया था.

Dr. Konstantin ने बताया, ‘यह प्रतिमा एक भरे हुए शरीर और अच्छे डील-डौल वाली महिला को चित्रित करती है, लेकिन यह काफी नाज़ुक लग रही है, शायद इसके लंबे और पतले पैरों के कारण.’

वहीं कुछ लोगों ने इसकी तुलना आधुनिक महिला से भी की. इस मूर्ति को देखने के बाद ये पता चला है कि इंसान को हमेशा से ही बड़े नितम्भों को पसंद करता आया है.

ये है पुरातात्त्विक स्थल का एक दृश्य जहां इस प्राचीन और छोटी मूर्ति को पाया गया था.

Dr. Gavrilov कहते हैं कि यह ‘प्रजनन के पंथ’ को दर्शाती है, लेकिन उन्होंने फिर ये संकेत भी दिया कि ये असंभव है, क्योंकि ये मूर्ती कृषि के अस्तित्व से पहले की है. शायद ये ‘वीनस’ मूर्ति एक गर्भवती महिला को चित्रित करती है, जो मोटी, बड़े पेट और नितम्भों वाली औरत है. ‘वीनस’ प्राचीन काल में ग्रीक में प्यार और सेक्स की देवी थी.

इसके साथ ही वो कहते हैं कि प्राकृतिक रूप से दांतों में दरार पड़ने के कारण इसके पेट और उसके नीचे के हिस्से खुल गए हैं. लेकिन इसके 23,000 साल पुराने होने के सबूत अभी भी बरक़रार हैं. ये मूर्ति बड़ी चूना पत्थर की परतों और मैमथ की हड्डियों के कुछ हिस्सों के पास पायी गई थी, जो कि Mineral Sienna Paint से बनाई गई थी.

माना जा रहा है कि रूस में पायी गई अन्य वीनस की मूर्तियों की तरह इसे जलाया नहीं गया था, बल्कि हड्डियों के बगल में जमीन पर रखा गया था. उन्होंने कहा कि अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी प्रागैतिहासिक प्रतिमाएं ‘औपचारिक’ और ‘अनुष्ठान’ की वस्तुएं होती हैं.

ऐसी अन्य वीनस की मूर्तियां रूस में, खासकर के साइबेरिया में Lake Baikal के पास पायी गयीं हैं. इन मूर्तियों का करीब से निरीक्षण करने पर ये पता चला कि इनमें से कुछ ने कपड़े भी पहने हुए थे. मतलब की जब इनको तराशा गया था, तब इन पर कपड़े भी उकेरे गए थे.

यह नवीनतम खोज मैमथ व जंगली सांड की हड्डियों और चकमक पत्थरों की एक 23,000 साल पुरानी परत के पुरातत्व स्थल Khotylyovo-2 में की गयी थी.

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