क़िस्सा: जब संस्कृत के मुस्लिम प्रोफ़ेसर के लिए छात्र लड़े थे और उनकी नियुक्ति सुनिश्चित की थी

Sanchita Pathak

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संस्कृत के छात्र एक मुस्लिम प्रोफ़ेसर की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं. विरोध करते हुए उन्होंने यज्ञ किया और वीसी की गाड़ी पर खाली बोतल भी फेंकी. 


कई लोग प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ के समर्थन में आगे आए हैं. इन सब के बीच Hindustan Times ने दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के एक प्रोफ़ेसर की कहानी शेयर की है. 

सन् 1977 में धोती-कुर्ता पहने संस्कृत विभाग में एड होक पर नियुक्त हुए असिस्टेंट लेकचरर Ashab Ali.


1997 में हज करने गए अली ने वापस आकर दाढ़ी रख ली और कुर्ता-पैजामा और टोपी में दिखने लगे. इस वजह से उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई. अली 2010 तक डिपार्टमेंट में रहे और कुछ समय के लिए डिपार्टमेंट के प्रमुख भी बने. 

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति पर जो बवाल हो रहा है उस पर अली को बहुत अचरज है. 72 वर्षीय अली का कहना है कि धर्म के नाम पर न कभी उनके छात्रों ने और न ही सहकर्मियों ने भेदभाव किया. अली का कहना है कि टोपी की वजह से उनके साथी शिक्षकों ने एक बार तंज कसा था पर सभी ने उनको उनके ज्ञान के कारण अपनाया.  

Quora

अली ने 1969 में बी.ए और 1971 में एम.ए किया और दोनों में ही टॉप किया. उन्होंने वैदिक और इस्लामिक मिथकों पर अपनी PhD डिपार्टमेंट के हेड अतुल बैनर्जी के अंडर में की. 

हमारे समय में ऐसा कुछ नहीं होता था. मुस्लिम होने के बावजूद मैंने संस्कृत में कई सफ़लताएं प्राप्त की. डिपार्टमेंट में ब्राह्मण भरे होने के बावजूद में हेड बना था. 

-अली

अली ने बताया कि एक बार छात्रों ने 2 हिन्दू शिक्षकों को तवज्जो दिए जाने पर बैनर्जी जी के ऑफ़िस के सामने धरना दिया था. छात्रों ने अली की नियुक्ति सुनिश्चित की. अली के डिपार्टमेंट हेड इस बात का ख़ास ध्यान रखते थे कि उनकी नमाज़ और क्लास की टाइमिंग एकसाथ न रहे.  

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं