अपने स्टूडेंट्स की मदद के लिए किस हद तक जा सकता है कोई टीचर? क्या वो उनके लिए कूड़ा बीन सकता है?

Akanksha Thapliyal

किसी टीचर का सबसे बड़ा सपना होता है अपने स्टूडेंट्स को तरक्की करते हुए देखना. ये हर शिक्षक की सबसे बड़ी कामयाबी मानी जाती है, लेकिन एक टीचर तब क्या करे जब उसके स्टूडेंट्स किसी वजह से स्कूल ही न आ पाएं.

चलिए आपको एक ऐसे टीचर से मिलवाते हैं, जिसने अपने स्टूडेंट्स के लिए कुछ ऐसा किया, जो करने की बहुत लोग सोच भी नहीं सकते. चीन के Hu Chunyu Heilongjiang’s Wangkui के Lingshan Township Middle School में पढ़ाते हैं. उन्होंने देखा कि उनके कई स्टूडेंट्स ग़रीबी की वजह से स्कूल नहीं आ पा रहे, तो उन्होंने उनकी मदद करने के लिए कूड़ा बीनना शुरू कर दिया. वो ये काम अपने खाली समय में करते और ऐसा करते हुए उन्होंने लगभग 3000 हज़ार डॉलर तक पैसे जमा किये, उनकी इस मदद की वजह से करीबन 300 बच्चों का भविष्य बच गया.

Hu Chunyu ख़ुद एक ग़रीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने भी अपनी पढ़ाई गांववालों और रिश्तेदारों की मदद से पूरी की. उन्हें पढ़ाई का महत्व अच्छे से पता थी और ये भी कि इसे किसी बच्चे से छीनना कितना ग़लत हो सकता है. Hu Chunyu के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो इन बच्चों की फ़ीस भर पाते लेकिन वो इन बच्चों को जाने नहीं देना चाहते थे. इसलिए उन्होंने प्लास्टिक का कूड़ा उठाना शुरू किया और धीरे-धीरे कर पैसे जमा किया. उनके इस काम की ख़बर जब लोकल मीडिया में प्रसारित हुई, तो कई संस्थाओं और सरकार ने स्कूल के लिए फंड की व्यवस्था की, लेकिन ये सब संभव हुआ Hu की पहल से.

आज हर वो बच्चा, जिसका भविष्य Hu Chunyu ने संवारा, वो इसके लिए उनका आभारी होगा. आपके साथ सब कुछ सही चल रहा हो आर तब आप किसी दूसरे के लिए कष्ट उठाएं, शायद वो सबसे बड़ा बलिदान होता है. Hu जैसे लोग इस दुनिया में आशा की किरण हैं.

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