हज़ार बर्क़ गिरे लाख आंधियां उट्ठें
कौन हैं मुनिबा?
पाकिस्तान के बलोचिस्तान की हैं मुनिबा. जैसा कि ज़्यादातर बलोच लड़कियों के साथ होता था मुनिबा की भी शादी उनके माता-पिता ने सिर्फ़ 18 साल की उम्र में कर दी. माता-पिता की अच्छी बेटी बनकर मुनिबा ने भी दूसरों के द्वारा लिखी गई अपनी क़िस्मत को स्वीकार कर लिया. बलोचिस्तान की महिलाओं के साथ ऐसा ही होता था तो मुनिबा के पास कोई और चारा भी नहीं था.
21 की उम्र में पैरालाइज़्ड हो गईं
शादी के 2 साल बाद, 2007 में मुनिबा एक भयंकर दुर्घटना का शिकार हुईं. उनके पति ख़ुर्रम शहज़ाद गाड़ी चलाते-चलाते सो गए थे और गाड़ी खाई में जा गिरी. ख़ुर्रम ने ख़ुद को कार से बाहर निकाला और मुनिबा कार में ही रहीं. मुनिबा को कार से खींचकर निकालना पड़ा. 21 साल की उम्र में किसी और की ग़लती की वजह से मुनिबा ज़िन्दगी भर के लिए पैरालाइज़्ड हो गईं. उनकी रीढ़ की हड्डी टूट चुकी थी, उनकी बांह, कंधे, कॉलरबोन और रिब केज टूट गए थे. उनके लिवर और फेफड़े भी क्षतिग्रस्त हुए थे.
पैरालिसिस की वजह से पति ने दिया तलाक़
मुनिबा का स्वास्थ्य ठीक नहीं था. इन हालातों में जब उनके पति को उनका साथ देना चाहिए था उस वक़्त उसने मुनिबा को तलाक़ देने का निर्णय लिया. कारण? मुनिबा की पैरालिसिस. सिर्फ़ मुनिबा के पति ही नहीं उनके पिता भी इन मुश्किल हालातों में उनको छोड़ के चले गए.
सकारात्मक बने रहने की कोशिश की
मुनिबा ने अपनी मां से पूछा कि ऊपरवाले ने उनके साथ ही ऐसा क्यों किया? मुनिबा की मां के पास भी कोई जवाब नहीं था. मुनिबा कई बार ख़ुद से पूछतीं, कि आख़िर वो ज़िन्दा ही क्यों हैं?
मुनिबा ने अस्पताल में ही पेंट करना शुरू किया
एक दिन मुनिबा ने अपने भाईयों से कहा कि वो अस्पताल की चार दीवारी में घुट रही हैं, वो पैंट करना चाहती हैं और उन मुश्किल हालातों में मुनिबा ने पेंट किया. वो किसी से बिना कुछ कहे सिर्फ़ अपने एहसासों को कैंवस पर उतारतीं. लोग आते और उनकी पेंटिग्स की तारीफ़ करते पर किसी को भी उसके पीछे छिपा दुख नज़र नहीं आता.
मां बनीं मुनिबा
मुनिबा को बताया गया था कि वो कभी किसी बच्चे को जन्म नहीं दे सकतीं. इस बात से निराश हो चुकीं मुनिबा को ध्यान आया कि दुनिया में ऐसे कई बच्चे हैं जिनका कोई नहीं है. उन्होंने तय किया कि रोने के बजाए वो किसी बच्चे को गोद ले सकती हैं. उन्होंने एक बच्चे को गोद लिया. मुनिबा ने पाकिस्तान के ही एक 2 दिन के बच्चे को गोद लिया.
व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे भरी उड़ान
मुनिबा ने व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे ही वो कर दिखाया जो शायद उसके एक्स-पति या पिता कभी नहीं कर पाएं. मुनिबा ने कई ऐड कैंपेन किए, पाकिस्तान के टीवी पर बतौर एंकर काम करना शुरू किया, पेंटिंग करती रहीं और दुनिया को दिखाया कि व्हीलचेयर पर बैठा इंसान क्या-क्या नहीं कर सकता. मुनिबा पाकिस्तान की पहली व्हीलचेयर बाउंड मॉडल हैं, पहली व्हीलचेयर बाउंड एंकर हैं.
मुनिबा को मिली पहचान
मुनिबा मज़ारी को पाकिस्तान की पहली Female UN Goodwill Ambassador बनाया गया. 2015 में BBC की 100 Most Inspirational Women की लिस्ट में मुनिबा को शामिल किया गया है.