अगर आपके अंदर कुछ पाने की चाह है, तो उम्र का बंधन उसे कभी नहीं रोक सकता है. ऐसा हमारे देश में रहने वाले लोगों ने साबित भी कर दिया है, जो रिटायरमेंट वाली उम्र में लोगों की ताक़त बनकर सामने आए हैं. ये उन सब लोगों के लिए मिसाल बने हैं, जो ये सोचते हैं कि अब हम बूढ़े हो चुके हैं, हम क्या कर सकता हैं. उनकी हिम्मत और तकात हैं ये लोग.
आइए इनसे मिलवाती हूं आपको:
1. लक्ष्मी श्रीवास्तव
ओल्ड एज हॉस्पिटल में रहने वाली लक्ष्मी 87 साल की हैं. इन्होंने इग्नू में के भोजन एवं पोषण सर्टिफ़िकेट कोर्स में अपना एडमिशन कराया है. जब वो पहली क्लास अटेंड करने इंग्नू सेंटर पहुंचीं, तो उनके इस जज़्बे को सभी ने तालियां बजाकर सम्मान दिया.
2. श्याम शरण नेगी
102 साल के श्याम शरण नेगी भारत के पहले वोटर हैं, जो 1951 से आज तक वोट करते आ रहे हैं. इन्होंने भारत के पहले वोटर बनकर इतिहास रच दिया है. आपको बता दें कि आज़ाद भारत का पहला चुनाव 1952 में हुआ था. श्याम शरण नेगी जी सभी तक 32 बार वोट दे चुके हैं.
3. फ़ौजा सिंह
107 साल की उम्र में फ़ौजा सिंह जोश-जज़्बे से भरे हुए हैं. 2011 में टोरंटो मैराथन में हिस्सा लेकर फ़ौजा जी सबसे उम्रदराज मैराथन धावक माने गये थे.
4. मान कौर
मान कौर सबसे उम्रदराज़ विमेन एथलीट हैं. इनकी उम्र 103 साल है. अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में वे अब तक 20 मेडल हासिल कर चुकी हैं.
5. गोल्डन विमेन रुखमणी नशीने
77 साल की भिलाई की दादी ने CG की दौड़ प्रतियोंगिता में 8 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीता है. इसे जीतकर वो सबकी प्रेरणा बन चुकी हैं. रुखमणी बीएसपी की सर्विस से रिटायर्ड हैं. उन्होंने अपने पति को देखकर खेल-कूद की इस दुनिया में क़दम रखा था.
6. सुमित्रा राय
107 साल की सुमित्रा राय सिक्किम की सबसे बुज़ुर्ग महिला मतदाता हैं. इन्होंने इस बार के इलेक्शन में भी अपना वोट दिया है. ये व्हील चेयर पर बैठकर साउथ सिक्किम के पोक्लोक कमरंगंड स्थित कमरंग सेकेंडरी स्कूल के पोलिंग बूथ पर मतदान देने पहुंची थी.
7. सालूमरदा थिमक्का
104 साल की थिमक्का ने 400 बरगद के पेड़ लगाकर सबको चौंका दिया था. थिमक्का मज़दूरी करके अपना गुज़ारा करती हैं.
8. देवकी अम्मा
85 साल की देवकी अम्मा ने एक पेड़ से शुरूआत की थी और आज अलापुज़ा ज़िले के एक गांव में 5 एकड़ की ज़मीन पर हरा-भरा जंगल बन गया है. इस जंगल में 1000 पेड़ हैं. इनके इसी योगदान के लिए 2019 में देवकी अम्मा को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. वृक्षारोपण के लिए उन्हें ‘इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्षमित्र अवॉर्ड’ से नवाज़ा गया है.
इस जज़्बे को मेरा सादर नमन है!