प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘लोकल के लिए वोकल’ बनने की बात 21वीं सदी में कह रहे हैं, लेकिन हम भारतीय पिछले कई दशकों से लोकल के लिए वोकल के लिए वोकल बनते आ रहे हैं. मतलब ये कि भारत में कई ऐसे देशी ब्रांड हैं जिन्हें हम 21वीं सदी में भी उतना ही प्यार कर रहे हैं जितना पहले करते थे. आज भी
आज भी हमारे देश में कई ऐसे देशी ब्रांड हैं जिनके प्रति लोगों का विश्वास समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है. इन ब्रांड के साथ हम उस दौर से जुड़े हुए हैं जब हम बच्चे हुआ करते थे. इसलिए भी ये हमारे लिए बेहद ख़ास बन जाते हैं.
ये रहे ऐसे ही 10 शुद्ध देशी ब्रांड जिन पर हमें गर्व है-
1- Amul Butter
‘अमूल कंपनी’ की शुरुआत सन 1940 में हुई थी. पिछले कई दशकों से हम भारतीय अमूल का दूध, दही, छाछ, बटर और आइसक्रीम जैसे प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं. अमूल के साथ हमारा विश्वास आज भी पहले की तरह कायम है. इसकी सबसे ख़ास बात है अमूल के शानदार प्रोडक्ट.
2- Boroline
‘बोरोलीन’ क्रीम की शुरुआत सन 1929 में बंगाल के मर्चेंट गौरमोहन दत्ता ने की थी. एक जमाना था जब हमारे पास क्रीम के नाम पर सिर्फ़ बोरोलीन ही हुआ करती थी. सर्दी हो या गर्मी सर्दी हर कोई इसी क्रीम का ही इस्तेमाल किया करता था.
3- Old Monk
भारत में अधिकतर लोगों को शायद ये नहीं मालूम नहीं होगा कि ‘ओल्ड मंक’ भारत का अपना ब्रांड है, लेकिन ‘ओल्ड मोंक’ सन 1960 में भारतीय जवान कर्नल वेद रत्नम मोहन की देन है. इस ब्रांड को आज पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है.
4- Parle G
‘पार्ले कंपनी’ की शुरुआत सन 1939 में हुई थी. इस कंपनी के ‘Parle G’ बिस्किट के साथ हम भारतीयों का वही रिश्ता है जो मां का अपने बच्चे के साथ होता है. 90 के दशक में जब भी बच्चा रोता था तो मां बच्चे के हाथ में Parle G का बिस्किट थामकर उसे चुप करा दिया करती थीं. ये आज भी हमारा पसंदीदा बिस्किट है.
5- Bajaj Auto
‘बजाज ऑटो’ की शुरुआत सन 1945 में हुई थी. बजाज नाम सुनते ही हम 90 के दशक में पहुंच जाते हैं और आंखों के सामने ‘बजाज चेतक स्कूटर’ पर फ़ैमली ट्रिप की याद आने लगती है. पापा का वो स्कूटर आज भी हमारे गैराज में सही सलामत रखा हुआ है.
6- Mahindra & Mahindra
‘महिंद्रा एंड मोहम्मद’ की शुरुआत सन 1945 में हुई थी. इस कंपनी के फ़ाइनेंसर मोहम्मद बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए, जो पाकिस्तान के पहले फ़ाइनेंस मिनिस्टर और गवर्नर जनरल भी बने. इसके बाद महिंद्रा ने अकेले ही ट्रैक्टर और जीप जैसी गाड़ियों के दम पर देश में एक अलग पहचान बनाई.
7- Arvind Limited
‘अरविंद लिमिटेड’ ने 19वीं शताब्दी के अंत से ही गुजरात में साड़ियां बेचने का काम शुरू कर दिया था. इसके बाद 1990 के मध्य में इस कंपनी ‘रफ़ एंड टफ़’ और ‘न्यूपोर्ट’ जैसे ब्रांड लेकर आई जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया. अरविंद लिमिटेड आज ‘GAP’, ‘Calvin Klein’ और ‘Tommy Hilfiger’ के कपड़े बनाकर पूरी दुनिया में डेनिम के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है.
8- Asian Paints
‘एशियन पेंट्स’ की शुरुआत सन 1940 में मुंबई के 4 दोस्तों ने मिलकर की थी. इसका नाम सुनकर ऐसा लगता है जिसे ये कोई बिदेशी ब्रांड हो, लेकिन ये शुद्ध भारतीय ब्रांड है. आज भी जब घरों में रंग-रोगन का काम होता है सबसे पहले ज़ुबां पर ‘एशियन पेंट्स’ का नाम ही आता है.
9- Rooh Afza
यूनानी डॉक्टर हकीम अब्दुल मजीद ने हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और डायरिया को ठीक करने के उद्देश्य से सन 1907 में दिल्ली में ‘हमदर्द दावखाना’ की स्थापित की थी. इसी दौरान उन्होंने लाल रंग के इस शरबत की शुरुआत भी की. आज 113 साल बाद भी ‘रूह अफ़ज़ा’ भारतीयों की पहली पसंद है.
10- Fevicol
‘फ़ेविकोल’ भी शुद्ध भारतीय ब्रांड है. इसकी शुरुआत 1959 में हुई थी. ये आज भी भारतीयों का पसंदीदा ब्रांड है. आज फ़ेविकोल दुनिया के कई देशों में प्रसिद्ध है.
क्यों हो गयी न बचपन की यादें ताज़ा?