जल बना, जमीन बनी और जंगल बना. इसी तरह आगे बढ़ते हुए कुदरत ने जानवर बना डाला. क्रमिक विकास से कुछ प्रजातियां अपनी दिमागी ताकत को विकसित कर सामाजिक प्राणी में बदल गई. आज इसी सामाजिक प्राणी को इंसान कहा जाता है. इस तरह विकासवाद के क्रम में जो जानवर दिमागी विकास में पीछे रह गये, वो जंगल में ही रहे और जानवर से बना इंसान आशियानों की पनाह में बस्तियों में चला गया. मगर किस्मत सब पर एक-सी महरबान नहीं होती. ये तो हर पल अपने नये-नये रंग दिखाती रहती है. दुनिया के कुछ इंसानों के साथ आगे चल कर ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से उन्हें इंसान होते हुए फिर से जंगल में जाना पड़ा और जानवरों के बीच रह कर पलना और बढ़ना पड़ा.
दूसरे शब्दों में कहा जाये, तो सच में मोगली जैसे शख्स दुनिया में हुए हैं. आज हम ऐसे ही कुछ लोगों की दास्तानों का जिक्र करेंगे, जिन्हें इंसानों द्वारा मुंह मोड़ लेने पर जानवरों ने पाल-पोस कर बड़ा किया.
1. Marie-Angélique Memmie Le Blanc, the Wild Girl of Champagne
17वीं सदी में Le Blanc नाम की एक लड़की को फ्रांस के एक गांव में भटकते हुए देखा गया. जब गांव वालों ने उसे भूखा समझ कर खाना दिया, तो उसने खाने से मना कर दिया. उसके बाद वो कच्चा मांस खाने लगी. यह सब देख कर गांव वाले चौंक गये. गांव वालों ने उसे अपना लिया और धीरे-धीरे उसने इंसानी भाषा भी सीख ली. आगे चल कर वह पढ़ना और लिखना भी सीख गई. फ्रेंच राइटर ‘Marie-Catherine Homassel Hecquet’ ने इस लड़की के बचपन में जंगल में बिताये पलों पर एक बायोग्राफी भी लिखी. इस लड़की को अपने बचपन के बारे में ज़्यादा कुछ याद नहीं था. उसे बस इतना पता था कि वो जंगल में रहती थी और भटकते हुए इंसानी बस्ती में पहुंच गई थी.
2. Rochom P’ngieng, the Cambodian Jungle Girl
Rochom P’ngieng 2007 में कम्बोडिया में मिली थी. वह जंगल से भटकते-भटकते इंसानों के बीच आ पहुंची थी. वो अपने हाथों और पैरों से रेंग कर चल रही थी, जिस तरह से जंगली जानवर चलते हैं. उसे इंसानी भाषा के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था. वो लड़की कभी भी पूरी तरह से इंसानी समाज में घुल-मिल नहीं पाई. उसने कई बार जंगल में भाग जाने की कोशिश की.
3. Oxana Malaya
जब Malaya 3 साल की थी, तो उसे उसके शराबी मां-बाप ने घर से बाहर निकाल दिया था. उस समय सर्दियों का समय था, इसलिए ठंड से बचने के लिए वो एक नाले के अंदर छुप गई. वहां कुछ कुत्ते रहते थे, उन कुत्तों ने ही उसे पाला. 5 साल बाद पुलिस में किसी के द्वारा शिकायत किये जाने पर उसे ढूंढ़ा गया. जब वह मिली तो ना ही उसे इंसानी भाषा आती थी और ना ही इंसानी रहन-सहन के बारे में उसे कुछ पता था. वह कुत्तों की तरह भौंकती थी, और अपने हाथ और पांवों से चौपाया बन कर चलती थी. बहुत समय बाद वह इंसानी जीवन को अपना पाई.
4. Marina Chapman
Chapman को बचपन में कोलम्बिया के एक गांव से अपहरण करके जंगल में छोड़ दिया गया था. उसे जंगल के अंदर capuchin प्रजाति के बन्दरों ने पाला. उसे भाषा का कोई भी ज्ञान नहीं था. आगे चल कर जंगल में कुछ शिकारियों को वो मिल गई. उन्होंने उसे वेश्यालय में ले जाकर बेच दिया. 14 साल की उम्र में उसे वहां से कुछ लोगों ने बाहर निकाला. उसके बाद उसे एक परिवार ने गोद ले लिया. बड़ी होने पर उसने ‘The Girl With No Name’ नाम से अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी.
5. Peter the Wild Boy
1725 में Peter जर्मनी के Hamelin के पास स्थित Hertswold के जंगलों में अपने दोनों हाथों और पैरों पर चलते हुए मिला था. इंसानों के बीच रहने के बाद भी वह अपनी पूरी ज़िन्दगी में कुछ ही शब्द बोलना सीख पाया. वह अकसर यहां से वहां भटकता रहता था. 72 साल की उम्र में उसकी मौत हुई थी.
6. John Ssebunya
अपने पिता द्वारा अपनी मां को जान से मारते देख Ssebunya डर कर घर से बचपन में भाग गया था. भागता-भागता वह जंगल में पहुंच गया था. उसे वहां vervet प्रजाति के बन्दरों के एक दल ने पाला. 1991 में वह कुछ लोगों को मिल गया था, उन लोगों ने उसे अपना लिया. धीरे-धीरे उसे इंसानों जैसा व्यवहार करने के बारे में सिखाया गया.
7. Ivan Mishukov
जब Ivan 4 साल का था, तो अपनी मां और उसके शराबी बॉयफ्रेंड से बच कर घर से भाग गया. उसके बाद वो रूस की गलियों में लोगों द्वारा फेंके गये झूठे खाने को खा कर जीने लगा. एक दिन उसने अपना खाना कुछ कुत्तों के साथ मिल कर खाया. उसके बाद वो उन कुत्तों के परिवार के साथ ही रहने लगा. पुलिस द्वारा ढूंढें जाने से पहले 2 साल तक वह उन्हीं कुत्तों के साथ रहा था.
8. Dina Sanichar
18वीं सदी में भारत में कुछ शिकारियों को Sanichar एक गुफा में भेड़ियों के एक झुण्ड के साथ मिला था. यह 6 साल का बच्चा पके हुए खाने के लिए मना कर देता था. इसे कच्चा मांस खाना पसन्द था. वह कभी भी पूरी तरह से मानव समाज में एडजस्ट नहीं हो पाया.
9. Leopard Boy
इस बच्चे को एक Leopard ने अपने शावकों के साथ पाला था. आगे चल कर यह एक शख्स को मिल गया था, उसने फिर इसे पाला. यह जानवरों की तरह से अपने दोनों हाथों और पैरों पर चलता था. उस शख्स को हमेशा यह डर लगा रहता था कि कहीं वो वापिस भाग कर जंगल में ना चला जाये.
इन सभी इंसानों की कहानियां हैरत में डाल देने वाली हैं. इनमे से कुछ लोग समय के साथ फिर से इंसानी जीवन जीने लगे थे, लेकिन कुछ ज़िन्दगी भर पूरी तरह से इंसानी ज़िन्दगी के रहन-सहन को अपना नहीं पाए. सच में अजीब बात है, जब इंसान जानवर बन जाता है, तो कुदरत किसी जानवर को इंसान बना देती है.