एक बात तो सभी जानते हैं कि एक लड़का और लड़की बहुत से मामलों में एक-दूसरे से अलग होते हैं. यही अलग होना उन्हें अपने आप में खास बनाता है और यही प्रकृति का सौन्दर्य भी है. बिना इस विभिन्नता के ये दुनिया इतनी अच्छी कभी न हो पाती. हम आपको कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें नोटिस करने पर आपको भी लगेगा कि कुछ भी कह लो, ये दोनों जुदा-जुदा हैं.
1. कपड़े उतारने में
महिलाएं और पुरुष बिलकुल अलग तरीकों से कपड़े उतारते हैं. लड़के पीठ के ऊपर से खींचते हुए कपड़े उतारते हैं, जबकि लड़कियां दोनों बाहें ऊपर करते हुए कपड़े निकालती हैं. लड़के दूसरे और तरीकों से भी कपड़े निकाल सकते हैं, जैसे कि कपड़े की कॉलर उठाकर, लेकिन लड़कियां हमेशा एक ही तरह से कपड़े निकालती हैं. इसकी वजह ये बताई जाती है कि लड़कियां ज़्यादा फिट कपड़े पहनती हैं, इसलिए वे लड़कों की तरह से कपड़े उतार ही नहीं सकतीं.
2. दोनों हाथ अलग तरह से दिखाते हैं
जब मेल और फीमेल दोनों से उनके हाथ दिखाने को कहा जाता है तो लड़के हमेशा अपनी हथेलियां खोलकर हाथ दिखाते हैं, जबकि लड़कियां किसी कारणवश अपनी हथेली का पिछले हिस्सा दिखाती हैं.
3. बॉल अलग तरीके से फेंकते हैं
लड़के अपने सिर के ऊपर से पीछे होते हुए बॉल फेंकते हैं, जबकि लड़कियां नीचे से ऊपर की ओर फेंकती हैं.
4. जम्हाई अलग तरीके से लेते हैं
लड़के जम्हाई लेते हुए मुट्ठी मुंह के सामने रखते हैं, जबकि लड़कियां खुली हुई हथेली मुंह पर रखती हैं. शायद ज़्यादा एलिगेंट और फेमिनिन दिखने के लिए लड़कियां ऐसा करती हैं.
5. आवाज़ को अलग तरीके से सुनते हैं
लड़कियां आवाज़ सुनने के प्रति ज़्यादा शार्प होती हैं और है फ्रीक्वेंसी साउंड को सुनने में माहिर होती हैं. औरतों को दिमाग इस तरह से होता है कि वे बच्चे का रोना सुन पति हैं, जबकि आदमी बगल में सोते रहते हैं, जैसे कुछ भी नहीं हुआ हो. हालांकि पुरुष आवाज़ के सोर्स का डायरेक्शनसमझने में महिलाओं से ज़्यादा माहिर होते हैं.
6. बैठने का तरीका अलग होता है
लड़कियां अक्सर अपने दोनों पैरों को क्रॉस करके एक पैर को दूसरे पर लपेटकर बैठती हैं, लेकिन लड़के दोनों घुटनों को फैलाते हुए पसरकर बैठते हैं. ऐसा मेल और फीमेल ड्रेसेज़ के कारण होता है. वैसे आदमियों की तरह बैठना लड़कियों के लिए एक अच्छा आइडिया नहीं है. जबकि पुरुषों का इस तरह से बैठना विकास की जड़ों से जुड़ा है, जब ‘अल्फा मेल’ अपनी मर्दानगी को जताने के लिए ऐसे ही बैठते थे.
7. दाहिने और बाएं में फ़र्क अलग तरीके से करते हैं
पुरुष कभी भी दाएं और बाएं को मिक्स नहीं करते, क्योंकि उन दिमाग का ज़्यादा सक्रिय हिस्सा दाहिने या बाएं हेमिस्फीयर में होता है. अगर आप किसी लेडी से पूछें कि उसका बायां हाथ कौन सा है, तो तुरंत जवाब नहीं दे सकती. वे इसका जवाब देने के लिए या तो अपने हाथ की रिंग, घडी या किसी और चीज़ का सहारा लेने लगती हैं.
8. अलग तरीके से देखते भी हैं
पुरुष सामने एकदम क्लियर देख सकते हैं और दूरी तक भी. यूं कह लीजिए कि वे दूरबीन की तरह देखने में माहिर होते हैं. जबकि औरतें आस-पास यानि चहुंओर बेहतर देखती हैं. इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि महिलाओं के लिए अपने आस-पास की चीज़ों को जानना ज़्याद ज़रूरी होता है, जिससे वे अपने बच्चों पर ध्यान दे सकें और तेजी से उन्हें मुश्किलों से बचा सकें.
9. दोनों अपने बाथरोब को अलग स्टाइल में बांधते हैं
महिलाएं अपने बाथरोब को टाइट अपने वेस्ट पर बढ़ती हैं, जबकि पुरुष इसे अपने हिप्स पर बांधते हैं. कहा जाता है कि महिलाएं अपना फिगर ज़्यादा दिखाना चाहती हैं. जबकि पुरुषों को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता.
10. अलग-अलग तरीकों से भावनाओं की व्याख्या करते हैं
ऐसा कहा जाता है कि महिलाएं लोगों की हर तरह की भावनाएं बहुत तेजी से समझ लेती हैं, चाहे वो वर्बल हो, विज़ुअल हों या फिर किसी और प्रकार की. वो यदि अनजाने लोगों वाले किसी कमरे में अचानक जाती है तो भी वो ऑब्ज़र्व कर लेगी कि कौन किसके साथ काम करेगा, कौन किससे ज़्यादा घुला-मिला है, किसका क्या मूड है आदि. लेकिन उनकी जगह कोई पुरुष हो तो वो आस-पास के माहौल को परखेगा, उनमें फेमिलियर चेहरे खोजेगा, फिर तय करेगा कि उसे किसके साथ काम करना है.
11. दोनों अपने टास्क से अलग तरह से डील करते हैं
पुरुष एक बार में एक ही काम कर सकते हैं. यदि वे शेव कर रहे हैं, तो चांसेज़ हैं कि वो कहीं कट-पिट जाएं, लेकिन औरतें एक समय में कई काम निपटाने में दक्ष होती हैं. इसके पीछे भी दिमाग के काम करने का तरीका होता है. तर्क है कि पहले के समय में अगर पुरुष केवल अपने शिकार पर ध्यान न दिया होता तो उसके बच्चे भूखे मर जाते, और यदि औरतें केवल बेर बीनती रह जातीं तो उसके बच्चे खतरे में पड़ जाते. इसलिए दोनों के अंदर काम करने का तरीका अलग है.
12. मुश्किलों से अलग-अलग तरीके से निपटते हैं
अगर किसी महिला को कोई दिक्कत होगी, तो वो इसके बारे में अपनी मां ,बेस्ट फ्रेंड, कलीग या फिर बगल में बैठे व्यक्ति से बात करेगी. वो इस प्रॉब्लम को लिख भी सकती है. वो किसी को मेसेज करके इस बात का खुलासा करेगी, या फिर सोशल मीडिया में इसे शेयर करेगी. जितना वो अपनी प्रॉब्लम को शेयर करती है, वो उसके लिए उतनी ही आसान होती जाती है. अगर किसी पुरुष को प्रॉब्लम होती है तो वो इससे अपने को दूर रखने की कोशिश करता है. वो टीवी देखेगा, शांत होकर अकेला बैठ जाएगा और जब उसे थोड़ा आराम मिलेगा, तो वो इसके सॉल्यूशन के बारे में विचार करेगा.
13. सूचनाओं को अलग तरह से याद करते हैं
औरत का दिमाग ऐसे बड़े कबर्ड की तरह होता है, जहां हर चीज़ सही तरीके से सही जगह पर रखी होती है. वे एकदम सही तरीके से सूचना को याद रखती हैं कि वो किस बारे में है और एक्जैक्टली क्या है. किसे क्या खाना पसंद है, किसका जन्मदिन कब पड़ता है, मां ने क्या करने को बोला और बच्चे को स्कूल में किस चीज़ की ज़रूरत है? जबकि पुरुष सिर्फ़ उनकीं सूचनाओं को सही से याद रखते हैं, जो उन्हें बहुत महत्वपूर्ण लगती हैं.
शायद ये विभिन्नताएं ही हैं, जो स्त्री-पुरुष के बीच प्रेम का बंधन पैदा करती हैं. आपको क्या लगता है?