शिमला के इस अनोखे ‘Book Cafe’ को चलाते हैं उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे 4 क़ैदी

Sanchita Pathak

“ऐ ज़िन्दगी गर मुझे कैद ही करना है तो किताबों में कैद कर, तुझे जीना ज़रा आसान हो जाएगा”.

किताबों की क्या कहें, उनके बारे में जानना हो तो कोई अच्छी सी किताब उठा कर ख़ुद देख लें. आपने Book Cafes के बारे में तो कई दफ़ा सुना होगा. घूमते-फिरते किसी बढ़िया लेखक को ढूंढ़ने भी गए होंगे या फिर बस यूं ही सामने से गुज़र गए होंगे.

शिमला के जाने-माने Ridge रोड पर ‘Book Cafe’ आम Cafes की तरह नहीं है. शिमला के ख़ूबसूरत नज़ारों के साथ-साथ बेहद लज़ीज़ खाने का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं इस Book Cafe में, लेकिन ये सुविधा भी आपको दूसरे Book Cafes में भी मिल जाएगी.

इस Book Cafe को खास बनाते हैं इस Cafe को चलाने वाले लोग. इस Cafe को 4 ऐसे लोग चलाते हैं, जो पास के ही Kaithu Jail में उम्रकैद की सज़ा काट रहे हैं.

हिमाचल टूरिज़्म इस अनोखे Book Cafe को चलाने में सहायता कर रहा है. मकसद सिर्फ़ एक है, सज़ा भुगत रहे कैदियों को नई ज़िन्दगी देना. 20 लाख रुपये की लागत से बने इस Cafe में 40 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.

जय चंद, योग राज, राम लाल और राज कुमार इस Cafe के मालिक हैं. इन चारों को अलग-अलग डिशेज़ बनाने के लिए पेशेवर Chefs ने ट्रेनिंग दी है.

जय चंद ने Business Standard से बातचीत में कहा,

‘इस Cafe ने हमें बाहरी दुनिया से रूबरू होने का मौका दिया है. इस Cafe को हम चारों मिल कर स्वतंत्र रूप से चला रहे हैं. जो लोग इस Cafe में आते हैं, वे भी हमारे साथ बहुत अच्छा बर्ताव करते हैं. हालांकि वे बहुत उत्सुक होते हैं हमारे बारे में जानने के लिए, पर उनके दोस्ताना रवैये से हमें ख़ुशी होती है.’

इस Cafe का उद्घाटन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था.

नाम के अनुरूप इस Cafe में कई तरह की किताबें भी हैं. तो अगली बार जब भी शिमला जाएं, तो इस Cafe में जाना न भूलें. शायद आपमें ही कुछ बदलाव आ जाए.

Source: Post Pickle

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