सोशल मीडिया न सिर्फ़ लोगों से जुड़े रहने का माध्यम बन चुका है, बल्कि इसके ज़रिए हमें देश-दुनिया की तमाम ख़बरें भी पता चलती रहती हैं. हालांकि, वो बात और है कि इनमें से ज़्यादातर ख़बरों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. इसमें कोई दोराय नहीं है कि सोशल मीडिया के आने से हमारी लाइफ़ पहले से ज़्यादा आसान हो गई, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आजकल ये अफ़वाहों का बाज़ार बन चुका है.
सोशल मीडिया पर आए दिन कुछ न कुछ वायरल होता रहता है. कमाल की बात ये है कि इन चीज़ों को यूज़र्स के सामने इतने शानदार तरीके से पेश किया जाता है कि सामने वाला एक पल के लिए भी ये नहीं सोचता कि ये ख़बरें असली नहीं, बल्कि नकली भी हो सकती हैं.
जानिए ऐसी ही कुछ फ़ेक ख़बरों का सच.
1. यूनेस्को ने नरेंद्र मोदी को घोषित किया बेस्ट पीएम
शुरुआत करते हैं इस फ़ेक ट्वीट से, जिसमें एक यूज़र ने प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हुए लिखा है कि ‘यूनेस्को ने पीएम मोदी को सबसे अच्छा प्रधानमंत्री करार दिया, इसके लिए प्रधानमंत्री जी को शुभकामनाएं. मुझे भारतीय होने पर गर्व है. ‘
I am proud to be #Indian, thank you @UNESCO for judging @narendramodi as best PM of the world
Received on @WhatsApp pic.twitter.com/PQqDhjQR8f— Pranay Rupani (@pranayrupani) June 23, 2016
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों का तांता लग गया और देखते ही देखते ये ख़बर व्हॉट्सऐप से लेकर फ़ेसबुक तक सब जगह फ़ैल गई. हालांकि, जल्द ही इस अफ़वाह की पोल खुल गई और सच्चाई सबके सामने आ गई.
2. भारत का राष्ट्रीय गान दुनिया में सबसे अच्छा है
अब ज़रा इस झूठी ख़बर पर नज़र डालिए.बेस्ट प्रधानमंत्री के बाद सोशल मीडिया पर एक और अफ़वाह फ़ैलाते हुए कहा गया कि यूनेस्को ने भारत के राष्ट्रगान ‘जन गण, मन गण’ को दुनिया का सबसे अच्छा राष्ट्रगान घोषित किया है. बस फिर क्या था एक ट्वीट के बाद लोगों के अंदर देश भक्ति की भावना जाग गई और देखते ही देखते ख़बर इंटरनेट पर तेज़ी से वायरल हो गई.
हैरानी तब हुई, जब बॉलीवुड एक्टर आमिर खान भी इस झूठी ख़बर के झांसे में आ गए और ट्वीट करते हुए बधाई का संदेश दे डाला. इसके बाद यूनेस्को ने ख़ुद सफ़ाई देते हुए, ऐसी किसी भी घोषणा से इंकार कर दिया.
3. यूनेस्को ने 2000 के नए नोटों को कहा बेस्ट करेंसी
नोटबंदी के बाद सोशल मीडिया में ये अफ़वाह उड़ाई गई कि यूनेस्को ने 2000 की नई करेंसी को दुनिया की बेस्ट करेंसी डिक्लेयर किया है.
इस ख़बर के साथ व्हाट्सएप पर मैसेज का सिलसिला चल पड़ा. हालांकि, इस तरह के मैसेज को आगे फ़ॉर्वड करने से पहले लोग ये भूल जाते हैं कि यूनेस्को के पास किसी भी चीज़ को बेस्ट घोषित करने का अधिकार ही नहीं है.
4. नए नोटों में चिप है
500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के बाद सरकार ने 2000 के नए नोट जारी किए. ख़बर अभी टीवी और अख़बारों में आई थी कि इसे लेकर भी लोगों ने झूठी ख़बर बना. दरअसल, 2000 के नए नोटों को लेकर यूज़र्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि नए नोटों में एक ख़ास तरह की चिप लगी है, जिससे काले धन पर लगाम लगेगी.
इसके बाद मामले में आरबीआई ने स्पष्ट करते हुए कहा कि 2000 के नए नोटों में नैनो जीपीएस चिप नहीं है, न ही इस तरह की किसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है.
5. नए नोट में रेडियोएक्टिव इंक है
सोशल मीडिया पर चली अफ़वाह की मानें तो बड़ी संख्या मे नोटोंं की बरामदगी मेंं IT विभाग की सफ़लता का कारण नोट में कोई चिप नहीं, बल्कि रेडियोएक्टिव इंक है. अफ़वाह के मुताबिक, कई देशोंं में रेडियोएक्टिव स्याही का प्रयोग इंडिकेटर के रूप में किया जाता है, जिससे किसी भी चीज़ को ढूंढने में आसानी हो जाती है. हालांंकि, सरकारी ऐजेंंसी ने इस तरह की किसी भी ख़बर से इंकार किया है.
6. वॉट्सऐप पिक्चर को इस्तेमाल कर रहे हैं ISIS
फ़ेक न्यूज़ के दौर में इंटरनेट पर एक और अफ़वाह फ़ैलाते हुए लोगों से कहा गया कि वॉट्सऐप से अपनी प्रोफ़ाइल पिक्चर हटा लें, वरना ISIS हैकर्स की मदद से इन पिक्चर्स को चुराकर आतंकी गतिविधियों के लिए इसका गलत इस्तेमाल कर सकता है. मैसेज के मुताबिक, वॉट्सऐप के सीईओ ने यूज़र्स से अपील की है कि 20-25 दिनों के अंदर अपनी पिक्चर हटा दें, साथ ही इस मेसेज को सभी को फ़ॉरवर्ड कर दें.
इतना ही नहीं, मैसेज के अंत में ‘आईपीएस ए.के. मित्तल’ का नाम लिखा हुआ है और एक फ़ोन नंबर भी दिया हुआ था. दावा किया गया है कि ये मेसेज दिल्ली के कमिश्नर की तरफ़ से जारी है. ट्रूकॉलर पर चेक करने पर पता चला कि ये नंबर अरशद अली नाम के किसी शख़्स का है और बहुत से लोगों ने इसे स्पैम मार्क किया हुआ है.
7. आरबीई ने 10 रुपये के सिक्के अवैध घोषित किए
नोटबंदी से करीब एक महीने पहले WhatsApp पर मैसेज करते हुए लोगों से कहा है कि 10 रुपये के पुराने सिक्के अब मान्य नहीं होंगे, आरबीआई ने इन्हें अमान्य घोषित कर दिया है, ख़ासकर आगरा, दिल्ली और मेरठ के इलाकों के लिए. वहीं सोशल मीडिया पर फ़ैली इस अफ़वाह के कारण लोगों को काफ़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. कई दुकानदारों से लेकर ऑटो वालों तक ने सिक्के लेने से मना कर दिया.
इसके बाद आरबीआई ने सफ़ाई देते हुए कहा कि बिज़नेस स्टैंडर्ड की वजह से नए सिक्के जारी किए गए हैं. पुराने सिक्कों को लेकर किसी भी तरह की अफ़वाह पर विश्वास न करें.
8. जयललिता की बेटी है और वो यूएस में रहती है
तमिलनाडु की मुख़्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद सोशल मीडिया पर एक फ़ोटो पोस्ट करते हुए, अफ़वाह उड़ाई गई कि तस्वीर में दिखाई दे रही महिला अम्मा की बेटी है और वो यूएस में रहती है. साथ उसे जयललिता की करोड़ों की प्रॉपर्टी का हकदार भी बताया गया.
वहीं इंटरनेट पर ख़ुद के बारे में झूठी ख़बर फ़ैलता देख महिला सामने आई और ख़बरों को मनगढ़त बताया. साथ ही ये भी पता लगा की महिला का नाम चिन्मयी श्रीपदा है और वो यूएस की टीवी एकंर है.
9. भारत में नमक की कमी है
झठी ख़बरों की इस लिस्ट में एक ख़बर ये भी है, जिसमें शाम के वक़्त अचानक से लोगों के बीच एक मेसेज शेयर कर कहा गया कि उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक नमक की बेहद कमी है. बस क्या था, लोग बिना सोचे-समझे घर से निकल नमक ख़रीदने में जुट गए. इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें, तो इस वजह से कानपुर निवासी एक महिला की मौत हो गई थी.
वहीं यूपी और दिल्ली में नमक की किल्लत की झूठी खबरों के बाद, केन्द्रीय उपभोक्ता विभाग ने साफ़ करते हुए कहा, देश में नमक की कोई कमी नहीं है और इसकी कीमतों में इज़ाफ़ा नहीं हुआ है.
10. मार्क टुली ने मोदी सरकार का समर्थन किया
बीबीसी इंडिया के पूर्व ब्यूरो चीफ़ और जाने-माने पत्रकार मार्क टुली के बारे में भी एक फ़र्जी ख़बर फ़ैली, जिसमें कहा गया कि टुली ने मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी के प्रति समर्थन जताते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सरकार एक बरगद के पेड़ की तरह है, जो अपनी छाया में सबकुछ ढक लेता है, चाहे वो व्यक्ति हो या विभिन्न भारतीय संस्थाएं.
ऐसा नहीं है कि सोशल मीडिया पर वायरल हर ख़बर झूठी होती है. कई बार इसकी वजह से कई ज़रूरतमंदों को मदद मिल जाती है. पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ज़्यादातर ख़बरें अफ़वाहें होती हैं. सच और झूठ के बीच अंतर करना, ये आप पर निर्भर करता है.