भारत में आपने भूतिया महल, खंडहर और बंगलों के बारे में तो बहुत सुना होगा. लेकिन क्या आपने कभी भारत के भूतिया रेलवे स्टेशंस के बारे में सुना है? जरा सोचिये अगर आप किसी रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं तभी आपको अपने पास किसी की मौजूदगी का एहसास होता है. जब तक आप कुछ समझ पाते आप देखते हैं कि आपके सामने कोई बुज़ुर्ग खड़ा है, जो आपसे टाइम पूछ रहा है. टाइम पूछने के बाद वो बुज़ुर्ग गायब हो जाता है. कुछ ऐसी ही कहानियां हम अकसर लोगों से सुनते रहते हैं और फ़िल्मों में भी देखते हैं. पर वास्तविकता में भारत में कई ऐसे भूतिया रेलवे स्टेशंस हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वहां आत्माएं भटकती रहती हैं. इसी कारण कुछ स्टेशंस को तो बंद भी कर दिया गया है.
चलिए आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही भूतिया रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रात के वक़्त जाना बेहद डरावना है.
1- बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन, पश्चिम बंगाल
ये रेलवे स्टेशन इतना ज़्यादा डरावना है कि इसे पिछले 42 साल से खोला तक नहीं गया है. 1967 में एक रेलवे कर्मचारी ने पुरलिया इलाके में रेलवे लाइन के पास सफेद साड़ी पहने एक महिला का भूत देखने का दावा किया था. कुछ दिन बाद उस कर्मचारी की मौत हो गई थी.अफ़वाह फ़ैलने के बाद रेलवे कर्मचारियों ने काम करने और पोस्टिंग लेने से भी मना कर दिया था. जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया.
2- बड़ोग स्टेशन, शिमला
शिमला के बड़ोग स्टेशन के बारे में बताया जाता है कि ब्रिटिश काल के दौरान जब इस स्टेशन में टनल बनाई जा रही थी, तब एक इंजीनियर ने दूसरे कर्मचारियों के सामने सीनियर से अपमानित होने के बाद आत्महत्या कर ली थी. उस इंजीनियर की लाश को इसी टनल के नज़दीक दफ़ना दिया गया था. कहा जाता है कि आज भी उसकी आत्मा इस टनल के इर्द-गिर्द घूमती रहती है.
3- एमजी रोड मेट्रो स्टेशन, गुड़गांव
गुड़गांव के एमजी रोड मेट्रो स्टेशन के बारे में माना जाता है कि यहां दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गई थी. तभी से उसकी आत्मा यहां भटकती रहती है. कुछ लोगों का कहना है कि ये महिला मेट्रो ट्रेन के शीशे में से अपनी आंखों और जीभ निकाल कर लोगों को डराती है.
4- रवींद्र सरोबर मेट्रो स्टेशन, कोलकाता
कोलकाता के रवींद्र सरोबर मेट्रो स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि यहां ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या करने वालों की आत्माएं लोगों को डराती हैं. रात के 10:30 बजे के बाद यहां मुसाफ़िरों और मेट्रो ड्राइवरों ने भी किसी के होने का अनुभव किया है. कभी-कभी मेट्रो ट्रैक के बीच अचानक कोई धुंधला साया प्रकट होता है और एकदम से गायब हो जाता है.
5- द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन, दिल्ली
दिल्ली के सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन के बारे में भी कहा जाता है कि यहां एक लड़की की आत्मा भटकती रहती है. जो सफ़ेद साड़ी में में लोगों की गाड़ी के आगे-पीछे भागती रहती है. कभी-कभी तो कार के दरवाज़े भी खटखटाती है और बात न सुनने पर थप्पड़ तक मार देती है.
6- चित्तूर रेलवे स्टेशन, आंध्र प्रदेश
चित्तूर रेलवे स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि सीआरपीएफ़ अधिकारी हरि सिंह की केरल एक्सप्रेस में ड्यूटी के वक़्त हत्या कर दी गई थी. हरि सिंह को पिटाई के बाद गंभीर हालत में चित्तूर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से नीचे धकेल दिया गया था. 10 दिन तक अस्पताल में मौत से जंग लड़ने के बाद उनकी मौत हो गई थी. आज तक उनके परिवार को कोई न्याय नहीं मिला. इसीलिए उनकी आत्मा ‘न्याय की तलाश’ में यहां भटकती रहती है.
7- लुधियाना रेलवे स्टेशन
लुधियाना रेलवे स्टेशन की भी एक अलग ही कहानी है. एक समय में इसके आरक्षण केन्द्र के एक कमरे में कम्प्यूटर आरक्षण प्रणाली (सीआरएस) के अधिकारी सुभाष नौकरी किया करते थे. किसी कारणवश सुभाष की इसी कमरे में मौत हो गयी थी. लोगों का कहना है कि इस कमरे के आस-पास से गुज़रने पर सुभाष की आत्मा पीठ पर चिकोटी काटती है. सुभाष को अपनी नौकरी से प्रेम था, इसलिए उनकी आत्मा नहीं चाहती कि उनकी कुर्सी पर कोई और बैठे. अब इस कमरे को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है.
8- नैनी रेलवे स्टेशन, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के नैनी रेलवे स्टेशन के बारे में भी कहा जाता है कि नैनी जेल के बेहद करीब इस स्टेशन पर स्वतंत्रता सेनानियों की आत्माएं मौजूद हैं, जिनकी मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से जेल में हो गई थी. आज भी इन सिपाहियों की आत्माएं यहां भटकती रहती हैं.
9- डोंबिवली रेलवे स्टेशन, महाराष्ट्र
डोंबिवली रेलवे स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि एक बार एक शख़्स रात के 12 बजे काम करके घर लौट रहा था. उसने देखा कि उसी डिब्बे में एक महिला भी है, जो रो रही है. वो लड़का उस महिला के पास गया और उससे मदद के लिए पूछा, जिस पर महिला ने कहा कि उसे घर जाना है. उस लड़के को लेट हो रहा था इसलिए वो अगली ट्रेन लेकर घर चला गया. अगले दिन जब वो फिर अपने दोस्तों के साथ ट्रेन पकड़ने आया, तो उसने देखा कि वो महिला उसी जगह पर बैठी है. जब उसने इस बारे में अपने दोस्तों को बताया तो उसके दोस्तों ने कहा कि वहां तो कोई बैठा ही नहीं है.
10- मुलुंड रेलवे स्टेशन, मुम्बई
Paranormal संस्थाओं ने तो इस स्टेशन पर किसी भी प्रकार के भूत-प्रेत होने की बात को कभी नहीं मानी. लेकिन लोगों का मानना है कि आज भी इस स्टेशन पर रेलवे पटरियों को पार करते समय मरने वालों की आत्माएं यहां भटकती रहती हैं. रात में कभी-कभी यहां रोने और चिल्लाने की आवाज़ें भी सुनाई देती हैं.
दोस्तों अगर आपको भी ऐसे किसी भूतिया रेलवे स्टेशन के बारे में और उसकी कहानी पता है, तो हमारे साथ शेयर करें.