हमारे देश की परंपरा बहुत धनी रही है. पूरी दुनिया हमारी महान संस्कृति के आगे छोटी दिखती है. हमने इस विश्व को न जाने किन-किन चीज़ों से परिचित कराया है. इनमें से कुछ ऐसी भी हैं, जो बीच में प्रचलन में नहीं होने से विलुप्त हो गईं और इसी दौरान किसी और देश ने उसे नया रूप देकर हमारे सामने खड़ा कर दिया. पर भारतीय होने के नाते ये जानना आपके लिए ज़रूरी है कि हमारे देश ने पूरी दुनिया को क्या-क्या दिया है? इतना ही नहीं, कुछ बड़े नाम ऐसे भी हैं, जिनको सुनते हुए कभी आपने सोचा भी नहीं होगा कि ये भारतीय ब्रांड्स हैं.
आइये आपको आपकी वास्तविक भारतीय चीज़ों से परिचित करवाते हैं.
1. भारतीय गृहणियों के पास सोने का भंडार
भारतीय महिलाओं को सबसे ज़्यादा प्यार सोने से होता है. लेकिन इस प्यार के कारण उनके पास इतना सोना इकट्ठा हो गया है कि जो अमेरिका, जर्मनी और स्विज़रलैंड के सोने से भी ज़्यादा है. विश्व का करीब 11 प्रतिशत सोना भारतीय महिलाओं के पास पाया जाता है. आप भी गौर से देखिए अपने घर में. कहीं 11 प्रतिशत में आपकी भी तो भागीदारी नहीं है.
2. प्राचीन भारतीय खेल से हुई शतरंज की उत्पत्ति
दिमाग का खेल शतरंज दुनिया को भारत ने ही दिया है. विश्वनाथन आनंद दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी भारत के ही हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस खेल की शुरुआत छठी शताब्दी में हुई थी. उस वक्त इसे चतुरंगा के नाम से जाना जाता था. आज भी इस खेल के नियम छठी शताब्दी के चतुरंगा से काफ़ी मिलते-जुलते हैं.
3. सांप-सीढ़ी का खेल
भारत ने दुनिया को कई खेलों से अवगत कराया है. इसमें से एक खेल सांप-सीढ़ी भी है. आज भी ये खेल दुनियाभर में काफ़ी प्रचलित है. हालांकि वक़्त और स्थान के साथ इसके कई नाम पड़े. भारत के कई राज्यों में इसे ज्ञान चौपड़ या पच्चीसी के नाम से भी जाना जाता है.
4. स्नूकर की उत्पत्ति
अकसर हम स्नूकर को विदेशी खेल के रूप में जानते हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस खेल की शुरुआत भारत में ही हुई थी. सन् 1875 में मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर की ब्रिटिश आर्मी ऑफ़िसर्स मेस में इसको सबसे पहले खेला गया. इसके बाद धीरे-धीरे इसने पूरी दुनिया में अपनी पकड़ बना ली.
5. Peter England भारतीय कंपनी है
Peter England नाम सुनते ही हमें इस कंपनी का ताल्लुक इंग्लैंड से लगता है. लेकिन आदित्य बिड़ला ग्रुप इस कपड़े बनाने वाली कंपनी पर अपना हक रखती है. Madura Fashion & Lifestyle के अंदर आने वाली ये कंपनी पूरी तरह से भारतीय है.
6. Switzerland का विज्ञान दिवस
आप सोच रहे हैं भारत के अनोखे फैक्ट्स वाली लिस्ट में स्विट्ज़रलैंड का नाम कहां से आ गया, तो आपको बता दें कि स्विट्ज़रलैंड में विज्ञान दिवस किसी भारतीय की वजह से ही मनाया जाता है. मई 26 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वहां गये थे, इसी सम्मान में स्विस गवर्नमेंट ने इस दिन को अपना राष्ट्रीय विज्ञान दिवस घोषित कर दिया.
7. भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क
भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. हर दिन करीब 2.5 करोड़ लोग इसमें सफ़र करते हैं, जो कि ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर है. इतने लोगों को सुविधा पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने कुल 16 लाख कर्मचारियों को नौकरी दी है और हर साल इसमें लगातार वृद्धि हो रही है.
8. Siachen Glacier, दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध-क्षेत्र
एक तरफ़ पाकिस्तान और दूसरी तरफ़ चीन से सीमा लगने के कारण Siachen Glacier दुनिया का सबसे ऊंचा और ठंडा युद्ध-क्षेत्र बन जाता है. समुद्रतल से 20,000 फ़ीट की ऊंचाई पर ये बर्फ़ से ढके पहाड़ स्थित हैं. भारतीय सैनिक इस ठंडे और विरान जगह की बड़ी मुश्तैदी से पहरेदारी करते हैं.
9. Indian Ocean
दुनिया के महासागरों को 8 हिस्सों में बांटा गया है. जिसमें से एक है हिन्द महासागर. ये इकलौता महासागर है, जिसका नाम किसी देश के नाम पर पड़ा है. ये हिन्दुस्तानियों के लिए गर्व की बात है.
10. नवी मुंबई Township
बंबई के नवी करण को बड़े गौर से किया गया. इसका नाम बदल कर मुंबई हुआ, जिसके बाद इसका विस्तार शुरू हुआ. साल 1972 में नवी मुंबई बनी. इस शहर को Planned Satellite Township के ज़रिए बसाया गया. कहा जाता है कि देश की कुछ सबसे महंगी ज़मीने इस शहर का ही हिस्सा हैं. इतना ही नहीं, ये दुनिया की सबसे बड़ी Township भी है.
11. विश्व का पहला फिंगरप्रिंट ब्यूरो
दुनियाभर के मुजरिमों की तलाश करने में फ़िगर प्रिंट्स का एक अहम योगदान रहता है. लेकिन एक बात शायद आप नहीं जानते होंगे कि विश्व का पहला फिंगरप्रिंट ब्यूरो कोलकाता में 1897 में बनाया गया था.
12. विश्व का सबसे बड़ा स्कूल
लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में 45 हज़ार से भी ज़्यादा बच्चे पढ़ते हैं. ये संख्या दुनिया के किसी भी स्कूल में एक साथ पढ़ने वाले छात्रों से कहीं ज़्यादा है. इस कारण ये स्कूल विश्व का सबसे बड़ा स्कूल कहा जाता है.