हर तस्वीर की एक कहानी होती है और हर कहानी की हमारे दिमाग में एक तस्वीर. ये कहानी उस व्यक्ति की है जो अपनी तस्वीरों को बयां नहीं करता, बल्कि इसकी तस्वीरें इतनी काबिल हैं कि वो खुद को बयां कर देती हैं. ये वो व्यक्ति है जो आज से कुछ सालों पहले सड़क से कूड़ा उठाता था. ये वो है जो ढाबे पर बर्तन धोता था. ये है मशहूर फोटोग्राफर विक्की रॉय.
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले का रहने वाला विक्की साल 1999 में अपना घर छोड़ कर दिल्ली भाग आया. जेब में महज़ 800 रुपये और पोटली में बंद परेशानियों के साथ वो 13 साल का लड़का ट्रेन से उतर गया. उस छोटी उम्र में उसके कंधों पर जिम्मेदारी तो नहीं थी पर कूड़ा रखने वाला झोला ज़रूर आ गया था. कुछ समय बाद जब इलाके के गुंडे उसे परेशान कर उसके पैसे छीनने लगे, तो गुस्से में आकर विक्की ने वो काम छोड़ दिया.
इसके बाद विक्की एक ढाबे पर बर्तन साफ करने लगा. यहां उसे मिली एक महिला उसे अपने साथ ‘सलाम बालक ट्रस्ट’ ले गई. ‘अपना घर’ नाम के शेल्टर में विक्की कुछ 50 परिवार जनों के साथ रहता था. परिवार जन इसलिए क्योंकि विक्की की मानें तो वो महज़ एनजीओ नहीं बल्कि सच में एक परिवार था. विक्की को वो सारी सहूलियतें मिल रही थीं जो एक निम्न मध्यम वर्ग परिवार को मुहैया होती थीं. यहां विक्की स्कूल भी जाता था और अपने साथ के छोटे बच्चों देख-रेख और पढ़ाई में मदद भी करता था. विक्की साल 2000 से 2005 तक सलाम बालक ट्रस्ट की देख-रेख में थे.
साल 2004 में ब्रिटिश फोटोग्राफर के साथ काम करते हुए विक्की ने उस कैमरे के लेंस से अपना सपना देख लिया. ट्राइपॉड और कैमरे का सामान उठाते हुए विक्की ने कैमरे की बारीकी और इस कला में भी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी. विक्की जिन गलियों में बड़ा हुआ था और जिस परिस्थिती में रहा था, उसी को विक्की ने अपनी फोटोग्राफी थीम बना लिया. इसी के साथ तस्वीरों में दिल कैद करने की इस कला को उन्होंने अपना लिया. विक्की की 25 तस्वीरें दिल्ली के ‘The India Habitat Gallery’ में ‘Street Dreams’ के नाम से प्रदर्शित हुई. इस प्रदर्शनी को British High Commission और UK के Department for International Development ने प्रायोजित किया था. विक्की की वहां 7 तस्वीरें दस-दस हज़ार में बिकीं. इसी के साथ विक्की को उड़ान मिल गई.
विक्की के नाम काफी इनाम दर्ज हैं. 2016 के Forbes 30 Under 30 Asia की सूची में भी विक्की का नाम शामिल है.
विक्की रॉय ये तस्वीरें आपका दिल जीत लेंगी.
साल 2004 में विक्की पुरुलिया में अपने घर वापस गए थे. अब विक्की के पास उनके परिवार और सपने दोनों का साथ है.
Photo Source- Vicky Roy