इतने सालों में कैमरे के रूप बदल गये, तकनीक बदल गई, चेहरों के भाव बदल गये, पहनावा बदल गया और नज़रिया भी बदल गया. पर नहीं बदली तो एल्बम में लगी वो तस्वीरें, जिन्हें देख कर बीते दौर की यादें आज भी ताज़ा हो जाती हैं. हर दिल के कोने में मीठी, खट्टी, शरारत और मासूमियत से भरी यादें बसी हैं. इन लम्हों को हम, यादों की किताब (एल्बम) में संजो कर रखते हैं. शायद आपने भी रखी हों. खैर, बात करते हैं एक फोटोग्राफर की, जिसके नज़रिये की खूबसूरती उस दृश्य को नया और अनोखा रूप दे देती है, जिसे वो कैमरे के साथ देखता है. लेखक के पास तो अपनी बात कहने के लिए शब्दों का भंडार होता है, पर फोटोग्राफ़र के पास सिर्फ उसकी तस्वीर होती है. उसकी एक तस्वीर हज़ार शब्द कहने के साथ-साथ आपको उस समय में भी ले जाने का दम रखती है, जिस दौर में उसे क्लिक किया गया था.
1. अपने बच्चे के साथ एक मां.
2. ब्रिटिश दौर की तस्वीर.
3. बम्बई बाइ-साइकिल कल्ब.
4. हरि दासु.
5. मद्रास की एक महिला.
6. 1860 का स्वर्ण मंदिर.
7. थॉमस डीसूज़ा का परिवार.
8. कलकत्ता में भीख मांगता व्यक्ति.
9. कांचीपुरम का मंदिर, भारत.
10. 1856 में उत्तरी बंगाल के कुली.
11. अंग्रेजों के बच्चों की देख-रेख करते भारतीय नौकर.
12. ब्रह्मचर्य आश्रम के लड़कों के साथ रबीन्द्रनाथ टैगोर, शांति निकेतन 1903.
13. 1860 में ली गई, दार्जिलिंग के भूटिया लोगों की तस्वीर.
14. पारसी महिला के साथ खड़ा उसका बेटा.
15. 1906 में पुरानी दिल्ली की पटरियों पर नृत्य करती लड़कियां.
16. मारवाड़ी व्यापारियों की तस्वीर, बम्बई.
17. भारत का एक शाही परिवार.
18. मीनाक्षी अमान मंदिर, मदौरी, भारत.
19. अंडमान के आदिवासी मछलियों का शिकार करते हुए, 1870.