सवाल था, वो कौन सी बातें थीं, जो मम्मी-पापा से कह दीं और अब बुरा लगता है, जवाब काफ़ी इमोशनल मिले

Sanchita Pathak

‘मां तुम बिल्कुल नहीं समझतीं’

‘फिर से वही भिंडी, वही दाल, क्या यार मम्मी!’
‘पापा आपसे तो बात ही करना बेकार है.’ 

शायद ही कोई ऐसा बच्चा हो जिसने घर पर रहते हुए ऐसा या इससे मिलता-जुलता कुछ मम्मी-पापा से न कहा हो. जाने-अनजाने, गुस्से में, बिना सोचे-समझे हम अपने मम्मी-पापा का दिल दुखा देते हैं. उन्हें दुख पहुंचता है पर वो बच्चा है बोलकर माफ़ कर देते हैं. बड़े होने के बाद जब उनसे दूर होते हैं तब हमें उन कहे बातों पर दुख होता है.  

हमने लोगों से पूछा कि जाने-अनजाने वो कौन सी बात है जो आपने मम्मी-पापा को कह दी थी पर अब सोचकर दुख होता है- 

1. हॉस्टल के दिनों में मैं अपने घर गई थी. और लास्ट डे मैं अपनी एक दोस्त के यहां नाइट स्टे के लिए चली गई थी. मेरी मां हमेशा बाहर स्टे करने पर नाराज़ होती थीं. उस दिन लड़ाई भी हो गई. जब मैं घर से निकली तो हमने एक दूसरे को देखा भी नहीं. मैं हॉस्टल लौट गई. 

– शोभा

Manorama Online

2. जब मैं घर पर था तो मम्मी से झगड़ा करने के बाद गुस्से से बोल देता था एक बार घर से निकल जाऊं फिर कभी वापस ही नहीं आऊंगा, अब बुरा लगता है.

– माहीपाल

3. मैं अक़्सर मां-बाबा की कही बात को अनसुना कर देती थी और अब दिल करता है कि वो बहुत कुछ करने को कहें पर अब नहीं कहते.

– संचिता

Gurgaon Moms

4. बचपन में कभी मम्मी के खाने की तारीफ़ नहीं करता बुरा भला अलग से बोल जाता था, वो बहुत अच्छी कुक थी भी नहीं… बाद में जब ख़ुद से पका कर जला-भुना खाना पड़ा तो मम्मी के एफ़र्ट की याद आई… बाद में जब भी घर पर खाना खाया, कैसा भी बना हो तारीफ़ ज़रूर करता हूं.

– कुंदन

5. एक बार गुस्से में पापा को बोल दिया था आप हमारी ज़रूरत पूरी ही नहीं कर सकते तो क्या फ़ायदा ऐसी जॉब का? देखना एक दिन मैं आपसे बड़ा आर्मी ऑफ़िसर बनूंगा, मैं नहीं बन पाया.

– माहीपाल

6. घर का खाना नहीं खाती थी और जो बने उस पर शिकायत और अब उसके लिए तरस जाती हूं.

– किरण

India Today

7. मैं मां को हमेशा कहती थी कि उन्हें कुछ नहीं पता, अब लगता है कि उन्हें सबकुछ पता था.

– कृतिका

8. ठीक से याद नहीं लेकिन शायद बहन से लड़ाई के बाद की बात है. उसने शिकायत कर दी और मुझे ज़बरदस्त डांट पड़ी. ग़ुस्से में मैंने कह दिया कि आप लोग Partiality करते हैं. फिर डांट के बाद ज़बरदस्त थप्पड़ भी खाया. ख़ैर, तब ऐसा भारी-भरकम English का वर्ड “Partiality” बोलना नहीं चाहिए था!

– नबील

Blog

9. तब तो कभी बोलने की हिम्मत नहीं हुई, लेकिन 2 साल पहले पापा ने अपने लिए लैपटॉप खरीदा था, लेकिन उनको उस पर काम करना नहीं आता था, और वो बार बार पूछते थे. एक दिन गुस्से में बोल दिया था कि आपको कुछ नहीं आता, हम नहीं बताएंगे. उसके बाद उन्होंने कंप्यूटर का क्रैश कोर्स ज्वाइन कर लिया. तब बहुत ख़राब लगा. मगर अब वो बाकि चीज़ें पूछते हैं जैसे Whatsapp, Facebook, Twitter…

– राशि

Feature Image by: Muskan

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं