कोई कितना ही अंग्रेज़ क्यों न बन ले, इन 10 मौकों पर सब हिंदी पर ही आ जाते हैं

Komal

आज हिंदी दिवस है, पर इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि हम आपको हिंदी दिवस के महत्व के बारे में बता कर पकाएंगे. बल्कि, आज हम उन मौकों की बात करेंगे, जहां अंग्रेज़ बनने वालों की भी हिंदी निकल जाती है.

आप ज़्यादातर लोगों को इन दिनों अंग्रेज़ी झाड़ने की कोशिश करते देखते होंगे, ऐसे लोगों के मन में ये धारणा होती है कि अंग्रेज़ी कूल है. इन लोगों को ज़रा इन मौकों पर भी देखिएगा, सारी स्टाइल यहां धरी की धरी रह जाती है.

1. भगवान से कुछ मांगते हुए

 जहां इंसान धार्मिक होता है, वहीं उसे साड़ी हिंदी भी याद आ जाती है. भगवान से कोई भी कुछ अंग्रेज़ी में नहीं मांगता.

2. मोल-भाव करते हुए

ऑटो वाले से मोल-भाव करते हुए या कहीं भी बार्गेनिंग करते हुए हिंदी निकलना आम है. और हम इंडियन लोग बार्गेनिंग का मौका तो कभी नहीं छोड़ते.

3. जब कोई गाड़ी ठोक दे

सड़क पर Frustration हिंदी में ही निकलता है. अंग्रेज़ी गालियों में वो मज़ा कहां!

4. चुगली करते हुए

Bitching हिंदी में नहीं की, तो क्या ख़ाक Bitching की?

5. डर में

अब आप जानते ही होंगे डर को हिन्दुस्तानी कैसे बयां करते हैं.

6. चोट लगने पर

दर्द के साथ जो गाली निकलती है, वो अंग्रेज़ी में नहीं होती.

7. सरकारी बाबू से बात करते हुए

जब काम निकलवाना हो, तो बात हिंदी से ही बनती है.

8. भंड होने पर

हां, हां, पता है दारू पी कर लोग अंग्रेज़ी बोलते हैं, लेकिन ज़्यादा पीने पर या भंड हो जाने पर बंदा वापस हिंदी पर लौट आता है.

9. पुलिस के सामने

अब हालत ही ऐसी हो जाती है कि वहां लोगों को स्टाइल मारना याद ही नहीं रहता.

10. भड़ास निकालते हुए

जिस दिन बॉस रुला देता है, उस शाम दोस्त को दर्द सुनाते हुए अंग्रेज़ी तो नहीं बोलते न?

समझे? हम किते ही मॉडर्न क्यों न बन लें, दिल से तो देसी ही रहते हैं. ऐसे और भी मौके आपको याद हों, तो कमेंट कर के ज़रूर बताएं. 

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