कौन थे Ramon Magsaysay, जिनके नाम पर एशिया का सबसे प्रतिष्ठित Magsaysay अवॉर्ड दिया जाता है?

Kundan Kumar

एशिया का नोबल प्राइज़ कहा जाने वाले Ramon Magsaysay अवॉर्ड के बारे में तो आपने सुना भी होगा. वही जो अरिवंद केजरिवाल को मिला है, किरन बेदी को भी मिला है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये Ramon Magsaysay कौन हैं?

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कौन थे Ramon Magsaysay?

पूरा नाम Ramón Del Fierro Magsaysay, ये फ़िलीपीन्स के 7वें राष्ट्रपति थे. इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि देश से कम्युनिस्टों द्वारा चलाए जा रहे Hukbalahap Movement को ख़त्म करना. ये उन्होंने तब किया, जब वो फ़िलीपीन्स के रक्षा विभाग के सचिव थे. अपने काम के लिए उन्होंने आर्मी में बड़े फे़रबदल किए, भ्रष्टाचारियों और निकम्मों को बाहर का रास्ता दिखाया, ईमानदार किसानों को भी आर्मी में बहाल किया गया. इस अभियान को आधुनिक इतिहास में सबसे सफ़ल Anti-Guerrilla अभियान माना जाता है.

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एक राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए. उनमें से एक था अमेरिका के साथ मज़बूत रिश्ते. फ़िलीपींस में भूमि सुधार Ramon Magsaysay की अगुवाई में हुआ. देश में उनकी पहचान एक समाजवादी नेता के तौर पर थी. जहां पहले राष्ट्रपति को ‘His Excellency’ कहने की प्रथा थी, वहां उन्होंने ख़ुद को ‘Mr. President’ कहलाना पसंद किया.

राष्ट्रपति पद तक का सफ़र

31 अगसत, 1907 को Ramon Magsaysay का जन्म Zambales में एक लोहार के परिवार में हुआ, उनकी मां स्कूल टीचर थी. 1927 तक उन्होंने हाई स्कूल तक की पढ़ाई पूरी कर ली थी. आगे की पढ़ाई उन्होंने कॉमर्स से की. अपना ख़र्च चलाने के लिए वो एक ऑटोमोबील कंपनी में काम भी करने लगे थे.

द्वितीय विश्वयुद्ध शुरु होने के बाद वो फ़िलीपीन्स आर्मी का हिस्सा बन गए. कठिन परिस्थितियों में उनके भीतर का लीडर सामने आया और उन्हों जापानियों के ख़िलाफ़ सेना की अगुवाई की. देश भर में उनके वीरता के चर्चे थे.

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22 अप्रेल, 1946 को लेबर पार्टी की ओर से संसद के सदस्य बने. बाद में उन्हें गुरिला जंग को ख़त्म करने के लिए चयनित कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया.

1949 में वो दोबारा से संसद के सदस्य चुने गए और इस बार उन्हें संसद की रक्षा कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया. तभी उन्होंने गुरिला युद्ध को पूरी तरह से ख़त्म करने का मसौदा ततकालीन राष्ट्रपति को सौंपा, जो बाद में सफ़ल साबित हुआ.

इसके बाद उन्होंने ख़ुद राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने का निश्चय किया. इस फ़ैसले का वहां की जनता ने दिल खोल कर स्वागत किया और उन्हें देश का अगला राष्ट्रपति बनाया. Ramon Magsaysay के कार्यकाल को फ़िलीपीन्स के इतिहास का स्वर्णकाल कहते हैं. उस दौरान फ़िलीपीन्स एशिया का दूसरा सबसे साफ़-सुथरा देश बन गया था.

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एक साल में राष्ट्रपति को मिली साठ हज़ार शिकायतों में से तीस हज़ार का सीधा निवारण किया गया. 25 हज़ार शिकायतों के लिए सरकारी संस्थाओं की सहायता ली गई. उन्होंने 65 हज़ार एकड़ ज़मीन ग़रीब परिवारों में बांट दी. Roman Magsaysay आम जनता के राष्ट्रपति थे.

दुखद है कि 16 मार्च 1957 को Manila से लौटते हुए विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई.

अगले महीने उनकी याद में Rockefeller Brothers Fund ट्रस्ट की ओर से Ramon Magsaysay पुरस्कार की स्थापना की गई.

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