रौशनी का त्यौहार…दिपावली
देश का कोना कोना जगमगा उठता है. यक़ीन करना मुश्किल होता है कि इस दिन अमावस्या की रात होती है.
क्यों मनाते हैं दिवाली?
दिवाली मनाने के पीछे कई कहानियां हैं. जो सबसे प्रचलित कहानी है, वो है राम की अयोध्या वापसी और अयोध्या निवासियों द्वारा दीप जलाकर किया गया उनका स्वागत. इसके अलावा भी कुछ कहानियां हैं जो आप यहां पढ़ सकते हैं.
https://hindi.scoopwhoop.com/reason-to-celebrate-diwali-in-different-part-of-india/
तमिलनाडु में अमावस्या से एक दिन पहले दिवाली
क्या आप जानते हैं कि तमिलनाडु और दक्षिण के अन्य राज्यों में अमावस्या से एक दिन पहले ही दिवाली मनाई जाती है.
एक ट्विटर यूज़र ने इस सवाल का ख़ूबसूरती से जवाब दिया है.
क्यों मनाते हैं एक दिन पहले दिवाली?
तमिलनाडु में Lypassi माह में अमावस्या से एक दिन पहले मनाया जाता है. पूरे भारत में अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है.
कहते हैं भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध इसी दिन किया था और उस जीत की ख़ुशी में तमिलनाडु में दिवाली मनाई जाती है. देशभर में इस दिन को ‘नरक चतुर्दशी’ के नाम से जाना जाता है.
इस बात को कुछ लोग बकवास भी बता सकते हैं. इसीलिए ट्विटर यूज़र The Bun Lady ने सबूत में कांची कामकोटी मठ की एक क्लिपिंग भी साझा की.
‘कृष्ण की कई लीलाओं में से एक है दीपावली का त्यौहार. कृष्ण ने बचपन से ही अपनी लीलाएं दिखानी शुरू कर दी थी. लेकिन नरकासुर वध की लीला, जिस कारण दीपावाली मनाई जाती है कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर युद्ध किया था.’
अब बात करते हैं खाने की
जहां एक तरफ़ उत्तर भारत की दीवाली में सबकुछ शाकाहारी होता है. दक्षिण में दीपावली में मांसाहारी खाना बनना अनिवार्य है. चाहे वो चेन्नई का मटन हो या मदुरई का चिकन.
भगवान को अर्पित की जाने वाली मिठाई
ज़्यादातर हिन्दू त्यौहारों में भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद बांटा जाता है. इस Tweet के अनुसार दीपावली में मिठाईयां पहले बच्चों को दी जाती है फिर भगवान को.
एक ही त्यौहार मनाने का इतना अंतर?
भारत का एक हिस्सा इस त्यौहार को भगवान राम की विजय के रूप में मनाता है और दूसरा हिस्सा कृष्ण की विजय को. इन दोनों मतों में शताब्दियों का अंतर है.
ये मतांतर ज़रूरी है. त्यौहार मनाने के अलग-अलग कारणों का सम्मान करना चाहिए.
धर्म में भी अनेकता बेहद ज़रूरी है. हिन्दू धर्म इतना व्यापक है कि इसे एक रंग में रंगना संभव नहीं है, इसमें विविधता है और ये इस धर्म की सबसे बड़ी ख़ूबसूरती है.