नमस्ते सर…
Hello Madam…
Welcome Sir…
होटल, शॉपिंग मॉल, किसी स्टोर, रेस्त्रां और भी कई स्थानों के दरवाज़े पर आपने ये शब्द सुने होंगे. हाथ जोड़ कर, मुस्कुरा कर, यूनिफ़ॉर्म में एक शख़्स आपके स्वागत के लिए खड़ा रहता है.
हम बात कर रहे हैं Doorman की. हमसे उम्र में काफ़ी बड़े होने के बावजूद ये लोग हमारे सामने सिर झुका कर हमें प्रणाम करते हैं. होटल वाले ही उन्हें इस तरह स्वागत करना सिखाते हैं (काश वो आम लोगों को भी नमस्ते का जवाब देना सिखा पाते).अक़सर देखा है कुछ लोग उस इंसान के नमस्ते का जवाब देते हैं लेकिन ज़्यादातर लोग यूं ही निकल जाते हैं. कुछ लोग तो उन्हें अपने भारी-भरकम बैग भी थमा देते हैं, तो कुछ गाड़ी पार्क करने के लिए चाबियां दे देते हैं.
अजीब है न, हम से उम्र में काफ़ी बड़े होने के बावजूद वो हमारा सम्मान करते हैं लेकिन हम कई बार उन्हें अनदेखा कर तेज़ी से गन्तव्य की ओर बढ़ जाते हैं.
Quora के एक यूज़र के अनुसार,
हम कुछ हफ़्तों के लिए भारत घूमने आए थे. हमने एक नामी होटल में कमार बुक किया था. जैसे ही हमारी कार होटल के गेट के सामने आई लगभग 70 साल का एक बुज़ुर्ग दौड़कर हमारे कार का दरवाज़ा खोलने आया. वो Doorman मेरे दादाजी की ही उम्र का रहा होगा. काफ़ी ज़्यादा उम्र होने के बावजूद वो दूसरों के लिए दरवाज़े खोल रहा था. मैंने उसका शुक्रिया अदा किया और कमरे में चले गए.
इन सब में एक चीज़ Constant रहती है, वो उस शख़्स की मुस्कान. अगर शख़्स की लंबी मूंछें हो तो मुस्कान गज़ब की लगती है. कभी ग़ौर किया है उस मुस्कुराहट पर? उस शख़्स की उम्र पर? या उसके माथे पर कि कहीं कोई शिकन तो नहीं.
शायद कुछ लोगों ने किया भी हो. क्या ये हमारा फ़र्ज़ नहीं कि अगर कोई मुस्कुराकर हमारा स्वागत करता है तो उसका भी मुस्कुराकर जवाब दिया जाए?