कितनी हिम्मत होगी इनमें कि पति की शहादत के बाद रात-दिन एक कर इन्होंने भी फ़ौजी बनने का फ़ैसला किया

Akanksha Thapliyal

इस देश के लोग अपनी सेना पर जितना फ़क्र करते हैं, उतने ही संवेदनशील वो शहीदों और उनके परिवारों के लिए हैं. हाल ही में एक शहीद की पत्नी का बेहद भावुक लेटर सबके सामने आया था, जिसमें उसने कहा था कि अपने पति की शहादत के बाद जब भी कभी उसे उसकी याद आती है, वो उसकी जैकेट पहन लेती है.

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हाल ही में चेन्नई की OTA से 800 आर्मी Candidates पास आउट हुए. ये सभी 11 महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद अफ़सर बन रहे थे. सभी ख़ुशी में एक-दूसरे के गले लगते हुए बधाई दे रहे थे. इनमें से दो Candidates के नाम थे, स्वाति महादिक और निधि मिश्रा.

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स्वाति महादिक के पति कर्नल संतोष महादिक 2015 में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे जबकि निधि के पति नायक मिश्रा की हार्ट अटैक की वजह से 2009 में मृत्यु हो गयी थी.

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इन दोनों की यात्रा इतनी आसान नहीं थी, जितनी सुनने में लग रही है. दोनों को इस बात की रियायत नहीं मिली कि उनके पति फ़ौज में थे. स्वाति अपने पति के जाने के बाद उनकी ड्रेस को अलमारी में टांग कर रखती थी और वहीं से उन्हें आर्मी में जाने की प्रेरणा मिली. उनके सामने कई मुश्किलें थी. पहली उम्र, आर्मी में आवेदन के लिए उम्र सीमा 27 साल है, जबकि स्वाति ने जब SSB क्लियर की थी, वो 30 से ऊपर की थी. लेकिन उनकी डेडिकेशन को देखते हुए उन्हें इसमें रियायत दी गयी. उसके बाद थी 11 महीने की कठिन ट्रेनिंग, जहां उन्हें अपने दोनों बच्चों को छोड़ना पड़ा. स्वाति लेफ़्टिनेंट के पद पर पुणे की Ordinance Corps जॉइन करेंगी.

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निधि के पास पहले से MBA की डिग्री थी और वो एक कंपनी में HR थी. लेकिन पति की मृत्यु के बाद आर्मी जॉइन करने का फ़ैसला किया. इस समय में उनके परिवार ने उनका साथ दिया और बच्चों को संभाला. उसे रिटेन एग्ज़ाम क्लियर करने में पूरे 5 Attempt लगे, लेकिन उसने फिर भी ख़ुद को साबित कर दिखाया. निधि भी झांसी का Ordinance डिपार्टमेंट जॉइन करेंगी.

पति को खोने का ग़म ने इन्हें कमज़ोर नहीं किया, बल्कि और मज़बूत बनाया और आज ये दोनों जहां हैं, ये सिर्फ़ इनकी मेहनत का नतीजा है. 

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