2 महीने तक कोमा में रहने के बाद जैसे ही उसे होश आया, उसने अपने मुजरिम को हवालात पहुंचा दिया

Sanchita Pathak

कहते हैं कि जो भी इस जन्म में कर्म किए हैं, उसका फल भी इसी जन्म में भोगना पड़ेगा. सब हिसाब-किताब इसी जन्म में हो जाना है.

दक्षिणी दिल्ली मैं एक बहुत ही अलग तरह की घटना घटी. ये कहानी फ़िल्मी लगेगी, पर है हक़ीक़त.

कन्नोज की एक महिला अपने पति का घर छोड़कर अपने माता-पिता के घर पर रहने लगी. शादी के दो साल बाद कुछ मतभेदों के कारण उसने पति का घर छोड़ दिया. कुछ ही दिनों बाद महिला के ज़िन्दगी में रवि सिंह उर्फ़ टिंकू नामक व्यक्ति आया. रवि और उस महिला की लगातार बातें होती रहीं. शायदी जनाब रवि इसे प्यार समझ बैठा था और इसलिये उसने महिला के सामने शादी का प्रस्ताव रखा.

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लेकिन महिला ने साफ़ शब्दों में रवि को ‘ना’ कह दिया और अपनी पिछली ज़िन्दगी की पूरी सच्चाई बता दी.

जैसा की देश के कई पुरुषों की समस्या है, रवि का भी Ego Hurt हो गया और उसने महिला का पीछा नहीं छोड़ा. वो इतना ज़्यादा बौरा गया कि उसने उस महिला को मारने की प्लैनिंग कर डाली.

रवि बड़ी चालाकी से घूमने-फिरने के बहाने महिला को दिल्ली ले आया. यहां रवि उस महिला को एक Under-Construction इमारत में ले गया और उसे पत्थरों से मार-मार कर अपनी सारी भड़ास निकाली. रवि को लगा कि उस महिला की मौत हो गई है. डर के मारे वो वहां से फ़रार हो गया.

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लेकिन वो कहते हैं ना क़िस्मत से पहले कुछ नहीं मिलता, मौत भी नहीं. महिला की भी जान बच गई. एक मज़दूर ने उसे देख लिया और अस्पताल में भर्ती करवाया.

चोटिल होने के कारण महिला कोमा में चली गई. 2 महीने बाद जब महिला कोमा से बाहर आई, तो उसके घरवालों ने पुलिस में ये सोचकर शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी ये हालत करने वाले का कुछ पता चलेगा. लेकिन महिला को उस घटना के बारे में कुछ भी याद नहीं था.

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1 महीने की देख-रेख के बाद महिला की खोई हुई याद्दाश्त वापस आई और उसने पुलिस को पूरी घटना बताई. पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर एक टीम बनाई और रवि के घर पर छापा मारा और उसे घर से ही गिरफ़्तार कर लिया.

South-East दिल्ली के डीसीपी ने बताया,

‘रवि के खिलाफ़ Attempt To Murder का केस दर्ज किया गया है.’

कहानी फ़िल्मी ज़रूर है, पर एक बार फिर ये बात वो बात सच साबित करती है कि जो भी करोगे उसका हर्जाना ज़रूर भुगतना पड़ेगा. उम्मीद है कि रवि को उसके किए की सज़ा मिले और उसे समझ में आये कि ना का मतलब ना ही होता है. 

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