कोविड-19 की वजह से इस साल दुनिया में कहीं भी प्राइड परेड नहीं हो पाई. जून को दुनियाभर में बतौर प्राइड मंथ सेलिब्रेट किया जाता है.
कुछ संस्थान जो भारत के LGBTQ+ समुदाय के लिए काम कर रहे हैं-
1. Nazariya
2014 में Nazariya की स्थापना की गई, नज़रिया एक क्वीर फ़ेमिनिस्ट सपोर्ट ग्रुप है. ये संस्था लेस्बियन, बाइसेक्शुअल महिलाएं और ऐसे ट्रांस लोगों के साथ काम करती हैं जिन्हें जन्म के बाद फ़ीमेल घोषित कर दिया गया.
2. The Bi-Collective
यह संस्था दिल्ली और आस-पास के इलाक़ों के बाइसेक्शुअल, बाइ+, बाइ-क्युरिअस और पैनसेक्शुअल लोगों के लिए काम करती है. इस संस्था का मक़सद है इस समुदाय के लोगों के लिए एक सेफ़ प्लेस बनाना, जहां वो अपने आप को खुलकर एक्स्प्रेस कर सकें.
3. Naz Foundation
नाज़ LGBTQ+ समुदाय और HIV/AIDS से जुड़ी भ्रांतियों पर काम करती है. लोगों को जागरूक करने के लिए ये सेशन्स ऑर्गनाइज़ करते है. नाज़ ने सेक्शन 377 के ख़िलाफ़ पेटिशन दायर किया था.
4. Humsafar Trust
इस ट्रस्ट के मुताबिक़, ‘Your Identity Is A Reason For Pride, Not A Reason To Hide’. ये संस्था 1994 से लेजिस्लेटर्स, नेता, मीडिया को क्वीर समुदाय के प्रति जागरूक करने के लिए वर्कशॉप करवाती है.
5. Sappho for Equality
2003 में स्थापित ये संस्था, कोलकाता से भारत के क्वीर समाज और नॉन-क्वीर समाज के बीच की खाई को कम करने की कोशिश कर रही है.
6. Sangama
बेंगलुरू स्थित इस संस्था ने सेक्शुअल माइनॉरिटी राइट्स, आर्टिकल 377, सेक्स वर्कर राइट्स के लिए कई कैंपेन चलाए हैं.
7. Goodasyou
बेंगुलुरू स्थित ये संस्था क्वीर समुदाय का समर्थन करने वाली सबसे पुरानी संस्थाओं में से एक है.