‘गीता गोपीनाथ’ इस नाम से आज पूरी दुनिया परिचित है. भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के बाद वो इस पद को संभालने वाली दूसरी भारतीय हैं.
कौन हैं गीता गोपीनाथ?
1971 में गीता का जन्म मैसूर में हुआ था. वो टीवी गोपीनाथ और वीसी विजयलक्ष्मी की बेटी हैं. कोलकाता, मैसूर और दिल्ली से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में लेडी श्री राम कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) किया. इसके अलावा उन्होंने University of Washington और Delhi School of Economics से मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त की.
वहीं Princeton University से पीएचडी करने के बाद गीता ने University Of Chicago’s Graduate School of Business में बतौर सहायक प्रोफ़ेसर भी काम किया. गीता 2005 से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही हैं. वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज़ एंड इकोनॉमिक्स के जॉन जवांस्ट्रा प्रोफे़सर हैं, रिपोर्ट के अनुसार, उनका शोध अंतर्राष्ट्रीय फ़ाइनेंस और मैक्रोइकॉनॉमिक्स पर केंद्रित है.
46 वर्षीय गीता नेशनल ब्यूरो ऑफ़ इकोनॉमिक रिसर्च में इंटरनेशनल फ़ाइनेंस और मैक्रोइकॉनॉमिक्स प्रोग्राम की सह-निदेशक हैं. साथ ही 2016 में उन्हें मुख्यमंत्री की आर्थिक सलाहकार के रूप में भी नियुक्त किया गया था. इतनी कम उम्र में इतनी अधिक उपलब्धियां हासिल करने वाली गीता ने वित्त मंत्रालय के लिए जी -20 मामलों पर प्रतिष्ठित व्यक्ति सलाहकार समूह के सदस्य के रूप में भी कार्य का अनुभव प्राप्त है. इसके साथ ही 2014 में उन्हें IMF ने शीर्ष 25 अर्थशास्त्रियों में नामित किया. यही नहीं, 2011 में गीता को आर्थिक मंच का यंग ग्लोबल लीडर भी घोषित किया गया.
यही नहीं, वो रिसर्च डिपार्टमेंट को हेड करने वाली पहली महिला हैं, जो World Economic Outlook में IMF के Flagship Publication पब्लिश करता है. वाकई IMF में गीता की नियुक्ति हम सभी देशवासियों के लिए ख़ुशी का क्षण है.