ये हैं इतिहास की 10 सबसे अजीबो-ग़रीब मेडिकल स्टडी, जिन्हें जान उड़ जाएंगे आपके होश

Nripendra

चिकित्सा जगत का इतिहास जितना पुराना है उतना ही अजीबो-ग़रीब. इतिहास गवाह है कि किसी ख़ास दवा को बनाने या समस्या का प्रभाव जानने के लिए कई अजीबो-ग़रीब स्टडी व शोध किए गए, तब जाकर शोधकर्ता मेडिकल क्षेत्र में कई बड़े आविष्कार कर पाए. ये अध्ययन न सिर्फ़ जानवरों पर किए गए बल्कि इनमें इंसान भी शामिल थे. आइये, इसी क्रम में हम आपको बताते हैं इतिहास की कुछ अजीबो-ग़रीब मेडिकल स्टडी के बारे में. 

1. मधुमक्खी से लगातार डंक मरवाना  

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Michael Smith नामक एक कीट विज्ञान के प्रोफ़ेसर ने सिर्फ़ ये जानने के लिए लगातार मधुमक्खी से शरीर पर डंक मरवाया कि मधुमक्खी के डंक से शरीर के किस हिस्से पर ज़्यादा दर्द होता है. इस स्टडी के लिए स्मिथ ने Apis mellifera नामक एक मधुमक्खी से 38 दिनों तक पैर की उंगली से लेकर सिर तक डंक मरवाया. अपने शोध में स्मिथ ने पाया कि सबसे ज़्यादा दर्द नाक के छिद्रों में होता है, फिर ऊपरी होंठ और तीसरा सबसे ज़्यादा दर्द वाला हिस्सा होता है लिंग का मध्य भाग.  

2. दो मिनट तक Kiss  

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Slovakia में शोधकर्ताओं ने पाया कि एक लंबी किसिंग के बाद 10 मिनट तक महिला के लार में पुरुष का डिएनए पाया जा सकता है. वहीं, संभोग के बाद 60 मिनट तक महिला के शरीर में जेनेटिक मटेरियल की पहचान की जा सकती है. इसके लिए शोधकर्ता ने एक जोड़े को 2 मिनट तक किस करने के लिए कहा. इसके बाद महिला के लार की जांच (5,10,30 व 60 मिनट बाद) की गई. शोधकर्ता ने पाया कि किसिंग के 60 मिनट बाद भी महिला के लार में पुरुष का डिएनए मिल सकता है, जिससे काइम की जांच में मदद मिल सकती है.  

3. धुएं से भरे कमरे में बैठना

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ऐसा कई बार देखा गया कि अगर सिगरेट के धुएं से आप जितने देर तक संपर्क में रहते हैं, उसकी गंध आपके कपड़ों में भी रह जाती है. इससे जुड़ा एक ये शोध ये जानने के लिए किया गया कि सिगरेट के धुएं के संपर्क में रहने पर कपड़े और त्वचा कितना निकोटिन अवशोषित (Absorbed) करते हैं. इसके लिए 6 नॉनस्मोकर शोधकर्ता सिगरेट के धुएं (जो मशीन से भरा गया था) से भरे एक कमरे में पांच घंटों तक बैठे. अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान न करने वालों की त्वचा सिगरेट के धुएं में मौजूद निकोटीन को उसी स्तर पर अवशोषित कर सकती है, जितना फेफड़ों के माध्यम इसे अंदर लिया जाता है. शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि इस निकोटीन को शरीर से निकलने में कई दिन लगते हैं. 

4. कान में कीड़े 

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कान में कीड़े जो अधिकतर कुत्ते-बिल्ली को प्रभावित करते हैं, कभी-कभी गंभीर संक्रमण का कारण भी बन जाते हैं. लेकिन, क्या हो अगर ये संक्रमण किसी इंसान को हो जाए. इसी की जांच करने के लिए Robert Lopez नामक एक डॉक्टर ने बिल्ली के कान के कीड़े को अपने कान में डाल लिया था. कीड़े डालते ही उन्होंने कान में कीड़ों के चलने और खरोंचने की आवाज़ सुनी. इसके बाद उन्हें कान में तेज खुजली का एहसास हुआ और धीरे-धीरे खरोंचने की आवाज़ तेज़ होती गई. इस संक्रमण को जाने में एक महीने का वक़्त लग गया. इसके बाद उन्होंने ऐसा कई बार किया, लेकिन संक्रमण व लक्षण जल्द ही समाप्त हो गए, इसकी वजह थी सही इम्यूनिटी.  

5. सर्दियों में भीगा हुआ अंडरवियर पहनना

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सर्दियों में भीगा हुआ अंडरवियर पहनना कितना असुविधाजनक हो सकता है कि इस पर भी स्टडी की जा चुकी है. इसके लिए 8 लोगों पर स्टडी की गई थी, जिन्हें 60 मिनट तक ठंडे कमरे में बैठाया गया था. इनमें कुछ लोग भीगा हुआ अंडरवियर पहने हुए थे, जबकि बाकियो ने सुखा हुआ पहना हुआ था. शोध में पाया गया कि सूखे अंडरिवियर पहने हुए लोगों की तुलना में भीगे हुए अंडरवियर पहने हुए लोगों ने कम असुविधा महसूस की.  

6. ख़ुद की Colonoscopy 

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लोगों को बताने के लिए कि Colonoscopy दर्दनाक नहीं है, Dr. Akira Horiuchi नामक एक जापानी Gastroenterologist ने ख़ुद की Colonoscopy कई बार की. Colonoscopy बड़ी आंत की जांच का एक टेस्ट है, जिसमें एक ट्यूब गुदा मार्ग से आंतों तक पहुंचाई जाती है. इसके लिए Dr. Akira Horiuchi को नोबेल पुरस्कार भी दिया जा चुका है.  

7. अपना ख़ून पीना

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एक ऐसी भी स्टडी की जा चुकी है, जिसमें Inflammatory bowel disease (आंतों से जुड़ा) से लक्षणों की सही जांच के लिए प्रतिभागियों को अपना खून पीना पड़ा. शोधकर्ताओं ने पाया की आंतों में ख़ून मल में Calprotectin (एक तरह का प्रोटीन, जो सफ़ेद रक्त कोशिकाओं द्वारा रिलीज़ किया जाता है) बढ़ने का एक कारण हो सकता है, लेकिन इसे Inflammatory bowel disease से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. हालांकि,इस प्रोटीन की अधिक मात्रा IBS से जोड़ा जा सकता है.  

8. मुर्दों के हाथों से पंच मरवाया गया

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एक ऐसी भी स्टडी की जा चुकी है जिसमें मुर्दों के हाथों का इस्तेमाल पंच मारने के लिए किया गया. दरअसल, कुछ वैज्ञानिकों का मानना था कि Ape की तुलना में इंसानों की हथेलियां और उंगलियां छोटी होती हैं, लेकिन उनकी अगूंठे बड़े होते हैं. वहीं, वैज्ञानिक का तर्क था कि ये अंतर इसलिए है ताकि इंसान लड़ाई के वक़्त मुट्ठी बनाकर उसका इस्तेमाल कर सके. इसलिए, इस तरह का अजीबो-ग़रीब टेस्ट किया गया.  

9. महिला की त्वचा में वीर्य को इंजेक्ट किया गया

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एक महिला को Brazil nuts से एलर्जी थी, लेकिन जब उनसे अपने बॉयफ्रेंड के साथ संभोग किया, तो संभोग के बाद उसे सांस लेने में तकलीफ़ हुई और शरीर पर पित्ती (Hives) पड़ गई. इसकी जांच के लिए एक मेडिकल शोधकर्ता ने बॉयफ्रेंड द्वारा Brazil nuts खाने के चार घंटे बाद महिला की त्वचा में बॉयफ्रेंड के वीर्य की कुछ मात्रा को इंजेक्ट किया. डॉक्टर ने निष्कर्ष निकाला की वीर्य के ज़रिए ब्राज़िल नट का प्रोटीन महिला के शरीर में जा रहा है, जिससे उसे एलर्जी हो रही है. 

ये भी पढ़ें : क्या एक Sperm ठीक कर सकता है कैंसर? ये प्रयोग Pass हुआ, तो कैंसर के इलाज में ये सबसे बड़ी सफ़लता होगी

10. ड्रंक एंड ड्राइविंग ज़्यादा ख़तरनाक है या ड्राइविंग के दौरान फ़ोन?

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इस बात का पता लगाने के लिए भी स्टडी की जा चुकी है. इसके लिए 40 प्रतिभागियों को चुना गया और Driving Simulator में उनका टेस्ट किया गया. इसमें पाया गया कि ड्रंक एंड ड्राइविंग से ज़्यादा ख़तरनाक ड्राइविंग के दौरान फ़ोन का इस्तेमाल करना है.  

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