कोरोना वायरस की वजह से रेस्टोरेंट जाना कम ही हो गया है, लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है. बस फ़र्क़ इतना है कि अब लोग पहले से ज़्यादा सफ़ाई का ध्यान रखते हैं और रस्टोरेंट में घूसते ही हैंड सैनिटाइज़िंग के बारे में पूछते हैं. हालांकि स्टाफ़ साफ़-सफ़ाई के बारे में बताता भी है, लेकिन क्या आप जानते हैं? कुछ ऐसी भी बातें या कहें कि राज़ हैं, जो हर रेस्टोरेंट में तो नहीं, लेकिन फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट में कस्टमर से छुपाए जाते हैं, जिन्हें मैनेजर से लेकर स्टाफ़ तक कोई भी आपको नहीं बताता है, क्योंकि ‘कुछ राज़, राज़ ही रहें तो मार्केटिंग के लिए अच्छा है’
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ये रहे वो Restaurant’s Secrets:
1. खाने का सही समय
फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट में जाने का सही समय सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे के बीच और शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे के बीच का है. इस समय भीड़ तो होती है, लेकिन सब कुछ ताज़ा होता है.
2. बिना नमक वाले French Fries ताज़े होते हैं
French Fries पूरे बनने के बाद उनमें नमक डाला जाता है, इसलिए अगर आपको फ़्रेश फ़्रेंच फ़्राइज़ चाहिए तो अनसॉल्टेड मंगाएं.
3. खाने की ख़ूशबू Marketing Strategy होती है
किसी फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट में घूसते ही बहुत ही अच्छी महक आती है, ये रेस्टोरेंट वालों की मार्केटिंग स्ट्रैटजी होती है कि ग्राहक तक खाने की ख़ूशबू पहुंचे.
4. कोक, चाय से सस्ती होती है
फ़ास्ट फ़ूड वाली जगहों पर सॉफ़्ट ड्रिंक आमतौर पर चाय से सस्ती होती है. ऐसा इसलिए होता है ताकि लोग अधिक सॉफ़्ट ड्रिंक ख़रीदें, वो सॉफ्ट ड्रिंक इसलिए ज़्यादा ख़रीदते हैं क्योंकि इससे प्यास बुझाना मुश्किल होता है.
5. फ़्रेंच फ़्राइज़ 19 चीज़ों से बनता है
फ़्रेंच फ़्राइज़ लगभग 19 सामग्रियों से मिलकर बनता है, जिसमें आलू मेन है. अन्य 18 कुछ वसा, योजक और स्वाद बढ़ाने वाले हैं.
6. सुबह-सुबह रेस्टोरेंट जाना सही नहीं होता है
फ़ास्ट फ़ूड की जगहों पर उनके खुलने के ठीक बाद न जाएं क्योंकि रेस्टोरेंट में खाना बनने वाले बर्तनों को बहुत ही हार्ड केमिकल से धोया जाता है, जिसके कुछ अंश रसोई की मशीनों और काउंटरटॉप्स पर भी हो सकते हैं जो आपके खाने में जाकर उसे अनहेल्दी बनाते हैं.
7. फ़ास्ट फ़ूड में बहुत कैलोरी होती है
फ़ास्ट फ़ूड जितने अधिक बढ़ गए हैं उतनी ही हमारे शरीर में कैलोरी की मात्रा भी बढ़ गई है. उदाहरण के लिए, 20 साल पहले की बात करें तो आज के एक Cheeseburger में 75% अधिक कैलोरी होती है. फ़्रेंच फ़्राइज़ में 2 गुना कम कैलोरी और पिज़्ज़ा में 70% अधिक कैलोरी होती है.
8. मिल्कशेक में चीनी की मात्रा ज़्यादा होती है
मिल्कशेक फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट में हमारे स्टैंडर्ड को तय करता है. अगर रोज़ चीनी की मात्रा देखें तो 1-2 चम्मच होती है, जबकि मिल्कशेक के एक गिलास में लगभग 3 चम्मच चीनी होती है.
9. हाथों से खाने से खाना ज़्यादा अच्छा लगता है
क्या आप जानते हैं कि फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेंट में कांटे और चाकू क्यों नहीं होते हैं? क्योंकि हाथ से खाना खाने में दोगुना मज़ा आता है, और इससे खाना ज़्यादा भी खा पाते हैं. ये भी एक Marketing Strategy है.
10. सोडा फ़ाउंटेन बहुत गंदे होते हैं
फ़ास्ट फ़ूड वाली जगहों पर सोडा फ़ाउंटेन को धोना मुश्किल होता है. इसलिए इसमें बैक्टीरिया, रोगाणु और फफूंद लगी होती है.
अब रेस्टोरेंट में सोच समझकर जाना.