दिन पर दिन बदलते फ़ैशन ने लड़कों का तो पता नहीं लेकिन लड़कियों का हाल बेहाल कर रखा है. फ़ैशन के नाम कपड़ों को बनाने वाले कुछ भी करते हैं. जहां बटन लगाने चाहिए वहां लगाते नहीं, जहां नहीं लगाने चाहिए वहां बड़े बटन लगा देते हैं. किसी जींस में तो पॉकेट ही नहीं होती और किसी में होती है तो उसका कोई यूज़ नहीं होता. ये तो एक-दो हैं जो हमने गिनाई हैं. अगर लड़कियों से पूछने निकले न तो इन कपड़े बनाने वालों के कान से ख़ून निकल आएगा, अपने कपड़ों की तारीफ़ सुनते-सुनते.
सारी समस्याएं तो नहीं लेकिन ये 24 समस्याएं आपके सामने रख रहे हैं, हो सकता है यही समस्या आपकी भी हो.
1. Backless ड्रेसेज़ जिनमें Bra नहीं पहन सकते.
2. इस Stuff के टैग की क्या ज़रूरत है?
3. दो बार पहनने के बाद ही फैल गया.
4. Crop Top का ट्रेंड बड़ा ही इरीटेट करता है.
5. Plus Size कपड़ों को गार्डन जैसा बनानी की क्या ज़रूरत है?
6. जींस का साइज़ ही फ़िट नहीं होता, बेल्ट लगाए तो सिकु़ड़ जाती है जो ख़राब लगता है.
7. Padded Bike Shorts कौन लड़की पहनना चाहती हैं?
8. Bra को इतना डेकोरेटेड बनाना बंद करो, कंफ़र्टेबल बनाओ जो पहनने में आराम दे.
9. ब्रांड्स के नाम पर लोकल कपड़े बनाना और बेचना.
10. टॉप को टॉप रहने दो Pamphlet क्यों बना देते हो?
11. पैंट के साइज़ सही आने चाहिए ताकि पहनने में Awkward न लगे.
12. Zip का हिस्सा इतना lLowaist होता है कि कमर पर जींस फ़िट ही नहीं होती.
13. Online Fashion Sites पर जो प्रोडक्ट दिखे वो होना भी चाहिए.
14. कपड़ों की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए जिन्हें आसानी प्रेस किया जा सके.
15. लड़कियों के कपड़ों में बिना मतलब की चीज़ें लगाना बेकार लगता है जैसे अजीब सी ज़िप, बटन्स और इम्ब्रॉइडरी.
16. ज़्यादातर जींस अब एंकल साइज़ क्यों आने लगी हैं?
17. Plus Size वालों के लिए भी अच्छे-अच्छे प्रिंट आने चाहिए.
18. या तो पॉकेट होती नहीं है और अगर होती है तो इतनी छोटी कि सिक्का भी न आए?
19. ब्लैक कलर के भी कई शेड होते हैं, सब एक जैसे नहीं होते.
20. लड़कियों के लिए भी ऐसे कपड़े डिज़ाइन हो जो वो कम के दौरान पहन सकें.
21. इतने कपड़ों में कुछ तो साइज़ का और बेहतर क्वालिटी मिल जाए.
22. लड़कियों के शर्ट का कपड़ा भी थोड़ा मोटा कर दो, झलकते हुए कपड़े की हर वक़्त ज़रूरत नहीं होती.
23. ऐथलेटिक के कपड़े इतने ब्राइट और भद्दे प्रिंट के क्यों बनाते हो?
24. काश! सभी ब्रांड में साइज़ एक जैसे ही आते?
क्या करूं, क्या न करूं ये कैसी मुश्क़िल हाय!