आज़ादी के बाद जब हिंदुस्तान का बंटवारा हुआ तो भारत और पाकिस्तान दो देश बनें. इस बंटवारे में सब कुछ बांटा गया, चाहे वो इंसान हो या ज़मीन. इसी के चलते भारत के हिस्से के कुछ अद्भुत और ख़ूबसूरत क़िले पाकिस्तान में चले गए, जो भारत की शान हुआ करते थे. इस बंटवारे ने दोनों ही देशों से बहुत कुछ लिया है. आज उन्हीं में से एक इन क़िलों के बारे में हम आपको बताएंगे.
ये रहे वो क़िले:
ये भी पढ़ें: देश के वो 8 किले जहां रात में जाने से डरते हैं लोग, यहां जाने से पहले इनकी डरावनी कहानी जान लो
1. रानीकोट फ़ोर्ट
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जामशोरो में किर्थर रेज के लक्की पहाड़ पर स्थित 32 किमी तक फैले रानीकोट फ़ोर्ट को ‘सिंध की दीवार’ भी कहा जाता है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा क़िला भी माना जाता है. इस क़िले के निर्माण को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है. कोई कहता है कि ये क़िला 20वीं सदी की शुरुआत में बना है तो किसी का मानना है कि इसे सन् 836 में सिंध के गर्वनर रहे पर्शियन नोबेल इमरान बिन मूसा बर्मन ने कराया था.
2. रॉयल फ़ोर्ट (शाही किला)
1400 फ़ीट लंबा और 1115 फ़ीट चौड़ा लाहौर का रॉयल फ़ोर्ट UNESCO की वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में शामिल है. ये लगभग 20 हेक्टेयर में फैला है. माना जाता है कि इस क़िले को साल 1560 में बादशाह अक़बर ने बनवाया था. इस क़िले में जाने के लिए आलमगीर दरवाज़े से प्रवेश लेना पड़ता है, जिसे 1618 में जहांगीर ने बनवाया था.
3. रोहतास फ़ोर्ट
रोहतास फ़ोर्ट, पाकिस्तान के झेलम शहर के दीना टाउन के पास स्थित है. इसे शेरशाह सूरी ने साल 1540 से 1547 के बीच बनवाया था. इस क़िले में 12 दरवाज़े हैं और इसे बनाने में 30 हज़ार लोग लगे थे.
4. अल्तीत फ़ोर्ट
गिलगिट-बाल्टिस्तान की हुंजा वैली के करीमाबाद में स्थित अल्तीत फ़ोर्ट, हुंजा स्टेट के राजाओं, जिन्हें मीर कहते थे, उनका क़िला था. ये लगभग 900 साल पुराना है. कुछ समय पहले इस क़िले की हालत बहुत ही जर्जर हो गई थी, फिर आगा ख़ान ट्रस्ट ने नॉर्वे और जापान की मदद से इसकी मरम्मत कराई.
5. डेरावर फ़ोर्ट
डेरावर फ़ोर्ट, पाकिस्तान के बहावलपुर के डेरा नवाब साहिब से 48 किमी दूर स्थित है. इसे जैसलमेर के राजपूत राय जज्जा भाटी ने बनवाया था. इस क़िले की दीवारें 30 मीटर ऊंची और इसका घेरा 1500 मीटर है.
ये ऐतिहासिक क़िले बहुत ही ख़ूबसूरत और अद्भुत हैं.