भारत में एसिड की बिक्री पर पूरी तरह से रोक है, बावजूद इसके इसे खुले आम बेचा जाता है. इसी लापरवाही के चलते हर साल हज़ारों लड़कियां को एसिड अटैक का शिकार बनना पड़ता है. एसिड अटैक की शिकार अधिकतर लड़कियां ज़िंदगी की लड़ाई हार जाती हैं. लेकिन कुछ गिर कर ऐसे उठती हैं, जैसे कभी गिरी ही नहीं थी.
ये उनका जज़्बा और हिम्मत ही है, जो वो आज भी लोगों के लिये उम्मीद की मिशाल बन कर जल रही हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण आगरा स्थित ‘शीरोज हैंगआउट’ है, जिसे चलाने वाली एसिड अटैक की शिकार रही 5 महिलाएं हैं. कैफ़े की शुरूआत ऋतु, रूपाली, डोली, नीतू और गीता नाम की महिलाओं ने की थी.
‘शीरोज हैंगआउट’ सिर्फ़ स्वादिष्ट व्यंजनों के लिये ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहां युवा लड़कियों को तकनीकि और गैजेट्स का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. यहां से आप एसिड अटैक सर्वाइवर रूपाली द्वारा डिज़ाइन किये हुए कपड़े ख़रीद सकते हैं. इस कैफ़े में आम जनता के साथ-साथ कई नेता और अभिनेता भी आ चुके हैं.
अपनी शक्ति और बुद्धिमता का उदाहरण देनी वाली इन महिलाओं को सलाम. अगर आप यहां जाना चाहे, 200 रुपये में आराम से स्वादिष्ट खाना खा सकते हैं.