एक “Jey Couple” जो रंग और कूचियों से पूरी दुनिया में प्यार बिखेरना चाहता है…

Vishnu Narayan

सैर कर दुनिया की गाफिल, ज़िंदगानी फिर कहांऔ ज़िंदगी जो गर रही नौजवानी फिर कहां?

घुमक्कड़ी शास्त्र के पुरोधा व जनक राहुल सांकृत्यायन ने जब इस शेर को कहा-लिखा होगा तो उन्हें इस बात का कतई अंदाज़ा नहीं होगा कि कुछ लोग उनके इसी शेर को अपनी ज़िंदगी जीने का तौर-तरीका बना लेंगे. बिना कुछ ज़्यादा सोचे-समझे एक बुलेट मोटरसाइकिल माफ़ कीजिएगा “हरी-भरी” जी हां इस दंपति द्वारा इस्तेमाल की जाती दुपहिया को Artologue से प्यार करने वाले लोगों ने हरी-भरी नाम दिया है.

चेहरे पर खिचड़ी दाढ़ी-मूंछ और जूड़ा बांधने भर बाल रखने वाला Jey Sushil नामक यह शख़्स रंग-बिरंगे चश्मे पहनने का शौक रखता है तो वहीं छोटी-छोटी मगर बेहद ख़ूबसूरत आंखों वाली Meenakshi Jey को देख कर आपको पहली ही नज़र में इनसे प्यार हो जाएगा. लेकिन कोई एक चीज़ जो इन दोनों को जोड़ कर रखती है तो वो इन दोनों का बातूनीपन और कैमिस्ट्री है. पेशे से पत्रकार Jey Sushil जहां सोशल मीडिया पर रायता फैलाने के लिए देश-दुनिया में मशहूर हैं तो वहीं रंगों से बेइंतहा प्यार करने वाली Meenakshi Jey उनके रंग और प्यार बिखेरने की वजह से सबके दिलों पर राज करती हैं. इन सब चीज़ों के बीच ख़ास बात यह कि वे कला और रंग की परम्परागत रूढ़ियों को तोड़ कर उन्हें सबके बीच पहुंचाने को प्रतिबद्ध हैं. बाद बाकी आप भी उनकी अद्भुत और अप्रतिम यात्रा में सहयात्री बन सकते हैं. और हां इनके साथ चलने में कोई टिकट या टैक्स नहीं लगता…

1. गुलेल, चिकन और आदिवासी इलाका…

आदिवासियों की ज़िंदगी तमाम तरह के जद्दोजहद के बावजूद ख़ुद में इतने रंगों को समेटे हुए होती हैं कि एक आर्टिस्ट के लिए इससे मुफ़ीद जगह कोई हो ही नहीं सकती. बेहद शांत और सहयोगी प्रवृत्ति वाले इन आदिवासियों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है. जैसे कम-से-कम संसाधनों में भी किस प्रकार काम चलाया जा सकता है तो वहीं ख़ुद बिना किसी रंगरोगन के रहते हुए भी दूसरों की ज़िंदगी में रंग किस तरह भरे जा सकते हैं.

2. जब व्हीलचेयर पर बैठे युवाओं ने भरी रंगों की उड़ान…

शायद आप भी मेरी तरह ही सोच रहे होंगे कि व्हीलचेयर पर बैठ कर कोई किस प्रकार उड़ सकता है? मगर जहां Jey Couple हो वहां कुछ भी संभव है. व्हीलचेयर की मदद से चलने वाले ये सारी शख़्सियतें व्हीलचेयर रग्बी में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. ये सारे लोग आज दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में रहते हैं. शुरुआत में हिचक रहे इन सभी जाबांज़ लोगों से उन्होंने हवा में उड़ने वाली तितलियों को बनवाया और रंगवाया है.

3. स्कूली बच्चों के बीच रंगरोगन और धम्माचौकड़ी…

दुनिया में कोई ऐसा है जिन्हें अनुशासित करना और उनसे कुछ मनचाहा निकलवाना मुश्किल ही नहीं असंभव है तो वे स्कूली छात्र-छात्रा होते हैं. मगर जब बात Jey Couple की हो रही हो तो सब कुछ संभव है. झारखंड में इस स्कूल को संभालने वाली शख़्सियत शादाब हसन ने बिजनेस मैनेजमेंट से मास्टर्स किया है और किसी मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने के बजाय वे उनके सपनों का स्कूल चला रहे हैं. बाद बाकी आप पेंटिंग का मज़ा लीजिए…

4. ईश्वर के बच्चे और रंगों की करामात…

शायद ये पहला मौका था जब किसी के पास पेंटिंग करने जाने में यह दंपति असमंजस और दुविधा में था. सृजन हेल्प के नाम से एक गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाया जाने वाला स्कूल विशेष रूप से सक्षम लड़के-लड़कियों के लिए है. शुरुआत में बेहद डरे-सहमे बच्चों ने बाद में दीवारों को कुछ इस कदर रंगा कि इस स्कूल की दीवार को दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत और आश्वस्तकारी कलाकारी वाली दीवार के तौर पर शुमार किया जा सकता है.

5. रंगों के साथ एक अधूरा सफ़र…

अब तक आप सब-कुछ अच्छा-अच्छा ही सुनते आ रहे हैं, मगर इस मुहिम में कुछ बुरे अनुभव भी देखने को मिले हैं. बिहार प्रदेश के मुज़फ़्फ़रपुर शहर जो पूरी दुनिया में उसकी शाही लीची, मच्छर और किसी जमाने में व्यापक पैमाने पर और आज यहां के चतुर्भुज स्थान नामक स्थान पर लुक-छिप कर चलने वाली वैश्यावृत्ति के लिए जाना जाता है. एक स्थानीय नेता की मदद से वे यहां के रेड लाइट एरिया मे पड़ने वाले स्कूल में पेंट करने पहुंचे तो मगर शिक्षकों के असहयोगी और गैरजिम्मेदाराना रवैये की वजह से उन्हें पेंटिंग बीच में ही छोड़नी पड़ी.

6. गोली-बारूद और संगीनों के साये में, यह जहानाबाद है…

जहानाबाद का नाम जेहन में आते ही 80 और 90 के दशक में बिहार प्रदेश की धरती पर होने वाले जातीय व ख़ूनी संघर्ष की तस्वीर उभरती है. कभी नक्सलियों के मजबूत गढ़ के तौर पर कुख्यात यह जिला बिहार की राजधानी से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां की तस्वीर आज भी बेहद डराने वाली है. तहलका हिन्दी में बिहार की राजनीति पर लगातार लिखने वाले निराला के निमंत्रण पर ये जोड़ा जहानाबाद के एक स्कूल में पेंट करने पहुंच गया और गोली-बारूद के लिए पूरी दुनिया मेंं कुख्यात यहां के बच्चों के हाथ मेंं कूचियां और रंग थमाकर उनसे भी कलाकारी करवा ली.

7. जब जेल से बहने लगी रंगों की बयार…

जेल की दीवारें जहां बाहरी दुनिया के लिए ख़तरा बन चुके लोगों को बंद कर दिया जाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा किस प्रकार संभव है कि चाकू-छुरी और गोली-तमंचे चलाने वाले हाथ कभी रंगों की कूची भी पकड़ लेंगे. मगर जैसा कि हम पीछे भी कहते रहे हैं कि Jey Couple किसी से कुछ भी करवा सकता है. यह कारनामा उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के नज़दीक ही गाजियाबाद के डासना जेल में कर दिखाया…

8. यतीमखाने की दीवारें जब रंगों से नहा गईं…

Jey Couple कहते हैं कि यतीमखाने का नाम सुन कर जो दृश्य ज़ेहन में कौंधता है यहां के नज़ारे उससे बहुत अलग नहीं थे. मगर यहां मौजूद बच्चों का और लोगों के व्यवहार में वो सब-कुछ था जिसकी कल्पना एक इंसान करना चाहता है. बिहार प्रदेश के भागलपुर जिले के यतीमखाने में अधिकांश बच्चे इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखते हैं. पूरी दुनिया में कभी सांप्रदायिक दंगों के लिए मशहूर भागलपुर की ऐसी तस्वीरें कलेजे को ठंडक तो देती ही हैं.

फिलवक़्त इस जोड़े द्वार देश के अलग-अलग हिस्से में जाकर बनायी गई पेंटिंगों का दिल्ली के दिल के तौर पर मशहूर लोदी गार्डेन नामक इलाके में स्थित “इंडिया हैबिटैट सेंटर” जगह पर खुली प्रदर्शनी चल रही है. यह प्रदर्शनी इस माह की अंतिम तारीख तक चलेगी. इस प्रदर्शनी में आने-जाने का खुला निमंत्रण है और साथ-ही-साथ यहां आकर रंगो के साथ खेलने की भी पूरी आज़ादी है. यहां पहुंचने वाले बच्चे तो फिर बच्चे हैं मगर बूढ़े भी रंगों के सहारे फिर से बचपना जीने लगते हैं. तो जाइए और ख़ुद को रंगों से सराबोर कर लीजिए…

विशेष नोट: यहां आने वाले लोगों को यहां खड़ी हरी-भरी के साथ सेल्फी ख़िंचवाने और रंगों के साथ खेलने के भरपूर मौके हैं. यहां 25 फीट का कैनवस पेंटिंग और सेल्फी के लिए आप सभी का ही इंतज़ार कर रहा है. अधिक जानकारी के लिए उनका ब्लॉग Artologue फॉलो करे. यह इसी नाम से फेसबुक पर भी मौजूद है.

आपको ये भी पसंद आएगा
लॉन्च हो गया है दुनिया का सबसे महंगा ‘लिफ़ाफ़ा’, क़ीमत जानकर ‘मिडिल क्लास’ लोग पकड़ लेंगे माथा
बिरयानी, रसगुल्ला या डोसा नहीं, इस साल लोगों ने Swiggy से सबसे ज़्यादा ऑर्डर की ये डिश
Old Monk: जानिए इस ‘देसी रम’ की बोतल पर किसकी तस्वीर छपी होती है, दिलचस्प है कहानी
ये है दुनिया की सबसे महंगी धूल, करोड़ों रुपये है क़ीमत, सिर्फ़ तीन देशों के पास है इसका स्टॉक
Magic Moments: यूपी में बनी इस देसी वोदका की आज दुनिया है दीवानी, बन चुकी है वर्ल्ड की बेस्ट वोदका
सर्दियों में मिलते हैं ये 10 फूल, इन्हें खाया भी जा सकता है, जिनके हैं ज़बरदस्त फ़ायदे