जब आप अपने कदमों को पांडिचेरी की सरज़मीं पर रखेंगे तो आपको सर्दी में गर्मी का एहसास होगा. अपने ही देश में रह कर दूसरे देश का मज़ा. तो अपना सामान बांधो और निकल पड़ो भारत में ही फ्रांस की अनुभूति लेने.
तमिलनाडू (चेन्नई) के दक्षिण में 160 किलोमीटर दूर ये जगह (पांडिचेरी) फ्रांस का चोला ओढ़े है. आपको यहां अधिकतर लोग बड़ी आसानी से फ्रेंच में बात करते मिल जाएंगे. और तो और सड़क पर लगे साइन बोर्ड में तमिल, अंग्रेजी के साथ-साथ फ्रेंच भी चमकती दिखेगी. पांडिचेरी के रेस्ट्रों में आपको बिना किसी दिक्कत के फ्रेंच फूड खाने को मिल जाएगा. पांडिचेरी के छोटे होने के कारण जो कुछ भी यहां देखने के लिए है, आप उसे एक दिन में देख सकते हैं. लेकिन अगर आपका मूड यहां कुछ और दिन रूकने का है तो आप योगा, मेडिटेशन और समुद्र किनारे बैठ कर अपने जीवन का मतलब तलाश सकते हैं.
1. अरबिंदो आश्रम
श्री अरबिंदो ने 1926 में अरबिंदो आश्रम की स्थापना इस दौड़-भाग की जिंदगी से दूर अध्यात्म शक्ति को बढ़ाने के लिए की थी. विश्व भर से लोग यहां अध्यात्म की तलाश में आते हैं. अगर आप अध्यात्मिकता के प्रति जागरूक हैं, तो आप यहां आ सकते हैं.
2. ऐरूवेली
मीरा अल्फासा (जिन्हें मदर के नाम से भी जाना जाता है) ने 1968 में श्री अरबिंदो के लिए स्पिरिचुअल कौलॉर्बेट का निर्माण किया. उनका एकमात्र लक्ष्य था कि विश्व भर के लोग यहां आ कर शांति पा सकें. यहां पर कई प्रकार की वर्कशाप हैं, साथ ही यहां अलग-अलग तरह की थैरपी दी जाती है जो लोगों को शांति की ओर ले जाती है.
3. समुद्री किनारे
पांडिचेरी की सबसे बड़ी खासियत यहां के समुद्र तट हैं. यहां मुख्य तौर पर चार ‘बीच’ है- प्रोमिनेंट बीच, पेराडाइस बीच, अरोविले बीच, सैरीनीटी बीच. यहां पर भारत के अन्य बीचों के मुकाबले कम भीड़ देखी जाती है. और यहां के बीच काफ़ी साफ-सुथरे हैं.
4. सूर्योदय
भूरी सी मिट्टी के बाद जो नीले रंग की ज़मीन शुरू होती है, असल में वह समुद्र है, जिसमें से बाहर आता लाल रंग का सूर्य आपको एक अलग सुकून देता है. सूर्योदय के इस पल को आप पांडिचेरी में रह कर गवांना नहीं चाहेंगे.
5. क्विज़ीन (खान-पान)
पांडिक्विज़ीन संस्कृति और रिवाजों के स्वाद से निर्मित है. समुद्र के किनारे होने के कारण यहां सीफूड की भरमार है. यहां के पारंपरिक दक्षिण भारतीय भोजन इडली-डोसे का स्वाद आपको लंबे समय तक याद रहेगा. और तो और आपको यहां के रेस्ट्रोरेंट्स में आसानी से फ्रेंच फूड मिल जाएगा.
6. चर्च (गिरजाघर)
पांडिचेरी में 32 चर्च हैं. जिनमें लेडी ऐंज्लस चर्च, स्केड हॉट चर्च, डूप्लेक्स चर्च, बेस्लिका ऑफ़ स्केर्ड हॉट ऑफ़ जिजस जैसे चर्चेज़ का नाम बड़े व पुराने चर्चेज़ में गिना जाता है. इनकी सुदंरता आपका मन मोह लेगी.
7. ओल्ड लाइट हाऊस
1836 में बना ओल्ड लाइट हाउस पांडिचेरी का सबसे लोकप्रिय लैंडमार्क है. जब इसका निर्माण हुआ था उस समय यह काफ़ी यूनीक था. यह लाइट हाऊस सैलानियों के लिए आज आर्कषण का केंद्र है.
8. फ्रेंच वॉर मैमोरियल
विश्व युद्ध-1 में शहीद हुए सैनिकों की याद में चार स्तंभ खड़े हैं. इससे थोड़ी दूरी पर स्टेच्यू ऑफ़ डूप्लेक्स है, जो जोसेफ़ फ्रांककोसिस की याद में बनाया गया था.
9. गांधी स्टैचू
जैसा कि आपको याद है, आप भारत में है न कि फ्रांस में तो गांधी को कैसे भूल सकते हैं बॉस, प्रोमेनेंट बीच के पास आठ स्तभों के बीच हाथ में लाठी लिए गांधी का पुतला खड़ा है.
10. पांडिचेरी म्यूज़ियम (संग्रहालय)
प्राचीन समय में पांडिचेरी फ्रांस, ब्रिटेन और डच आदि शासकों के आधीन रहा है. इस म्यूज़ियम में उसी दौर के कुछ दुर्लभ दस्तावेज और ऐतिहासिक वस्तुएं मौजूद हैं.
11. स्कूबा डाइविंग
स्कूबा डाइविंग के लिए आपको विदेश का रुख करने की आवयश्कता नहीं है, क्योंकि आप इसका लुत्फ़ पांडिचेरी में उठा सकते हैं. तो लीजिए एक गहरी सांस और उतर जाइए इन समुद्र की गहराईयों में! स्कूबा डाइविंग के लिए फरवरी से अप्रैल और सितंबर से नवंबर का महीना बेहतर है.
12. चुनांबर बोट
समुद्र के किनारे बैठ कर कुछ नहीं होने वाला, इसलिए अधिकतर पर्यटक चुनांबर बोट हाऊस जा कर स्पीड और रेगुलर बोट ले कर समुद्र की हवा खाने पैराडाइस बीच की राइड पर निकल पड़ते हैं.
13. ऑस्टेरी
इसे ऑस्डयू झील के नाम से भी जाना जाता है, यह पांडिचेरी से कुछ किलोमीटर दूर है. आप यहां बोट किराये पर ले कर इस झील में पक्षियों के साथ अपना समय बिता सकते हैं. यह झील उन पक्षी प्रेमियों के लिए है स्वर्ग है जो प्रवासी पक्षियों को देखना चाहते हैं.
14. अरीका मेडू
अरीका मेडू की बंजर दीवारें इस बात का सबूत देती हैं कि रोम और तमिलनाडू के बीच की कड़ी कभी पांडिचेरी हुआ करता था. अरीका मेडू के खंडहर करीब दो सौ साल पुराने हैं.
दोस्तों अगर धरती में दूसरा स्वर्ग है तो वो पांडिचेरी है. बस आप थोड़ा सामान और दफ़्तर से ढेर सारी छुट्टियां ले कर यहां जाइये. बुक द टिकट यार.