मिलिए देश के बर्ड मैन से जो 45 सालों से लगातार पक्षियों का पेट भरने का काम कर रहे हैं

Nripendra

Birdman of Delhi Feeds Birds in Delhi Archaeological Park: ये कहना भी ठीक नहीं होगा कि इंसान पूरी तरह स्वार्थी हो चुका है, क्योंकि इस धरती पर कुछ भले इंसान भी हैं, जो अपने बारे में कम दूसरों के बारे में ज़्यादा सोचते हैं. हालांकि, ऐसे लोग आपको बहुत कम मिलेंगे, लेकिन मिलेंगे ज़रूर. इनमें एक नाम दिल्ली के जवाहर लाल का भी आता है, जो क़रीब 45 सालों से पक्षियों का पेट भरने का काम कर रहे हैं.

आइये, विस्तार से जानते हैं भारत के इस बर्ड मैन (Birdman of Delhi Feeds Birds in Delhi Archaeological Park) और इनके द्वारा किए जा रहे तारीफ़ के काबिल काम के बारे में.

भारत का बर्ड मैन 

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Birdman of Delhi Feeds Birds in Delhi Archaeological Park: आज जहां इंसान इंसान के काम नहीं आ रहा, ऐसे में पशु-पक्षियों के बारे में भला कौन सोचे. लेकिन, जब तक जवाहर लाल जैसे इंसान इस धरती पर मौजूद रहेंगे पशु-पक्षियों के बारे में सोचने और उनका पेट भरने का काम जारी रहेगा. दिल्ली के जवाहर लाल उन इंसानों में हैं जो पशु-पक्षियों का दर्द समझते हैं और जिन्हें पक्षियों की भूख की चिंता सताती है. यही वजह है कि वो लगातार 45 सालों से पक्षियों का पेट भरने का काम कर रहे हैं. 

65 वर्षीय जवाहर लाल रोज़ाना Archaeological Park of Delhi आते हैं और पक्षियों को बड़े प्रेम से खाना खिलाते हैं. 

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Jawaharlal Who Feeds Birds Daily: ये पार्क दिल्ली की ऐतिहासिक क़ुतुब मीनार के पास है. जवाहर (Birdman of India) महरौली में रहते हैं और रोज़ महरौली से दिल्ली के आर्कियोलॉजी पार्क आते हैं और पक्षियों को दाना-पानी देते हैं. चाहे सर्दी हो या गर्मी या हो बरसात, जवाहर लाल सुबह सात से आठ बजे पार्क में दाखिल हो जाते हैं.

चहचहाने लगते हैं पक्षी  

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Birdman of Delhi Feeds Birds in Delhi Archaeological Park: जवाहर लाल जैसे ही पार्क में दाखिल होते हैं, पक्षी चहचहाने लगते हैं, जैसे पक्षी भी जवाहर लाल का इंतज़ार कर रहे हों. इस पर जवाहर लाल कहते हैं कि, “जैसे एक मां को अपने बच्चों को कहती है कि रोटी खानी है, वैसे ही हमारा है. इन पक्षियों को दाना-पानी दिए बगैर चैन नहीं मिलता है.” ये काम वो तब से कर रहे हैं जब वो 19-20 साल के थे.  

पाकिस्तान से दिल्ला आया था परिवार

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जवाहर लाल अपनी आजीविका के लिए बाल काटने का काम करते हैं. उनका परिवार पहले पाकिस्तान में था, लेकिन 1947 के बाद परिवार दिल्ली आकर बस गया. उनके तीन बच्चे हैं और तीनों ही काम-धंधा करते हैं.

वहीं, 11 बजे अपनी बाल काटने की दुकान खोलने से पहले वो पार्क आते हैं और पक्षियों को दाना पानी खिलाकर चले जाते हैं. रोज़ाना वो पांच किलो दाना और 10 लीटर पानी लेकर यहां पहुंचते हैं.

पार्क में जहां-जहां पानी रखा होता है, जवाहर पानी को बदलते हैं और वहां दाना डालते हैं. 

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ये काम करके मिलती है ख़ुशी 

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Birdman of Delhi Feeds Birds in Delhi Archaeological Park: जवाहर लाल को ये काम करके ख़ुशी मिलती है. इसलिये, अपनी कमाई का एक हिस्सा वो इन पक्षियों का पेट भरने में ख़र्च करते हैं. वहीं, उनका परिवार भी उन्हें इस काम के लिये उन्हें मना नहीं करता है.

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जवाहर लाल न सिर्फ़ पक्षियों बल्कि कुत्तों के लिये भी दूध-ब्रेड लेकर आते हैं. सच में बाकियों को भी जवाहर लाल जी से कुछ सिखना चाहिए. ये आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट में बताना न भूलें.

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