भारत का वो इकलौता रेलवे स्टेशन जो पिछले 65 सालों से भूखे यात्रियों को खिला रहा है फ़्री में खाना

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Indian Railways: भारत में अधिकतर लोग ट्रेन में सफ़र करना पसंद करते हैं. खासकर लंबी दूरी की यात्रा के लिए आम लोग ट्रेन के सफ़र को प्राथमिकता देते हैं. इसी वजह से आज ‘इंडियन रेलवे’ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क और विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क बन गया है. भारत में छोटे बड़े क़रीब 8,500 रेलवे स्टेशन है जहां से लगभग 22 मिलियन लोग हर रोज सफ़र करते हैं. देश में रेल पटरी 92,081 किलोमीटर तक फ़ैली हुई हैं, जो 66,687 किलोमीटर को एरिया कवर करती हैं.

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भारत में कई रेलवे स्टेशन हैं जो अपनी अलग-अलग ख़ूबियों के लिए जाने जाते हैं. इन्हीं में से एक हरियाणा के चरखी दादरी ज़िले में स्थित चरखी दादरी रेलवे स्टेशन (Charkhi Dadri Railwar Station) भी है. ये स्टेशन शहरभर में भूखे व बेसहारा लोगों की मदद के लिए जाना जाता है. ये हरियाणा ही नहीं देश का भी एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन है, जहां पिछले 63 सालों से भूखे पेट यात्रियों को नि:शुल्क भरपेट खाना खिलाया जा रहा है.

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हरियाणा के ‘चरखी दादरी रेलवे स्टेशन’ की ख़ासियत ये है कि यहां पर न केवल यात्रियों, बल्कि भूखे व बेसहारा लोगों को भी फ़्री में भरपेट खाना खिलाया जाता है. लेकिन ये नेक काम इंडियन रेलवे नहीं, बल्कि ‘रामा सेवा दल समिति’ कर रहा है. पिछले 63 सालों से इस संस्था का ‘सांझा चूल्हा’ लगातार जल रहा है और ग़रीबों व ज़रूरतमंदों को भरपेट खाना खला रहा है.

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लाला फ़कीरचंद ने सन 1960 में चरखी दादरी रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन नि:शुल्क खाना वितरण की जो मुहिम शुरू की थी, वो आज भी जारी है. इस संस्था ने इस नेक कार्य की शुरुआत में 2 किलो आटे की रोटियां तैयार कर वितरित करने से की जाती थी, जो आज 70 किलो आटे तक पहुंच चुकी है. लाला फ़कीरचंद ने ये मुहिम अकेले ही शुरू की थी और 38 साल तक इसे जारी रखा. सन 1998 में उनके देहांत के बाद शहर के लोगों ने मिलकर इस नेक कार्य को निरंतर जारी रखा.

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रामा सेवा दल समिति ने भूखे व बेसहारा लोगों की मदद के लिए भोजन बनाने हेतु 5 कर्मचारियों को कार्य में लगाया हुआ है. इन कर्मचारियों के साथ सेवा दल के अन्य सदस्य सुबह 4 बजे से खाना तैयार करने में जुट जाते हैं. इसके बाद सुबह 10:30 बजे से लेकर दोपहर 01:30 बजे तक ट्रेन में बैठे यात्रियों, रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वालों और भूखे व बेसहारा लोगों को नि:शुल्क रोटी-सब्ज़ी वितरित की जाती है.

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