उत्तराखंड के 10 ट्रेडिशनल पहाड़ी व्यंजन, जिनमें है पहाड़ी मिट्टी की ख़ुशबू और प्रकृति की मिठास

Maahi

Famous Traditional Food Uttarakhand: उत्तराखंड भारत के सबसे ख़ूबसूरत राज्यों में से एक है, ये अपनी प्राकृतिक सुंदरता, कला, संस्कृति और खान-पान खाने के लिए जाना जाता है. देवभूमि के नाम से मशहूर देश का ये पहाड़ी राज्य अपनी विविधता के लिए दुनिया भर में मशहूर है. उत्तराखंड इसलिए भी अन्य राज्यों से अलग है क्योंकि ये दो रीज़न कुमाऊं और गढ़वाल में बंटा है. ये दोनों ही रीज़न भाषा और खान-पान के मामले में एक दूसरे से अलग हैं. उत्तराखंड केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि अपने ‘पहाड़ी व्यंजनों’ के लिए भी काफ़ी मशहूर है. यहां के खाने को चखने वाला हर पर्यटक उंगलियां चाटने पर मजबूर हो जाता है. उत्तराखंड के व्यंजनों की ख़ास बात ये है कि इन्हें लकड़ियों और कोयला पर पकाया जाता है. इसकी वजह से खाना स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी बनता है.  

ये भी पढ़ें: हरियाणा के वो 10 मशहूर देसी व्यंजन, जिनके स्वाद में मिलेगी गांव की मिट्टी की ख़ुशबू

humansofuttarakhand

अगर उत्तराखंड को जानना है तो फिर एक बार यहां ट्रेडिशनल पहाड़ी फ़ूड ज़रूर ट्राय करें। कुमाऊं और गढ़वाल में आपको एक अनोखा स्वाद मिलेगा.तो चलिए जानते हैं उत्तराखंड की कौन कौन सी ट्रेडिशनल डिश (Famous Traditional Food Uttarakhand) मशहूर हैं.

1- भट के डुबके/चुटकानी  

ये उत्तराखंड की सबसे प्रसिद्ध ट्रेडिशनल डिश है. इसे ख़ासतौर पर उत्तराखंड के कुमाऊं रीज़न में बनाया जाता है. उत्तराखंड में ‘सोयाबीन’ की तरह ही ‘भट’ भी काफ़ी मशहूर है. काले और भूरे रंग के ‘भट’ को पौष्टिक आहार के रूप में ‘सोयाबीन’ से भी बेहतर माना जाता है. भट के डुबके बनाने के लिए इसे पहले बॉयल कर लिया जाता है. इसके बाद इसे सिलबट्टे में पीसकर इसका पल्प बनाया जाता है. फिर इसे घी और पहाड़ी मसालों के साथ भुना और पकाया जाता है. इसे दाल की तरह इस्तेमाल किया जाता है और चावलों और रोटियों के साथ खाया जाता है. जबकि ‘भट की चुटकानी’ बनाने के लिए ‘भट’ को बॉयल करके पहाड़ी मसलों के साथ राजमा की तरह बनाया जाता है.

2- लिंगुड़े की सब्ज़ी

लिंगुड़े की सब्ज़ी (Lingde Ki Subji) उत्तराखंड की प्रमुख ट्रेडिशनल डिश में से एक है. इसे उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी बनाया जाता है. ये पहाड़ी इलाक़े की पसंदीदा सब्ज़ियों में से एक है. औषधीय गुणों से भरपूर लिंगुड़े केवल अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में ही पाये जाते हैं. लिंगुड़े को केवल सब्ज़ी ही नहीं, बल्कि आयूर्वेदिक दवाई बनाने में भी प्रयोग किया जाता है. ये जून व जुलाई के दौरान पानी की धाराओं के पास आसानी से उपलब्ध रहते हैं.

humansofuttarakhand

3- मड़ुवे की रोटी

उत्तराखंड में गेहूं, झंगुरे, चुव के आटे की रोटियां बनाई जाती हैं लेकिन मड़ुवे की रोटी (Madua Ki Roti) यहां की ट्रेडिशनल पहाड़ी डिश है. मंडवे की रोटी गढ़वाल में सबसे अधिक खाये जाने वाले भोजन में से एक है. फ़ाइबर से भरपूर मड़ुवे की रोटी खाने में बेहद स्वादिष्ट होती हैं. इससे कैंसर जैसी बीमारी का ख़ात्मा करने के गुण पाये जाते हैं. उत्तराखंड में मड़ुवे की रोटी ‘कंडाली कु साग’, ‘घी व घुड़’, ‘तिल’ या ‘भांग’ की चटनी के साथ खाई जाती है.

euttarakhand

उत्तराखंड के प्रसिद्ध पारंपरिक भोजन (Famous Traditional Food Uttarakhand)

4- झोई 

उत्तराखंड के कुमाऊं रीज़न में मुख्य रूप से झोली (झोई) काफ़ी मशहूर है. ये कुमाऊं की प्रमुख ट्रेडिशनल डिश है. अगर आप नैनीताल, मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा और कौसानी जैसे हिल स्टेशनों की ट्रिप पर जाते हैं तो आपको रोड साइड कई ढाबे मिल जायेंगे, जहाँ आपको लजीज़ झोई-भात खाने को मिल जायेगा. इसे देश के अन्य इलाक़ों में ‘कड़ी’ भी कहते हैं, लेकिन झोई बनाने का तरीका थोड़ा अलग है. इसमें पहाड़ी मसाले मिलाये जाते हैं और इसे छाछ से बनाया जाता है. Famous Traditional Food Uttarakhand.

facebook

5- कंडाली का साग 

उत्तराखंड के गढ़वाल में ‘बिच्छू घास’ को ‘कंडाली’, जबकि कुमाऊं में ‘सिंसूण’ के नाम से जाना जाता है.  कुमाऊं और गढ़वाल में कंडाली कु साग (कंडाली का साग) आम साग-सब्ज़ियों की भांति काफ़ी ही प्रसिद्ध है. क्योंकि इसमें फ़ॉर्मिक एसिड पाया जाता है. इसमें प्रचुर मात्रा में आयरन तत्व की मात्रा के साथ-साथ मैग्निज, विटामिन ए व कैल्शियम भी पाया जाता है, रक्तचाप जैसी बिमारियों के लिए यह औषधि का काम भी करता है. इसे आप मड़ुआ/कोदा की रोटी के साथ खा सकते हैं. पंजाब में जिस तरह से ‘मक्के दी रोटी सरसों दा साग’ मशहूर है उसी तरह उत्तराखंड में ‘मड़वे की रोटी और कंडाली का साग’ मशहूर है.

navbharattimes

ये भी पढ़ें: लिट्टी-चोखा और ठेकुआ ही नहीं, बिहार की ये 10 लोकल डिशेस भी मुंह में पानी लाने के लिए काफ़ी हैं

6- फाणु

फाणू (Faanu) मुख्य रूप से एक ट्रेडिशनल गढ़वाली डिश है. इसे ‘गहत की दाल’ से बनाया जाता है. फाणू बनाने के लिए गहत की दाल को क़रीब 4 से 6 घंटे तक पानी में भिगोया जाता है. इसके बाद इस दाल को सिलबट्टे में पीसकर गाढ़ा पकाया जाता है. इसके पानी का खास ख्याल रखा जाता है, ये जितनी गाढ़ी बने उतना बेहतर. जब पीसी हुई गहत की दाल अच्छे से गाढ़ी हो जाए तब उसमें बारीक टमाटर, प्याज, अदरक, लहसन आदि डालकर इसे अच्छी तरह पकाया जाता है. इसे चावल और रोटी के साथ खाया जाता है. Famous Traditional Food Uttarakhand.

euttarakhand

उत्तराखंड में प्रसिद्ध व्यंजन

8- चैंसू  

उत्तराखंड के गढ़वाल चैंसू (Chainsoo) एक पौष्टिक आहार दाल है. कई जगह इसे चैसोणी भी कहा जाता है. इसे काले चने की दाल, उड़द, काले भट का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है. इसमें उड़द और भट्ट की दाल को पीसकर गाढ़ा पकाया जाता है, इसके स्वाद में इजाफे के लिए बारीक टमाटर, प्याज, अदरक का पेस्ट बनाकर खूब पकाया जाता है. ये गढ़वाल में दिन के खाने के तौर पर ख़ूब पसंद किया जाता है. इस दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इसे पचाना मुश्किल होता है. Famous Traditional Food Uttarakhand.

navbharattimes

उत्तराखंड के 10 प्रसिद्ध पारंपरिक भोजन

8- बाड़ी  

बाड़ी (Badi) भी उत्तराखंड की ट्रेडिशनल डिश है. ये शायद ही भारत के किसी अन्य राज्य में बनाई जाती हो. इसे ख़ासतौर पर मड़वे के आटे से बनाया जाता है. ये एक तरह का पहाड़ी हलवा है, लेकिन बेहद पौष्टिक आहार है. इसे बनाने के लिए मंडवे के आटे को गरम पानी के साथ मिलकार हलवे की तरह गाढ़ा पकाया जाता है. फिर इसे लोहे की कढ़ाई में देशी घी और गुड़ में अच्छे से भूना जाता है. उत्तराखंड में गर्म-गर्म फाणु को गर्म-गर्म बाड़ी के साथ खाना काफ़ी लोकप्रिय है.

youtube

8- भंगजीरे की चटनी 

आप अगर उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में हैं और चाहे किसी भी तरह का भोजन कर रहे हैं, भांग या भंगजीरा की चटनी हर जगह मौजूद होती है. इसका खट्टा, नमकीन और तीखा फ्लेवर सभी तरह के परांठे और मंडवे की रोटी के साथ ज़बरदस्त स्वाद देता है. इसके अलावा उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में भांग, भंगजीरा, तिल, लय्या (सरसों के दाने) से लेकर हरी पत्तिया जैसे लहसुन, मवाररा की पत्तियों से भी चटनी बनाई जाती है. Famous Traditional Food Uttarakhand.

euttarakhand

10. झंगुरे की खीर

इतना सब कुछ खाने बाद मीठा नहीं खाया तो खाना खाने का क्या फ़ायदा. उत्तराखंड में झंगुरे की खीर (Jhangora Ki Kheer) बेहद मशहूर है. ये चावल की खीर की तरह ही होती है लेकिन इसमें अंतर ये होता है कि झंगुर महीन और बारीक दाने के रुप में होता है और आसानी से खाया जा सकता है. पहाड़ी इलाक़ों में झंगुरे को चावल की तरह पकाकर दाल सब्ज़ी के साथ भी खाया जाता है. Famous Traditional Food Uttarakhand.

बताइये आपने कौन-कौन सी उत्तराखंडी ट्रेडिशनल डिश का आनंद उठाया है?

आपको ये भी पसंद आएगा
बड़ी चटोरी हैं ‘द केरला स्टोरी’ फे़म अदा शर्मा, पानीपुरी, पान… ये हैं उनके 8 फ़ेवरेट फ़ूड
दिल्ली की इन 7 दुकानों की ‘चाट’ चाट-चाटकर खाते हैं लोग, नाम-पता नोट करके आप भी पहुंच जाइए
देश के अलग-अलग हिस्सों में बनने वाले दाल के इन 8 पकवानों के बारे में जानकर मुंह में पानी आ जाएगा
पड़ोसी मुल़्क पाकिस्तान में बनने वाली वो 10 तरह की रोटियां जो खाने का ज़ायका डबल कर देती हैं
कहानी जयपुर के उस फ़ेमस ‘महावीर रबड़ी भंडार’ की, जिसे 140 साल पहले एक पहलवान ने खोला था
दुनियाभर के लोगों को पसंद है छोले भटूरे, आज कुछ समय निकालकर इसका इतिहास भी पढ़िए