Tribal Festivals Of India: भारत में अलग-अलग धर्मों के लोगों के साथ ही बहुत सारे आदिवासी समुदाय भी प्यार और प्रेम से रहते हैं. इन आदिवासी समुदायों की भी अपनी अनूठी संस्कृति, परंपरा और त्योहार हैं. इन्हें सेलिब्रेट करने के लिए ये हर साल कुछ ख़ास प्रकार के आदिवासी त्योहार मनाते हैं.
अगर आपको भारत के आदिवासी समुदायों को क़रीब से जानना और पहचानना है तो इनमें ज़रूर जाना चाहिए. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही ट्राइबल्स फ़े्स्टिवल्स के बारे में जो भारत में हर साल धूम-धाम से मनाए जाते हैं.
Tribal Festivals in India
ये भी पढ़ें: मिलिए उस महिला सरपंच से जो समाज की कुरीतियों को तोड़ आदिवासी लड़कियों की पढ़ाई पर ज़ोर दे रही हैं
1. हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल- नागालैंड
ये फ़ेस्टिवल नागालैंड (Nagaland) की नागा जनजातियों का उत्सव है जिसे वो बड़ी ही धूम-धाम से हर साल दिसंबर में मनाते हैं. Hornbill Festival में आपको इस जनजाति के नृत्य, संगीत और भोजन आदि की सांस्कृतिक विरासत देखने को मिलेगी.
2. टुसू फ़ेस्टिवल- झारखंड
टुसू (Tusu) फसल की कटाई से जुड़ा त्योहार है जिसे झारखंड (Jharkhand) की मुंडारी जनजाति मनाती है. इसमें वो अपने पारंपरिक गीत, डांस और ख़ास प्रकार की मूर्तिकला का प्रदर्शन करते हैं. ये आमतौर पर मकरसंक्रांति (जनवरी) में मनाया जाता है.
ये भी पढ़ें: मिलिए उस आदिवासी कपल से, जिनकी ज़िंदगी पर आधारित है Oscar जीतने वाली ‘The Elephant Whisperers’
3. बस्तर दशहरा- छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला ये एक अनूठा त्योहार है. इसकी शुरुआत स्थानीय देवी दंतेश्वरी की पूजा करने के साथ होती है. इसमें वो अपनी पारंपरिक हस्तशिल्प कला का प्रदर्शन करते हैं. ये अगस्त से शुरू होकर अक्टूबर में ख़त्म होता है.
4. भगोरिया फ़ेस्टिवल- मध्य प्रदेश
भगोरिया फ़ेस्टिवल (Bhagoria Festival) हर वर्ष मध्य प्रदेश में मनाया जाता है. इसे राज्य के झाबुआ और अलीराजपुर ज़िलों की भील और भिलाला जनजातियों द्वारा सेलिब्रेट किया जाता है. इसे मार्च में आमतौर पर वसंत के आने और फसल के पकने पर मनाया जाता है.
5. संगाई महोत्सव- मणिपुर
संगाई महोत्सव (Sangai Festival) का नाम मणिपुर में ही पाए जाने एक ख़ास प्रकार के हिरण के नाम पर रखा गया है. इसमें मणिपुर (Manipur) के लोग अपनी संस्कृति का उत्सव मनाते हैं. ये उत्सव 21-30 नवंबर के बीच मनाया जाता है.
6. सरहुल फ़ेस्टिवल- झारखंड
झारखंड में ‘हो’ नाम की एक ख़ास जनजाति पाई जाती है. ये हर साल सरहुल (Sarhul) फ़ेस्टिवल मनाती है. इसमें वो साल के पेड़ की पूजा करते हैं जिसे वो पवित्र मानते हैं. हर साल वसंत (मार्च) में इसे सेलिब्रेट किया जाता है.
7. बैसागु महोत्सव- असम
अमस (Assam) की बोडो जनजाति का सबसे प्रमुख त्योहार है बैसागु (Baisagu). इस त्योहार से ही इनके नए साल का आरंभ होता है. इसमें ये देवताओं, पूर्वजों, गाय, कुत्तों, बत्तखों आदि की पूजा करते हैं. ये ‘बथौ’ या भगवान शिव की चिकन और ज़ू (चावल की बीयर) चढ़ाकर पूजा करते हैं. बैसाख (अप्रैल) के पहले दिन इसे सेलिब्रेट किया जाता है.
8. कैल पोल्डु उत्सव- कर्नाटक
कर्नाटक के कुर्ग में कैल पोल्डु उत्सव (Kail Poldhu Festival) मनाया जाता है. यहां कोडव एक योद्धा जनजाति रहती है. इस त्योहार के दौरान वो अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं. आमतौर पर 2-4 सितंबर के बीच आयोजित किया जाता है. इस दौरान निशानेबाजी की प्रतियोगिता भी होती है.
कभी मौक़ा मिले तो जीवन में एक बार इन फ़ेस्टिवल में ज़रूर शामिल होना, एक अलग ही अनुभव होगा.