जानिए आख़िर क्या होता है ‘GI Tag’ और भारत में अब तक कितने प्रोडक्‍ट्स को मिला ये टैग

Maahi

आख़िरकार बनारसी पान और बनारसी लंगड़ा आम को Geographical Indications Tag मिल ही गया है. दरअसल, 31 मार्च को चेन्नई में जीआई रजिस्ट्री ने 33 उत्पादों को GI Tag दिया था. इस लिस्ट में बनारस के 3 उत्पाद समेत उत्तर प्रदेश के कुल 10 उत्पादों को शामिल किया गया है. इसके साथ ही अब यूपी के GI Tag प्रोडक्ट्स की कुल संख्या 45 हो गई है. देश में इस साल 33 में से 20 प्रोडक्ट्स को GI Tag मिल चुका है. भारत में पहला पहला GI Tag साल 2004 में ‘दार्जिलिंग चाय’ को मिला था. भारत में अब जीआई टैग प्रोडक्ट्स की कुल संख्या 441 हो गई है.

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आख़िर क्या होता है GI Tag?

वर्ल्‍ड इंटलैक्‍चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन (WIPO) के मुताबिक़, Geographical Indications Tag एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी प्रोडक्‍ट को विशेष भौगोलि‍क पहचान दी जाती है. ख़ासकर ऐसा प्रोडक्‍ट जिसकी विशेषता या फिर प्रतिष्‍ठा मुख्‍य रूप से प्रकृति और मानवीय कारकों पर निर्भर करती हो. भारत में सन 1999 में पहली बार रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत Geographical Indications of Goods लागू किया गया था. इस एक्ट के तहत भारत के किसी भी क्षेत्र में पाए जाने वाली विशिष्ट वस्तु का क़ानूनी अधिकार उस राज्य को दिया जाता है. इसका मक़सद है किसी ख़ास भौगोलिक परिस्थिति में पाई जाने वाली या तैयार की जाने वाली वस्तु को दूसरे स्थानों पर ग़ैर-क़ानूनी प्रयोग को रोकना है.

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कैसे मिलता है GI Tag?

भारत में किसी भी प्रोडक्ट को GI Tag देने से पहले उसकी गुणवत्ता, क्‍वालिटी और पैदावार की अच्छे से जांच की जाती है. इस दौरान ये तय किया जाता है कि उस ख़ास वस्तु की सबसे अधिक और प्रामाणिक पैदावार उसी राज्य की है. इसके अलावा भौगोलिक स्थिति का उस वस्तु के उत्‍पादन में कितना योगदान है ये देखा जाता है. GI Tag मिलने के बाद उस वस्तु की ख़ुद की एक अलग पहचान बन जाती है. इस दौरान हर प्रोडक्ट को एक पंजीकरण संख्या दी जाती है. इसी के आधार पर उस प्रोडक्ट की पहचान की जाती है. ये पंजीकरण संख्या 10 साल के लिए मान्य होती है. इसके बाद अगर इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए पंजीकरण रिन्यू कराना पड़ता है.

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भारत में GI Tag किसी ख़ास फ़सल, प्राकृतिक और मैन्‍युफ़ैक्‍चर्ड प्रॉडक्‍ट्स को ही दिया जाता है. GI Tag की ख़ास बात ये है कि इसके बाद उस प्रोडक्ट की अहमियत बढ़ जाती है. जी आई टैग मिलने का मतलब वो वस्तु अब दुनिया के बाज़ारों में भी दस्तक देगी. इसके अलावा किसी प्रोडक्ट के नाम पर बनाए जाने वाले फ़ेक प्रोडक्ट को रोकने में भी मदद मिलती है.

चलिए जानते हैं देश के अलग-अलग राज्यों के प्रसिद्ध GI Tag वाले प्रोडक्ट्स कौन-कौन से हैं

1- रसगुल्ला (ओडिशा)

Thespruceeats

2- कड़कनाथ मुर्गा (मध्य प्रदेश)

Jhabuakadaknath

3- कश्मीरी केसर (जम्मू-कश्मीर)

Kashmir

4- बासमती राइस (उत्तराखंड)

Greendna

5- मधुबनी पेंटिंग्स (बिहार)

Utsavpedia

6- दार्जिलिंग टी (पश्चिम बंगाल)

Pumphreys

7- कन्नौज परफ्यूम (उत्तर प्रदेश)

kannaujattar

8- हैदराबादी हलीम (तेलंगाना)

Vismaifood

9- बीकानेरी भुजिया (राजस्थान)

Edition

10- अल्फांसो आम (महाराष्ट्र)

Farmerscraft

11- कोल्हापुरी चप्पल (कर्नाटक)

Storeapt

12- रतलामी सेव (मध्य प्रदेश)

Jiomart

13- मगही पान (बिहार)

Zeebiz

14- पाटन पटोला (गुजरात)

Sohumsutras

15- मैसूर सैंडल साबुन (कर्नाटक)

Amazon

16- फ़ेनी (गोवा)

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