कैसे अलग हैं हार्ट अटैक और Cardiac Arrest, क्या हैं इनके लक्षण और कैसे दें इसके लिए First Aid

Rashi Sharma

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इंसान की बॉडी का सबसे इम्पोर्टेन्ट पार्ट होता है ‘दिल’. अगर ये कहा जाए कि ह्यूमन बॉडी एक गाड़ी है और दिल उसका इंजन तो इसमें कुछ ग़लत नहीं होगा. हमारे दिमाग़ से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है हमारा दिल. आज की दौड़ती-भागती ज़िन्दगी और अनियमित जीवनशैली, जंक फ़ूड जैसी कंडीशंस के कारण हम और आप आये दिन किसी न किसी तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं. इन बीमारियों में दिल से सम्बंधित बीमारियां होना आजकल आम हो गया है. अकसर हम आस-पास या फिर टीवी में किसी सेलिब्रिटी दिल की बीमारी से मौत की ख़बर सुन ही लेते हैं. दिल की बीमारियों को ज़्यादा गंभीर और ख़तरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि ये इंसान को कई बार संभलने का मौक़ा ही नहीं देती हैं. इनमें से दो कंडीशंस हैं Cardiac Arrest और हार्ट अटैक. अकसर लोग इन दोनों को कंडीशंस को एक ही समझने की ग़लती कर लेते हैं. लेकिन इन दोनों में बहुत अंतर है.

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तो चलिए आपको बताते हैं कि हार्ट अटैक और Cardiac Arrest में क्या है?

क्या होता है Cardiac Arrest?

हार्ट बीट या दिल की धड़कन का अचानक से अनियंत्रित होने या रुक जाने को Cardiac Arrest कहा जाता है. चिकित्सीय भाषा में कहा जाए तो जब दिल में वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा हो Cardiac Arrest तब होता है. और इंसान की हार्ट बीट तभी रुकती है जब अचानक ही दिल की किसी मांसपेशी में खून का संचार रुक जाए या मांसपेशी को मिलने वाला खून दूषित हो. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब दिल धड़कता है तो एक करंट जैसा पैदा होता, जिसकी मदद से शरीर के अलग-अलग अंगों में रक्त का संचार होता है. और धड़कन के अनियंत्रित होने की स्थिति में रक्त का संचार प्रभावित होता है, जिसका असर बॉडी के अलग-अलग हिस्सों पर पड़ सकता है. Cardiac Arrest, हार्ट अटैक से ज़्यादा घातक होता है. क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को दिल सम्बन्धी कोई बीमारी नहीं भी, तो भी Cardiac Arrest हो सकता है. पर Cardiac Arrest होने की अधिक सम्भावना उस व्यक्ति में ज़्यादा होती है, जिसे दिल सम्बन्धी कोई बीमारी हो.

क्यों ज़्यादा ख़तरनाक है Cardiac Arrest?

Cardiac Arrest ऐसी बीमारी है जिसमें दिल की धड़कन के अनियंत्रित होने के कारण कई बार दिल काम करना यानि की ख़ून की पंपिंग करते-करते रुक जाता है. या यूं कहिये कि दिल आराम करने लगता है और ये वक़्त कितनी देर का हो इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता. इस कंडीशन में कभी-कभी दिल दोबारा धड़कना शुरू कर देता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है. लेकिन बहुत ही कम केसेज़ में ऐसा होता है. क्योंकि अकसर इस कंडीशन में जब तक दिल की धड़कन दोबारा शुरू होती है तब तक मस्तिष्क तक ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण इंसान की मौत हो चुकी होती है. और अगर ऐसी स्थिति में इंसान के शरीर के बाकी बॉडी पार्ट्स काम करने भी लग जाएं पर बिना मस्तिष्क के शरीर बेकार हो जाता है. बॉडी की इसी स्थिति को ब्रेन डेथ कहते हैं.

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Cardiac Arrest के संकेत और लक्षण

Cardiac Arrest बिना किसी चेतावनी यानि कि अचानक होता है, इसलिए इसके लक्षण उसी समय पता चलते, हैं जैसे बेहोशी, दिल कीधड़कन का रुक जाना, पल्स का ना चलना. हालांकि, कभी-कभी अचानक से थकान, बेहोशी, चक्कर आना, सीने में दर्द, ब्लैकआउट, सांस की तकलीफ़, उल्टी जैसी स्थिति के रूप में Cardiac Arrestके लक्षण दिखाई देते हैं. अगर आपको या आपके किसी करीबी को कभी भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़े तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखायें और इसमें कोई देरी न करें.

अचानक होने वाले Cardiac Arrest के कारण और रिस्क फ़ैक्टर्स

अचानक से Cardiac Arrest की मुख्य वजह दिल की कार्यप्रणाली में होने वाली गड़बड़ी से दिल की धड़कन का रुक जाना है, जिसे मेडिकल लैंग्वेज में (arrhythmia) कहते हैं. इसके अलावा कई तरह की अन्य बीमारियां भी Sudden Cardiac Arrest का कारण बन सकती हैं. जैसे –

क्या होता है हार्ट अटैक?

हार्ट अटैक तब होता है जब किसी तरह के ब्लॉकेज के कारण दिल तक ख़ून नहीं पहुंच पाता है. अब आपको बता दें कि दिल तक पहुंचने वाली तीन धमनियां होती हैं, जिनके ज़रिये दिल तक रक्त का संचार होता है और दिल सुचारू रूप से काम करता है. वहीं जब किसी भी तरह के अवरोध के कारण दिल तक पहुंचने वाली किसी रक्त रक्त नलिका को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता तो वो काम करना बंद कर देती है, जिस कारण दिल का वो हिस्सा भी काम करना बंद कर देता है, जो उस नलिका के सहारे काम करता है. वहीं बाकि 2 नलिकाओं के सहारे दिल का बाकी हिस्सा काम करता रहता है. और इस कंडीशन में अगर Cardiac Arrest हो जाए तो व्यक्ति की मौत हो जाती है. वहीं अगर Cardiac Arrest नहीं हुआ तो इंसान को बचाना मुमकिन होता है.

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हार्ट अटैक के लक्षण और कारण

अधिकतर लोग हार्ट अटैक और Cardiac Arrest को एक ही समझते हैं, लेकिन जिस तरह ये दोनों दिल से जुड़ी बीमारियां हैं पर दोनों में काफ़ी अंतर है. वहीं इनका शिकार हुए व्यक्ति के लिए प्राथमिक चिकित्सा (First-Aid) भी अलग होती है.

Cardiac Arrest के लिए प्राथमिक चिकित्सा (First-Aid)

हार्ट अटैक के लिए प्राथमिक चिकित्सा (First-Aid)

हार्ट अटैक आने पर भी आपको Cardiac Arrest की तरह ही प्राथमिक चिकित्सा सारी प्रक्रियायें (First-Aid) करनी चाहिए. अगर आपको या आपके किसी करीबी को कभी भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़े तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखायें और इसमें कोई देरी न करें.

गौरतलब है कि बीते शनिवार को बॉलीवुड की पहली फ़ीमेल सुपर स्टार श्रीदेवी का दुबई में ‘Cardiac Arrest’ के कारण देहांत हो गया. इस ख़बर के साथ ही पूरे देश और बॉलीवुड को बड़ा झटका लगा. लेकिन फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ये बात सामने आयी है कि उनकी मौत की वजह बाथटब में डूबने से हुई थी. ख़ैर वजह जो भी रही हो, उनकी कमी को तो कोई भी पूरा नहीं कर सकता लेकिन कहा जाता है कि ‘The Show Must Go On’. तो ऐसे ही सब आगे बढ़ते रहेंगे.

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