कहानी राम बाई और बेगम साहिबा की, जिनकी दोस्ती मज़हब से परे सिर्फ़ प्यार का संदेश देती है

Nripendra

Hindu Muslim Friendship Story of Ram Bai and Begum Sahiba: हर कोई चैन-ओ-सुकून से जीना चाहता है, लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसे असामाजिक तत्व रहते हैं, जिनका काम मज़हब के नाम पर दंगे फ़ैलाना ही रहता है. इसलिए, मज़हबी प्यार और दोस्ती की कहानियां अक्सर दंगों और विवादों के बीच दब कर रह जाती हैं. 

अगर आप गौर करें, तो आपको कई ऐसे लोग मिलेंगे जिनकी निजी ज़िंदगी और उनके द्वारा किए जा रहे काम ये संदेश देने का काम कर रहे हैं कि मज़हबी प्यार हमेशा ज़िंदा रहेगा.

आइये, इसी क्रम में हम आपको बताते हैं राम बाई और बेगम साहिबा की 50 सालों की दोस्ती की कहानी. 

जब राम बाई को कोई अकेला छोड़ गया था

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Hindu Muslim Friendship Story: thebetterindia के अनुसार, राम बाई और बेगम साहिबा की दोस्ती 50 सालों से चली आ रही है. वो दोनों साथ ही रहती हैं. आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि आख़िर दोनों साथ क्यों रहती हैं. दरअसल, कई सालों पहले राम बाई को कोई बिलासपुर से जम्मू अकेला छोड़ गया था, तब से वो बेगम साहिबा के साथ ही रह रही हैं. हालांकि, राम बाई को अब कुछ उतना याद नही है. जानकारी के अनुसार, उनका इस दुनिया में कोई नहीं है. 

कुष्ठ रोगी आश्रम 

बेगम साहिबा जम्मू की ही हैं, लेकिन वो सालों से यहीं जम्मू के कुष्ठ रोगी आश्रम में रह रही हैं. बेगम साहिबा के अनुसार, राम बाई इस आश्रम में उनके यहां आने के 10 साल बाद आई थीं. इसके बाद दोनों एक ही कमरे में रहने लगे और इसी तरह दोनों के बीच दोस्ती बढ़ती चली गई. 

बेगम साहिबा कहती हैं कि राम बाई ने उनकी और उनके परिवार, दोनों की सेवा की है. 

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 सुख-दुख के साथी

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जहां एक तरफ़ लोग मज़हबी अराजकता फ़ैलाने में लगे हैं, वहीं राम बाई और बेगम साहिबा ने इंसानियत को चुना और एक दूसरे के दुख-सुख के साथी बन गए. राम बाई, बेगम साहिबा से दस साल बड़ी हैं. दोनों एक ही कमरे में प्रेम से रहते हैं और दोनों हर वक़्त एक दूसरे की सेवा में खड़ी रहती हैं. 

एक ही घर में भगवान और अल्हाल की इबादत   

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Hindu Muslim Friendship Story of Ram Bai and Begum Sahiba: इन दोनों की दोस्ती एक मिसाल है. दोनों भले ही अलग-अलग धर्म से हैं, लेकिन एक ही घर में भगवान और अल्हाल की पूजा और इबादत करते हैं और दोनों एक दूसरे की धार्मिक आस्था की कद्र भी करते हैं. 

बेगम साहिबा कहती हैं कि इंसान को ऊपर वाले ने बनाया है और जब उन्होंने ही फ़र्क नहीं किया, तो हम कौन होते हैं. 

राम बाई और बेगम साहिबा की दोस्ती की कहानी आपको कैसी लगी, हमें कमेंट में ज़रूर बताएं.   

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