LPG Gas Cylinder Explode: आज से कई साल पहले महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती थीं, जिसमें उन्हें कई बार काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था. जैसे खाने में देर होना, आग लग जाना वगैराह-वगैराह. इसके बाद, एलपीजी सिलेंडर आए, जिससे खाना बनाना आसान हो गया और समय भी बचने लगा. मगर सिलेंडर से जहां काम आसान हो गया वहीं इनसे ख़तरा भी बना रहता है क्योंकि कई बार ऐसा होता है सिलेंडर फट जाता है. इसके फटने से सिर्फ़ एक घर का नहीं न जानें कितने घरों का नुकसान होता है. सिलेंडर एक बन की तरह फटता है.
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मगर कभी सोचा है कि आख़िर इसके फटने की वजह क्या हो सकती है क्योंकि लोहे की सख़्त बॉडी होने के बावजूद भी सिलेंडर कैसे फट जाता है? (LPG Gas Cylinder Explode) नहीं सोचा तो अब सोच लीजिए और जान भी लीजिए.
गैस सिलेंडर का फटना दो बातों पर निर्भर करता है पहला गैस लीक होने पर और दूसरा गैस सिलेंडर के एक्सपायरी होने से.
अगर कोई कहे कि सिलेंडर अचानक फट गया तो सिलेंडर कभी भी अचानक नहीं फटता क्योंकि सिलेंडर फटने में 5 से 10 मिनट लगते हैं. इसलिए नज़रअंदाज़ करने के बजाय ध्यान दें कि कहीं आपका सिलेंडर लीक तो नहीं कर रहा है. सिलेंडर लीक होने पर गैस की बदबू आने लगती है. अगर ऐसा हो रहा है तो तुरंत गैस और लाइट्स वगैराह बंद कर दें. गैस लीक होने पर ज़रा सी चिंगारी भी आग का काम करती है. छोटी सी चिंगारी से आग पकड़ सकती है जिससे जैसे-जैसे सिलेंडर से गैस कम होगी इसमें से प्रेशर कम होता जाएगा. प्रेशर कम होने से आग सिलेंडर के अंदर जाती है और सिलेंडर फट जाता है.
दूसरा कारण एक्स्पायरी होना. सही सुना आपने फ़ूड, दवाइयों और ड्रिंक्स की तरह गैस सिलेंडर भी एक्स्पायर होते हैं. इसका पता इस पर लिखे कोड से चलता है, जिसे हम सभी नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
किचन में जाइए और अपने सिलेंडर को देखिए उसमें A, B, C, D के साथ कुछ नम्बर लिखे होंगे, जो कोई आम नम्बर नहीं है बल्कि इसकी एक्स्पायरी डेट को बताते हैं. जैसे A का मतलब जनवरी से मार्च, B का अप्रैल से जून, C का जुलाई से सितंबर और D का अक्टूबर से दिसंबर होता है. अल्फ़ाबेट के साथ नम्बर लिखे होते हैं जो साल बताते हैं कि किस साल में आपका सिलेंडर एक्स्पायर हो जाएगा.
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आइए अब जानते हैं कि अगर गैस सिलेंडर में आग लगने की परिस्थिति में बचाव कैसे करें?
1. सिलेंडर लीक होने पर सबसे पहले उसे बंद कर दें.
2. अगर गैस चूल्हे या पाइप में आग लगी है तो नॉब बंद कर दें, आग बुझ जाएगी.
3. नॉब के बाद रेगुलेटर को भी बंद करें.
4. सिलेंडर पर तुरंत सूती चादर, कंबल या बड़ी टॉवल को पानी में गीला करके लपेट दें.
5. आख़िरी में अगर गैस चूल्हे पर भी गीला कपड़ा डाल दें.
गैस लीक हो या सिलेंडर फटने की स्थिति में सबसे पहले बिना घबराए संयम से काम लें. इसके बाद ही मुसीबत से लड़ने की हिम्मत और रास्ता दोनों मिलेगा.