नोटबंदी के बाद से भले ही अर्थव्यवस्था को करारा झटका लगा हो लेकिन भारत एक ऐसा देश है जहां लोग सपने देखना नहीं छोड़ते हैं और इसी में एक प्रमुख सपना होता है, अमीर बनने का. ये तो सभी जानते हैं कि 9 से 5 की नौकरी में उम्र बीत जाती है लेकिन अक्सर लोग मिडिल क्लास ज़िंदगी से आगे नहीं बढ़ पाते हैं लेकिन अगर अमीर बनने की चाहत आपको रातों को सोने नहीं दे रही है तो आप इन कुछ तरीकों पर गौर फ़रमा सकते हैं.
नहीं आपको किसी अमीर लड़की से शादी, विदेश में बसने या बैंक लूटने की ज़रूरत नहीं है बल्कि अगर अपनी स्किल्स का सही इस्तेमाल करें तो कुछ इंवेस्टमेंट के साथ ही आप काफी तेजी से अमीर बन सकते हैं. जानिए ऐसे ही कुछ प्रोफ़ेशंस के बारे में.
ब्लॉगिंग
ब्लॉगिंग न केवल अपनी भावनाओं को उकेरने का एक बेहतरीन तरीका है, बल्कि इसके ज़रिये आप लोगों को अपने ज्ञान और अनुभवों से भी रूबरू करा सकते हैं. आप ब्लॉग हिंदी, इंग्लिश या फिर अपनी मातृभाषा में भी लिख सकते हैं. Adsense और Affiliate मार्केटिंग एक ब्लॉग के ज़रिए पैसा कमाने का सबसे बेहतरीन तरीका है. ब्लॉग के लिए आपको एक डोमेन और होस्टिंग की ज़रूरत होगी. GoDaddy WordPress काफ़ी अफ़ोर्डेबल हैं, आसानी से ब्लॉग बनाया जा सकता है और इसके कई फ़ायदे भी हैं. इसके अलावा आपको एक वार्षिक प्लान के साथ फ़्री डोमेन भी मिलता है.
ट्रेन, बस, एयर रिजर्वेशन सर्विस
ट्रेन, बस, एयरलाइन सीट्स जैसी सुविधाओं के लिए पहले लोगों को ट्रेवल एजेंट के आसरे रहना पड़ता था. लेकिन आज स्मार्टफ़ोन और इंटरनेट के साथ ही कोई भी शख़्स इस सर्विस को ऑफ़र कर सकता है. भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली एप्स, स्टेट द्वारा संचालित रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशंस और एयरलाइंस ने अब इसे काफी आसान बनाया है. दूसरे शहरों से आने वाले लोग जो ट्रैवल एजेंसी की मदद लेने से कतराते हैं, ऐसे लोग कंफ़र्म सीटों के लिए अतिरिक्त शुल्क देने को भी तैयार रहते हैं. इस बिज़नेस को घर से भी संभाला जा सकता है और काफी अच्छा पैसा बनाया जा सकता है.
फूड ट्रक्स
पिछले 200 सालों से अमेरिका में लोकप्रिय फ़ूड ट्रक्स अब भारत में भी अपने पैर पसारने लगे हैं. फ़ू़ड ट्रक्स पर पांच लाख से लेकर 8 लाख तक का इंवेस्टमेंट हो सकता है. फ़ूड ट्रक्स आमतौर पर सेल्फ़ ऑपरेटेड होते हैं. रेस्टोरेंट्स के मुकाबले फ़ूड ट्रक्स को कम लाइसेंस की ज़रूरत पड़ती है. ऐसे में ये एक अच्छा खासा बिज़नेस हो सकता है.
एक फ़ूड ट्रक चलाने के लिए स्थानीय प्रशासन से परमिट और लाइसेंस की ज़रूरत होती है और फ़ूड सेफ़्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी से परमिशन की ज़रूरत पड़ती है. फ़ूड ट्रक गाइड के बारे में MoneyConnexion पर पढ़ा जा सकता है.
किराए पर टैक्सी का बिज़नेस
भारत में कैब कल्चर के आने से कई लोगों ने इसका जमकर फ़ायदा उठाया है. जिन लोगों के पास कारें हैं, वे चाहें तो इन्हें टैक्सी के लिए किराए पर देकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. सभी मेट्रो शहरों में कैब ऑपरेटर्स ऐसे लोगों की तलाश में रहते हैं जो अपने पैसेंजर वाहन को टैक्सी के लिए उधार दे सकें. ऐसे में ये भी आपके लिए बिज़नेस का किफ़ायती और आसान तरीका हो सकता है.
कलेक्शन एजेंट
लगभग सभी सर्विस प्रोवाइडर, बैंक, कॉरपोरेट हाउस ऐसे लोगों की तलाश में रहते हैं, जो उनके चेक और पेमेंट्स को क्लाइंट्स और बिज़नेस एसोसिएट्स से कलेक्ट कर सके. ऐसे में कलेक्शन एजेंट की भूमिका काफी अहम हो जाती है. ये सर्विस टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा लोगों को फ़्री में उपलब्ध कराई जाती है. इन संस्थाओं के लिए कलेक्शन एजेंट की तरह काम करना फ़ायदे का सौदा होता है. ये बात भी गौर करने लायक है कि ये कलेक्शन एजेंट, डेब्ट रिकवरी एजेंट से काफी अलग होते हैं.
एड्रेस वेरीफ़िकेशन सर्विस
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कई कंपनियों को अपने कस्टमर या बिज़नेस एसोसिएट एड्रेस की फ़िजिकल वेरीफ़िकेशन की ज़रूरत पड़ती है. ये कंपनियां लोगों को और छोटी कंपनियों को काम आउटसोर्स करती हैं. इस काम के लिए लोगों के फ़िजिकल वेरीफ़िकेशन की ज़रूरत पड़ती है, ऐसे में एड्रेस वेरीफ़िकेशन सर्विस की शुरूआत कर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.
साइकोलॉजिकल काउंसलर
अपने देश में आज भी मनोवैज्ञानिक के पास जाना एक टैबू माना जाता है. साफ़ है देश के कई हिस्सों में मेंटल हेल्थ को गंभीरता से नहीं लिया जाता. इस समस्या से निपटने के लिए मेंटल हेल्थ को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. साइकोलॉजी में ग्रेजुएट लोग काउंसलिंग सर्विस प्रदान करते हैं. फ़ीस एक सेशन के हिसाब से तय होती है, जो आमतौर पर आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक चल सकता है. गौरतलब है कि साइकोलॉजिकल काउंसलिंग और साइकैट्री काउंसलिंग में फ़र्क होता है. साइकोलॉजिकल काउंसलिंग के लिए बैचलर ऑफ़ साइंस इन साइकोलॉजी वहीं साइकैट्री काउंसलिंग के लिए डॉक्टर ऑफ़ मेडीसिन (एमडी) डिग्री की ज़रूरत पड़ती है.
हर्बल ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बिज़नेस
हर्बल ब्यूटी सेक्टर में काफी कंपटीशन है. खास बात ये है कि कई बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां भी इस प्रतियोगिता में शामिल हैं. हर्बल ब्यूटी प्रोडक्ट्स लार्ज स्केल कमर्शियल मार्केटिंग के लिए स्टोर नहीं किए जा सकते है, इसलिए उन्हें बनाया और डिलीवर भी ऑर्डर के हिसाब से किया जाता है, ऐसे में इसका कारोबार भी आपके लिए काफी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है.
टिफ़िन सर्विस
खाना बनाने के शौकीन लोगों के लिए टिफ़िन सर्विस काफी फ़ायदेमंद हो सकता है. अगर आपके हाथों में जादू है तो यकीनन लंच और डिनर की व्यवस्था जैसा बिज़नेस आपकी आर्थिक स्थिति को चार चांद लगा सकता है.
मीट सप्लायर
बीफ़ बैन और मीट के बढ़ते दामों के बीच देश में एक तबका ऐसा भी है जो मीट के मामले में प्रयोगों को लेकर आगे रहता है और दुनिया भर के लोकप्रिय मीट को खाना पसंद करता है. ऐसे में शुतुरमुर्ग, बटेर, जंगली सूअर और तीतर जैसे कई मीट प्रॉडक्ट्स का कारोबार कर अच्छा खासा पैसा कमाया जा सकता है.
पब्लिक रिलेशन एजेंसी
लगभग हर क्षेत्र में बढ़ती गला काट प्रतियोगिता के चलते बिज़नेस कंपनियां पीआर फ़र्म्स को हायर करती हैं ताकि कंपनी अपनी ब्रांड वैल्यू और लोगों के बीच मौजूदगी को बनाए रख सके. पीआर फ़र्म्स का काम मास मीडिया में अपनी पहचान बनाए रखना होता है. कंपनी को प्रमोट करने के लिए इवेंट होस्ट किए जाते हैं, पत्रकारों और स्टेक होल्डर्स से विचार विमर्श होते हैं, मसलन कंपनी को लोगों की नज़रों में बनाए रखने के लिए कई जतन और प्रयत्न किए जाते हैं लेकिन सभी कंपनियां बड़ी पीआर कंपनियां एफ़ोर्ड नहीं कर सकती, ऐसे में छोटी कंपनियों के लिए पीआर फ़र्म्स की सुविधा उपलब्ध कराकर आप अमीर बन सकते हैं
लाइसेंस रिन्यू बिज़नेस
सरकार के कई प्रयासों के बावजूद भारत में रेड टेप में खास कमी नहीं आई है. फ़्रेश लाइसेंस और परमिट लेना यूं तो अब ऑनलाइन हुआ है, लेकिन ये अब भी कुछ लिमिटेड एजेंसी के हाथों में ही है. इन लाइसेंस को रिन्यू करना और बिज़नेस को प्रमोट करना काफी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है. इसके लिए सरकारी संस्थाओं में सही लोगों के साथ कॉन्टेक्ट स्थापित कर ऐसा किया जा सकता है.
फ़ूड प्रोसेसिंग
भारत में खाद्य पदार्थों का एक हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और लॉजिस्टिक्स अकाउंट के चलते वेस्ट हो जाता है भारतीय सरकार ने फ़ूड पार्क्स जैसी कई पहल की हैं जहां इंवेस्टर्स आकर अपनी प्रोसेसिंग यूनिट्स खोल सकते हैं ताकि वेस्ट को कम से कम किया जा सके.
सरकार द्वारा इंवेस्टर्स को आर्थिक और तकनीकी सहायता दी जाती है. कैन्ड, डिहाइड्रेटेड और फ़्रोज़न फ़ूड्स भारत में बढ़ते मार्केट के तौर पर शुमार है. इस सेक्टर में घुसने पर काफी आर्थिक लाभ लिया जा सकता है.
रिसाइकलर
इस बात में कोई दो राय नहीं कि रिसाइकिलिंग आने वाले समय में सबसे अहम प्रोफ़ेशन में शुमार होगा. ग्लोबल वार्मिंग और प्लास्टिक के पर्यावरण पर होते ख़तरे को देखते हुए ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि रिसाइकलिर का काम काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है. कचरे के रिसाइकिल करने का बिज़नेस अपनाकर न केवल आप पर्यावरण की मदद कर सकते हैं, बल्कि अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं. रिसाइकल्ड मेटल, प्लास्टिक और पेपर की भारत के मैन्यूफ़ैक्चरिंग सेक्टर में काफी डिमांड है. रिसाइकिल करने वाले लोगों को सरकार लोन, तकनीकी मदद और सब्सिडी जैसी सुविधाएं भी प्रदान कर सकती हैं.
Chronicler
कंपनियां, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स और कई बड़े संस्थान ऐसे लोगों की तलाश में रहते हैं, जो उनके संस्थान के लिए बढ़िया कंटेट राइटिंग कर सके. ऐसे में अगर आप किसी लैंग्वेज सीख लेते हैं तो आपके लिए आर्थिक फ़ायदे के चांस बढ़ जाते हैं.
लेबर सर्विस
लेबस सर्विस किसी रिक्रूटमेंट कंपनी की तरह नहीं है. लेबर सर्विस का काम होता है, सेमी स्किल्ड और अनस्किल्ड वर्कर्स को काम मुहैया कराना. ये काम फुलटाइम, पार्टटाइम या फिर सेमी पार्ट टाइम भी हो सकता है. इन कंपनियों में कंस्ट्रक्शन फ़र्म्स, सिक्योरिटी एजेंसी, रेस्टोरेंट्स, पेस्ट कंट्रोल प्रोवाइडर्स शुमार होती हैं. हर लेबर के हिसाब से आपका कमीशन तय होता है और अगर आपके पास अच्छे खासे लेबर्स की जमात है, तो अमीर बनने की काफी गुंजाइश हो जाती है.
स्टॉक्स ट्रेडिंग
भारत में मैन्यूफ़ेक्चर, इंफ़्रास्ट्रक्चर, डिफ़ेंस, टेलीकॉम, फ़ाइनेंस जैसे कई क्षेत्रों में तेज़ी देखने को मिली है. कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करना भारत में अमीर बनने का एक तरीका माना जाता रहा है. गोल्ड, सिल्वर में ट्रेडिंग भी काफी फ़ायदेमंद साबित हो सकती है. स्टॉक्स में डील करने के लिए एक दिन के शॉर्ट कोर्सेस भी उपलब्ध कराए जाते हैं. स्टॉक्स में ट्रेड करने के लिए ब्रोकरेज फ़र्म की सहायता भी ली जा सकती है.