मास्क से लेकर सोशल डिस्टेंसिग तक 2020 तक के वो वेडिंग ट्रेंड्स जो 2021 में भी जारी रहेंगे

J P Gupta

2020 में कोरोना महामारी की वजह से बहुत से लोगों को अपनी शादियों का प्लान कैंसिल करना पड़ा तो कइयों ने ऑनलाइन या फिर चंद रिश्तेदारों को लेकर शादी करने का फ़ैसला किया. इससे हज़ारों दूल्हा-दुल्हन के शादी के अरमानों पर पानी फेर दिया. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना और गिने-चुने लोगों का शामिल होना, ये कुछ ऐसे ट्रेंड हैं जो पिछले साल की शादियों में देखने को मिले. 

देश की खूब फलने-फूलने वाली वेडिंग इंडस्ट्री को भी इसने हिला कर रख दिया. लेकिन इंडस्ट्री ने समय के हिसाब से ख़ुद को ढालने में भी देरी नहीं की. यही कारण है कि साल के आख़िरी साये(नवंबर-दिसंबर) में ख़ूब शादियां हुई. चूंकि कोरोना वैक्सीन अभी आई नहीं है तो 2021 में ये ट्रेंड्स जारी रह सकते हैं. चलिए जानते हैं कुछ वेडिंग ट्रेंड्स के बारे में जो इस साल भी हमें देखने को मिल सकते हैं.

डिजिटल शादियां

पिछले साल लोगों ने कोरोना वायरस से ख़ुद को और अपने परिवार-दोस्तों को बचाने के लिए अपनी शादी डिजिटली की. उन्होंने ज़ूम, गूगल मीट या फिर ग्रूप वीडियो कॉलिंग पर अपनी शादी का आयोजन किया. इससे लोग उनकी शादी में शरीक भी हुए और कोरोना का ख़तरा भी नहीं रहा. 

लोगों ने ऑनलाइन वेडिंग प्लानिंग तक कर डाली. वेडिंग प्लानर्स से ऑनलाइन बात की और एक छोटा सा वेन्यू डिसाइड कर लिया. यहां कोविड-19 की सभी गाइडलाइन्स को फ़ॉलो करते हुए 50 रिश्तेदारों की मौजूदगी में शादी कर ली. उन्होंने निमंत्रण पत्र भी लोगों को ऑनलाइन ही भेज दिए.

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शादी को भव्य न बना कर उसे पर्सनल ही रखा

बिग फ़ैट इंडियन वेडिंग तो 2020 में हो न सकी. अगले साल भी ऐसा होने की पूरी संभावना है. The Knot Worldwide की रिसर्च के अनुसार, पिछले साल 76 फ़ीसदी लोगों ने अपनी शादी तय की गई तिथि पर ही करने की ठानी. इनमें से अधिकतर ने अपनी गेस्ट लिस्ट में 68 फ़ीसदी की कटौती की. 60 फ़ीसदी ने वेडिंग प्लानर्स को हायर किया ताकि सभी नियमों का पालन हो सके.

शादी में शामिल लोगों के बैठने के लिए सिटिंग प्लान भी नियमों के हिसाब से बने. किसी ने ‘Seating Bubbles’ बनाए, तो किसी ने छोटे-छोटे टेंट सोशल डिस्टेंसिग के साथ बैठने का अरेंजमेंट किया.

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स्थिरता

लोगों के पास समय बहुत था तो उन्होंने अपनी शादी में कुछ भी टेंपरेरी अरेंज करने की जगह स्थिरता को तरजीह दी. इस तरह कपल्स ने अपनी क्रिएटिविटी का भी प्रदर्शन किया. उन्होंने वेडिंग प्लानर्स द्वारा नक़ली फूल, सजावट का सामान इस्तेमाल करने की जगह रियलिस्टिक चीज़ों को चुना. जैसे असली फूल, पौधे, गमले, मिट्टी के ख़ूबसूरत बर्तन, लकड़ी से बनी लालटेन, बास्केट आदि. कपड़े से लेकर ज्वेलरी तक सब उन्होंने यूनीक और ट्रेंड के हिसाब से सेलेक्ट की.

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शादी की लोकेशन

कुछ लोगों ने अपनी शादी के लिए राजस्थान के क़िले-महलों को चुना तो कुछ ने हिल स्टेशन्स का रुख किया. रिसर्च के मुताबिक, ऑउटडोर वेडिंग करने का चलन पिछले साल तेज़ रहा. कपल्स ने दूर पहाड़ों में किसी फ़ार्म हॉउस पर अपने क़रीबी रिश्तेदारों के साथ शादी रचाई. 

शादी के समारोह को व्यक्तिगत रखने के लिए उन्होंने इसका आयोजन फ़ार्म हॉउस के बैकयार्ड और गार्डन में किया. सभी नियमों का पालन करने के साथ ही 80 फ़ीसदी शादी में लोगों की टेबल के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की गई.

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