Inside Photos Of Rashtrapati Bhavan: राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है. ये भवन 320 एकड़ में बना है. बाहर से ये जितना परफ़ेक्ट दिखता है अंदर से उससे कहीं ज़्यादा ख़ूबसूरत है. कहते हैं कि इस भवन को बनने में 17 साल लगे और 17 साल ही ब्रिटिश राज्य के पास रह पाया क्योंकि 18वें वर्ष में भारत आज़ाद हो गया था. इस भवन में 340 कमरे हैं. सन 1950 तक इसे वाइसरॉय हाउस बोला जाता था. हमारे देश में नियुक्त राष्ट्रपति उन कक्षों में नहीं रहते, जिनमें वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे अतिथि-कक्ष में रहते हैं. पहले राष्ट्रपति भवन तत्कालीन भारत के गवर्नर जनरल का आवास हुआ करता था. ये भवन विश्व में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से बड़ा है.
इसके अलावा, इसे बनाने में 700 Million ईंटें और 3 Million Cubic Feet पत्थर लगा है. इस भवन को बनाने में 29 हज़ार लोग लगे थे और इसे बनाने में बिल्कुल भी लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इसमें बच्चों के लिए दो Galleries भी हैं. चलिए इस ख़ूबसूरत और विशाल भवन की ख़ूबसूरती को (Inside Photos Of Rashtrapati Bhavan) को इन तस्वीरों में देखते हैं.
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Inside Photos Of Rashtrapati Bhavan
1. इस भवन में भवन की दोगुनी ऊंचाई का गुम्बद है, जिसे सांची स्तूप से प्रेरित होकर बनाया गया था.
2. राष्ट्रपति भवन की लाइब्रेरी है.
3. ये वो जगह है जो कॉरीडोर और हॉल से जुड़ी है.
4. राष्ट्रपति भवन का Golden Archway.
5. सीढ़ियों की तरफ़ जाने का रास्ता.
6. राष्ट्रपति भवन की भव्य सीढ़ियां.
7. ये फ़ॉर्मल मीटिंग हॉल है, जहां पर ऑफ़िशियल मीटिंग होती हैं.
8. राष्ट्रपति भवन का Royal Ballroom है
9. वाइट इंटीरियर से बना ये कक्ष राष्ट्रपति भवन का स्टडी रूम है
10. ख़ूबसूरत Ornamental Lawns.
11. राष्ट्रपति भवन में विशाल बेडरूम.
12. राष्ट्रपति भवन के अंदर का बरामदा.
राष्ट्रपति भवन की Guest Wing
गेस्ट विंग, जिसे राष्ट्रपति भवन के साउथ वेस्ट विंग के रूप में भी जाना जाता है. इसमें तीन फ़्लोर हैं, जहां फ़र्स्ट फ़्लोर में राष्ट्राध्यक्षों, उनकी पत्नियों और प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों की मेज़बानी की जाती है. इसके दो मुख्य Suites द्वारका और नालंदा हैं.
आपको बता दें, भारत के प्रथम गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचार्य को यहां का मुख्य शयन कक्ष अति आडंबर पूर्ण लगा, जिसके कारण उन्होंने अतिथि कक्ष में रहना उचित समझा. इनके बाद, सभी राष्ट्रपतियों ने यही परंपरा निभाई. यहां के मुग़ल गार्डन में 159 प्रकार के गुलाब लगे हैं, जिसे साल के फरवरी महीने में खोला जाता है.