Interesting Fact About Airhostess: हवाई जहाज़ में ट्रैवल करते समय कुछ लोग गर्म पानी पीते हैं तो कुछ लोग चाय-कॉफ़ी पीते हैं. चाय-कॉफ़ी से लम्बी दूरी तय करने से थकान नहीं होती है और मन भी लगा रहता है. मगर क्या आप जानते हैं कि प्लेन में यात्री तो चाय-कॉफ़ी पी सकते हैं पर एयर हॉस्टेस और केबिन क्रू फ़्लाइट में चाय-कॉफ़ी नहीं पी सकती हैं. इसके पीछे एक ख़ास वजह है, जिसे फ़ेमस टिकटॉकर और एयर हॉस्टेस Sierra Mist ने सभी के साथ शेयर की है. इनकी वजह से जानकर आपको हैरानी ज़रूर होगी.
ये भी पढ़ें: क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज़ में बने टॉयलेट की गंदगी कहां जाती है? जवाब यहां है
Interesting Fact About Airhostess
हालांकि, Sierra Mist हमेशा अपने फ़ैंस के साथ फ़्लाइट से जुड़ी जानकारियां शेयर करती रहती हैं. इन्होंने ही ये चौंकाने वाला खुलासा किया है कि आख़िर क्यों एयरहॉस्टेस चाय-कॉफ़ी नहीं पीती है. हालांकि, अब Tiktok बैन हो चुका है, लेकिन जब Tiktok चलता था, तो एयर हॉस्टेस Sierra Mist के Tiktok पर 31 लाख फ़ॉलोअर्स थे.
Sierra Mist ने इस वीडियो को अपने Instagram अकाउंट पर भी शेयर किया था, जिसमें आप देख सकते हैं कि वो चाय-कॉफ़ी न पीने की वजह बता रही हैं.
Sierra ने कहा कि,
कैबिन क्रू या फ़्लाइट अंटेडेंट बहुत ज़्यादा ज़रूरी होने पर ही कॉफ़ी या चाय पीते हैं क्योंकि पानी के टैंक कभी भी साफ़ नहीं किए जाते हैं. हालांकि, एयरलाइन्स पानी की क्वालिटी और टैंक को चेक करती रहती है, लेकिन जब तक कुछ गंदगी नहीं मिलती है वो साफ़ नहीं करते हैं, भले ही कितने भी दिन हो जाएं पानी भरे हुए.
इसके अलावा, Sierra ने सनस्क्रीन लगाने की भी वजह बताई,
एयर हॉस्टेस को हमेशा सनस्क्रीन इसलिए लगाना पड़ता है क्योंकि हम प्लेन (एक धातु की ट्यूब) में हर दिन 35,000 फ़ीट की ऊंचाई पर जाते हैं, जो ओज़ोन लेयर के बहुत क़रीब होती है और हमारी स्किन पर रेडिएशन का कोई असर न हो इसलिए हमें सनस्क्रीन लगानी पड़ती है.
-Sierra
ये भी पढ़ें: रोचक तथ्य : क्या आपको पता है 1 लीटर ईंधन में हवाई जहाज़ कितनी दूरी तय कर सकता है?
आपको बता दें, Sierra के Instagram पर 137K के फ़ॉलोअर्स हैं. इनके इस वीडियो को 80 लाख से ज़्यादा लोग देख चुके हैं और 24 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. लोगों ने अभी तक देख लिया है जबकि 82 हजार से ज्यादा लोगों ने इस वीडियो को लाइक किया है. इस पर सोशल मीडिया यूजर्स भी मजेदार कमेंट्स कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां उन लोगों को एस्ट्रोनॉट और रेडियोलॉजिस्ट की श्रेणी में रखती हैं.