धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो
चलिए ज्ञान तो दे दिया. अब बात करते हैं उत्तराखंड की. देव भूमि उत्तराखंड, यहां की बात ही कुछ और है. जो शख़्स एक बार यहां के पहाड़ों पर घूमने जाता है, दोबारा लौटने के प्रॉमिस के साथ ही घर लौटता है. उत्तराखंड की गोद में प्रकृति ने कई अनमोल रत्न रख छोड़े हैं. इनमें से कई रत्न आज तक लोगों की नज़रों से छिपे हैं, इसलिए ग्लोबलाइज़ेशन के विस्फ़ोट से भी बचे हुए हैं.
ये पौड़ी-गढ़वाल का एक गांव है जो समुद्र की सतह से 1700 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है. पौड़ी से 11 किलोमीटर और देहरादून से 92 किलोमीटर की दूरी पर है खिरसू. ट्रैवलर्स के लिए यहां घूमने की कई जगहें हैं.
घूमने की जगहें
1. ज्वालपा देवी मंदिर ये मंदिर पौड़ी-कोटद्वार शहर पर, पौड़ी से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पर्यटक विश्रामगृह, धर्मशाला है जहां यात्रीगण रुक सकते हैं. ये नायर नदी के उत्तरी किनारे पर है.
खिर्सू के आस-पास की जगहें
खिर्सू के आस-पास घूमना हो तो आप श्रीनगर, देवलगढ़, उल्का गढ़ी, पौड़ी और लैंड्सडाउन जा सकते हैं.
कहां रुके?
खिर्सू में बसा होमस्टे में आराम से ठहर सकते हैं. इस होमस्टे को महिलाएं मैनेज करती हैं. यहां आपको लज़ीज़ खाने के साथ ही कई स्थानीय कहानियां भी सुनने को मिलेंगी.
कैसे पहुंचे?
देहरादून नज़दीकी एयरपोर्ट है जो 174 किलोमीटर की दूरी पर है. नज़दीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है जो 127 किलोमीटर है. खिरसू, पौड़ी से सड़क मार्ग द्वारा वेल कनेक्टेड है.
हैप्पी जर्नी!