जब से दुनिया का पाला घातक कोरोना वायरस से पड़ा है तब से ये दो-तीन बात साफ़-साफ़ समझ आ गई हैं.
– सामाजिक दूरी बनाए रखना ज़रूरी है यानी 2 गज की दूरी तो बेहद ज़रूरी है ही और यदि आप ज़्यादा बना सकते हैं तो मुबारक़ हो.
– हर थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ को साबुन से साफ़ करना न भूलें.
– अपना चेहरा (मुंह, नाक) फ़ेस मास्क से ढके बिना घर से बाहर न निकले.
लेकिन अभी भी हमें ये ढंग से नहीं पता की कौन सा फ़ेस मास्क कब तक उपयोग करना चाहिए और किस तरह उसे अच्छे से साफ़ करना चाहिए. ऐसे में एक नज़र डालिए और जानिए की आप को वास्तव में क्या करने की ज़रूरत है.
1. सर्जिकल मास्क-
यदि आप सर्जिकल मास्क का उपयोग करते हैं तो विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे सही तरीक़ा है कि इसे हर तीन घंटे में बदला जाए.
पॉल हंटर, एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ और पूर्व एंग्लिया विश्वविद्यालय में चिकित्सा के प्रोफ़ेसर का कहना है कि सर्जिकल मास्क एक तरह के कागज़ से बने होते हैं जो कि लगातार सांस लेने मात्र भर से ही जल्द अपनी वायरस रोकने की क्षमता खो बैठता है.
वो बताते हैं कि बहुत लोग इसे धोने या तरह-तरह की चीज़ों से डिसइन्फ़ेक्ट करने की कोशिश करते हैं मगर ये सब व्यर्थ है. सर्जिकल मास्क के बीचों-बीच एक मटीरियल होता है जो वायरस को फांसता है. मगर किसी भी स्थिति में अगर ये गीला, ख़राब या इधर-उधर हिल जाता है तो मास्क ‘बेकार’ हो जाता है.
2. N95 या FFP2 मास्क-
इन मास्क को धोया नहीं जा सकता है क्योंकि धोने से इनका फ़िल्टर ख़राब हो जाता है. ऐसे में सबसे सही तरीक़ा है इसे एक बार इस्तेमाल के बाद बदल लिया जाए.
वैसे तो N95 जैसे मास्क हेल्थ वर्कर्स के लिए होते हैं. CDC के नियमों के अनुसार मास्क की कमी के चलते इसे हेल्थ वर्कर्स ज़्यादा से ज़्यादा 8 घंटे तक पहन सकते हैं. यदि वो एक ही तरह के बिमारी से ग्रसित मरीज़ को देख रहे हैं. ऐसे में ये भी ज़रूरी है कि मास्क चेहरे पर एकदम फ़िट बैठे.
3. कपड़े वाले मास्क-
WHO की गाइडलाइन्स अनुसार हमें इसे दिन में एक बार साबुन या डिटर्जेंट से ज़रूर धोना चाहिए.
विशेषज्ञों का कहना है कि इसे 60डिग्री तापमान में डिटर्जेंट में धोना सबसे सही होगा. इसे बाकि कपड़ों के साथ भी धुला जा सकता है.
धोने के बाद सुखाने के लिए आप ड्रायर का इस्तेमाल कर सकते हैं. CDC के अनुसार आप मास्क को सीधा सूरज की किरणों के आगे भी सुखाने के लिए रख सकते हैं. जर्नल ऑफ़ इंफ़ेक्शियस डिज़ीज़ में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 90% कोरोना वायरस के कण दिन में सूरज की किरणों से निकलने वाले Ultraviolet रोशनी में आने के 10 मिनट में ही निष्क्रिय हो जाते हैं.
इन बातों का ध्यान रखें और घर पर रहें.