How Ice Invented: गर्मी में ठंडी-ठंडी बर्फ़ ही तो राहत देती है, जिसे हम कभी सीधे खाते हैं तो कभी बर्फ़ से जूस या शेक बनाते हैं. इतना ही नहीं चोट लगने पर सूजन हो जाने पर भी बर्फ़ काफ़ी फ़ायदेमंद होती है. मेकअप को लॉन्ग लास्टिंग रखने के लिए भी बर्फ़ काफ़ी कारगर है. मगर कभी आपने सोचा है कि आख़िर ये बर्फ़ आई कहां से और ये ठंडी कैसे होती है? किसने सबसे पहले ICE के आविष्कार के बारे में सोचा होगा?
ये भी पढ़ें: कभी सोचा है कि बर्फ़ पानी में तो तैरती रहती है, पर शराब में डूब जाती है, जानिए क्या है इसकी वजह
आइए बर्फ़ से जुड़े (How Ice Invented) इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं:
फ़्रिज के आने से पहले ही नेचुरल बर्फ़ का इस्तेमाल होने लगा था, जिसका श्रेय बॉस्टन के बिज़नेसमैन Frederic Tudor को जाता है क्योंकि एक समय था जब किसी भी प्रयोग के लिए भारत को बर्फ़ ख़रीदनी पड़ती थी. मगर फिर फ़्रेडरिक ट्यूडर ने नेचुरल बर्फ़ की ब्रिकी शुरू की, जो बर्फ़ का कारोबार करने वाले पहले कारोबारी थे. इन्हें ICE King के नाम से भी जाता है. इनका पहला Ice पैकेज 1806 में कैरेबियाई देश भेजा गया था, जो पूरी तरह विफल रहा. क्योंकि गर्म देशों में बर्फ़ को अस्वीकार्य कर दिया गया था. इसके बाद इनसे सैमुअल ऑस्टिन ने बर्फ़ की बहुत बड़ी खेप ख़रीदी, जो क़रीब 100 टन बर्फ़ थी. इसे वो 1833 में कोलकाता लेकर गया और सारी बर्फ़ अंग्रज़ों ने ख़रीद ली. चेन्नई के मरीना बीच के सामने एक Ice House नाम की सुंदर गोल इमारत है, जिसे अब विवेकानंद हाउस कहा जाता है.
बॉस्टन में जन्में ट्यूडर अपने युवावस्था में एक दिन न्यू इंग्लैंड की जमी हुई झील को देखा तो उनके दिमाग़ में हलचल हुई. अगर वो झील से बर्फ़ निकालकर इकट्ठा करे और उसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बेचे तो क्या लोग इसे ख़रीदेंगे? अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए ट्यूडर ने समर्थकों को खोजने शुरू किया मगर उन्हें निराशा हाथ लगी. फिर 1806 में एक जहाज़ ख़रीदा, जिसे झील की जमी हुई बर्फ़ को काटकर भरा और वेस्टइंडीज़ में 3200 किमी दूर Martinique भेज दिया. बर्फ बरकरार थी, लेकिन Martinique के लोगों को यह नहीं पता था कि इसका क्या किया जाए? आख़िरकार, उन्हें इस अजीब पदार्थ की पहले कभी ज़रूरत नहीं पड़ी थी!
ट्यूडर ने हार न मानते हुए लगभग 10 सालों तक लोगों को बर्फ़ से चीज़ें बनाना और उसके महत्व के बारे में जागरुक किया. वो बार-बार गए, आइस्ड ड्रिंक्स का प्रचार किया और लोगों को आइसक्रीम बनाना सिखाया. हालांकि, ग्राहकों को पहले संदेह हुआ, लेकिन एक बार जब उन्होंने इसे आज़माया, तो उन्हें निश्चित रूप से इसकी “ज़रूरत” थी. जल्द ही ट्यूडर पूरे अमेरिका में बर्फ़ सप्लाई करने लगे.
कहते हैं कि, नेचुरल बर्फ़ की सप्लाई ट्यूडर ने की थी, लेकिन बर्फ़ का सबसे पहले आविष्कार फ़्रांस के वैज्ञानिक Adrien-Jean-Pierre Thilorie ने 1835 में किया था. इन्होंने Co2 यानी तरल कार्बन डाई आक्साइड को एक कांच के बर्तन में डाला, जो वाष्पित होने के बाद ड्राई आइस ही रह गई थी. दरअसल, जब कार्बन डाई ऑक्साइड सुपर कूल्ड स्टेट में आती है तो वो ठोस पदार्थ में बदल जाती है.
इसके अलावा, 14 जुलाई 1850 को पहली बार मशीन से बर्फ़ जमाई गई थी, जिस मशीन का आविष्कार अमेरिकन वैज्ञानिक डॉ. जॉन गैरी ने किया था. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ. जॉन गेरी ने इस मशीन का आविष्कार उन लोगों के लिए किया था, जो बुखार से पीड़ित हो जाते थे तो उन्हें ठंडी सिकाई करने के लिए ये मशीन बनाई गई थी. इसके बाद ही फ़्रिज के आविष्कार को गति मिली.
ये भी पढ़ें: आख़िर दूध का रंग सफ़ेद होने का कारण क्या है? नहीं पता तो जान लो
अब आप समझ गए होंगे कि नेचुरल आइस (Natural Ice) और आइस क्यूब्स (Ice Cubes) दोनों की खोज अलग तरह से अलग-अलग लोगों ने की है. नेचुरल आइस की बात करें तो इसका इतिहास तक़रीबन 2.4 अरब साल पुराना है, जिस युग को वैज्ञानिकों ने हुरोनियम हिमयुग का नाम दिया है.