हरी-भरी वादियों के बीच अगर बौद्ध धर्म को क़रीब से जानना है, तो इसके लिए आपको देश के पूर्वी हिस्से में नहीं, बल्कि पश्चिमी हिस्से का रुख करना चाहिए. हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के लोनावला की, जहां पर बौद्ध धर्म से संबधित कई गुफ़ाएं मौजूद हैं. इनमें से एक तो बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा प्रार्थना स्थल भी है. आइए बौद्ध धर्म से जुड़े इस प्रसिद्ध प्रार्थना स्थल के बारे में विस्तार से जानते हैं.
लोनावला से पुणे जाने वाले एक्सप्रेस वे पर मालावी में बौद्ध धर्म से संबंधित बहुत सी गुफ़ाएं मौजूद हैं. इन्हें चट्टानों को काटकर बनाया गया है. इनमें से एक गुफ़ा का नाम कार्ले है, जिसे ईसा पूर्व दूसरी सदी में बनाया गया था. इस गुफ़ा में आपको उम्दा दर्जे की नक्काशी देखने को मिलेगी.
हीनयान संप्रदाय द्वारा इस गुफ़ा को बनाया गया था. बाद में इसका नियंत्रण महायान संप्रदाय ने अपने हाथ में ले लिया. इस गुफ़ा के मुख्य हॉल के बाहर कोली मंदिर है. यहां पर ऐसी क़रीब 16 गुफ़ाएं मौजूद हैं
इन्हीं गुफ़ाओं में बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा प्रार्थना कक्ष भी मौजूद है, जिसका नाम है चैत्यग्रह और ग्रैंड चैत्य. इसकी छत स्तंभो पर बनी है, जिसके बीच इंसान, हाथी, घोड़े आदि की मूर्तियां उकेरी गई हैं.
इसके अंत में बना स्तूप प्रेवश द्वार पर बनी खिड़की से आ रही सूर्य की किरणों से प्रकाशित होता है. यहां पर सारनाथ के जैसा ही बना एक अशोक स्तंभ भी मौजूद है. ये गुफ़ाएं कभी बौद्ध मठ हुआ करती थीं. इसके दक्षिण में भज की गुफ़ाएं भी हैं, जहां पर आपको बौद्ध धर्म की उम्दा वास्तुकला का नमूना देखने को मिलेगा.
क्या खाएं?
यहां पर आपको कई प्रकार के पारंपरिक भोजन टेस्ट करने को मिलेंगे. इनका लुत्फ़ उठाने के लिए आप यहां पर मौजूद स्टॉल्स या फिर रेस्टोरेंट्स का रुख कर सकते हैं.
कैसे जाएं?
यहां पहुंचने के लिए आपको लोनावला रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा. यहां से आपको मालावी के लिए बस या फिर कैब मिल जाएगी. मुंबई से अगर आप कार से आ रहे हैं, तो आपको यहां पर पहुंचने के लिए 2-3 घंटे का समय लगेगा.
वीकेंड में यहां पर बहुत भीड़ हो जाती है. इसलिए हो सके तो वीकडेज में ही यहां जाने का प्लान बनाएं.
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