Loving Too Much Is Dangerous: ‘धीरे धीरे प्यार को बढ़ाना है, हद से गुज़र जाना है….’ ये गाना तो आपने सुना ही होगा. 90s का पॉपुलर सॉन्ग है. मगर क्या वाक़ई प्यार में कोई हद नहीं होती है? दरअसल, बॉलीवुड के चक्कर में हम ऐसे ही ग़लतफ़हमियां पाल कर बौराए घूमते हैं. क्योंकि, किसी भी रिश्ते में हद पार करना, मतलब सामने वाले और ख़ुद की की ज़िंदगी में भी तकलीफ़ों के साथ दाखिल होना होता है. यही वजह है कि आज हम अपने कैंपेन #LoveKiBoundary के ज़रिए समझाएंगे कि हद से ज़्यादा प्यार भी सिर दर्द बन सकता है और रिलेशनशिप में भूल कर भी ऐसी गलतियां नहीं करनी चाहिए.
Loving Too Much Is Dangerous
1. हर वक़्त पार्टनर से चिपके रहना
अपने रिलेशनशिप को गुड़-चींटे जैसा रिश्ता मत बनाइए. हमेशा पार्टनर के साथ चिपके रहना ठीक नहीं. एक-दूसरे को स्पेस देना बहुत ज़्यादा ज़रूरी होता है. वरना कोई भी रिश्ता ज़्यादा दिन तक टिक नहीं सकता. कहते हैं न कि दूरियां ही नज़दीकियों का एहसास कराती हैं. जब किसी पार्टनर को उसका अपना स्पेस नहीं मिलता तो ख़ूबसूरत प्यार की डोर भी फांसी की रस्सी जैसी लगती है, जिसमें बंधा इंसान खुल कर सांस ले पाने का भी मोहताज हो जाता है.
2. नज़रें मिलाइए, रखिए मत
ना तो प्यार में अंधे हो जाइए और ना ही दूरबीन. अक्सर लोग प्यार में चौकीदार बन जाते हैं. हर पल अपने पार्टनर की ज़िंदगी के आजू-बाजू चक्कर लगाने लगते हैं. वो कहां जा रहा है, किससे मिल रहा, क्यों मिल रहा, कहां बात कर रहा और ना जाने किन-किन चीज़ों पर नज़र रखने लगते हैं. यहां तक कि उसके सोशल मीडिया और पर्सनल फ़ोन तक की छानबीन करने लगते. जब आप हद से ज़्यादा नज़र रखने लगते हैं तो आपका पार्टनर असहज महसूस कर सकता है. हर समय उसके रुटीन पर नज़र रखने पर उसे ऐसा महसूस होता है जैसे कि उसकी आज़ादी छिन गई है.
3. प्यार कम, हक ज़्यादा जताना
‘मेरी राहें तेरे तक हैं, तुझपे ही तो मेरा हक़ है…’ प्यार में चाहें कबीर सिंह बनिए या प्रीति, लोचा-लपाचा होगा ही. काहे कि प्यार कोई हक़ जताने की चीज़ थोड़ी है. पार्टनर पर बार-बार हक जताने का मतलब है कि आप अपने रिलेशनशिप में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ज़ाहिर तौर पर कोई भी रिलेशनशिप दोनों तरफ़ से ही चलती है. आपके पार्टनर भी आपको उतना ही प्यार करते हैं. बार-बार हक जताने की आपकी आदत से वो चिड़चिड़े हो सकते हैं. नतीजा आपस में जूते-चप्पल जल्द चलने लगेंगे. इसलिए प्यार के रिश्ते को भरोसे के साथ आगे बढ़ाएं.
4. हद से ज़्यादा उम्मीद रखना
‘अगर वो मुझसे प्यार करती है तो पलटेगी…’ अरे नहीं पलटेगी बांगड़ू. उसकी ट्रेन है. अलटे-पलटेगी तो ट्रेन छूट जाएगी. कहने का मतलब है कि पार्टनर से हद से ज़्यादा उम्मीद रखना भी रिश्ते को बिगाड़ने का काम करता है. आप किसी से प्यार करते हैं तो ये उम्मीद लगा बैठते हैं कि अगर वो मुझसे प्यार करता है तो मेरी हर उम्मीद पर खरा ही उतरेगा. या फिर आप उससे जितना प्यार करते हैं, उतना ही प्यार वो भी आपसे करे. ऐसी स्थिति में पार्टनर बंधा हुआ महसूस करता है और ख़ुद को इससे बाहर निकालने में लग जाता है.
5. ख़ुद को मत खो दीजिए
‘एक बेवफ़ा से हम कितना प्यार कर रहे हैं…?’ अरे मत करो भाई, कोई ज़बरदस्ती थोड़ी है. हालांकि, प्यार में कुछ लोग बहुत मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में हो सकता है कि वो आपको हल्के में ले ले. आपको नज़रअंदाज़ करे, आपकी परवाह न करे या सामने से कभी ख़ुद कोई प्रयास न करे. ऐसे में अगर आप फिर भी उसके पीछे लगे रहेंगे तो ख़ुद को खो बैठेंगे. ये कभी मत कीजिएगा.
6. अपनी ज़िंदगी का कंट्रोल पार्टनर के हाथ में मत दीजिए
बहुत ज़्यादा प्यार का मतलब बहुत ज़्यादा निर्भरता भी हो सकता है. बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि लोग प्यार में अपनी पूरी ज़िंदगी का कंट्रोल पार्टनर को सौंप देते हैं. यहां तक कि वो फ़ाइनेंशियली भी इंडिपेंडेंट नहीं रह पाते. याद रखें कि अगर आपने अपनी लाइफ़ को पूरी तरह कंट्रोल सामने वाले को दे दिया तो फिर वो फ़ायदा भी उठाएगा और रिश्ता अगर ख़त्म हुआ तो वो आपको बिल्कुल बेसहारा जैसा छोड़ जाएगा.
7. प्यार में रियलिटी से दूर मत हो जाइए
जब आप अपने साथी को अपने यूनिवर्स का केंद्र बनाते हैं तो आप हर उस चीज़ को नज़रअंदाज़ कर देते हैं जो आपको खुश करती थी. उदाहरण के लिए, जब आप किसी एक के साथ रिश्ते पर ज़रूरत से ज़्यादा फ़ोकस करते हैं तो आप अपने शौक़ और यहां तक कि दोस्तों और परिवार को भी अनदेखा कर देते हैं. आपके पास दूसरों के लिए समय ही नहीं रहता. ऐसे में आप रियलिटी से दूर हो जाते हैं. ये मत कीजिए. जितना आपके ज़िंदगी में पार्टनर ज़रूरी है, उतना ही दोस्त और परिवार भी. सब आपके अपने ही हैं.
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