कुदरत (Nature) को इंसान नुक़सान पहुंचा सकता है, मगर ख़त्म नहीं कर सकता. प्रकृति के नष्ट होने का मतलब, इंसानी वजूद का खात्मा है. हम सब इस बात से वाकिफ़ हैं, मगर अंधी विकास की दौड़ में विनाश की ओर बढ़े जा रहे हैं. हालांकि, हम कितना भी कोशिश कर लें, प्रकृति से आगे नहीं जा सकते क्योंकि कुदरत अपना रास्ता बनाना जानती है.
आज हम जो तस्वीरें लेकर आए हैं, वो कुदरत (Nature) की इसी शक्ति का सुबूत हैं.
1. अगला स्टेशन कुदतरगंज है.
2. ये ओक का पेड़ एक रेलिंग के ज़रिए आगे बढ़ रहा है.
3. प्रकृति की पकड़ सबसे मज़बूत होती है.
4. फुकुशिमा में रेडियो एक्टिव कारोंं को इंसान छोड़ गए, तो धीरे-धीरे कुदरत ने उन्हें अपनाने आ गई.
5. रेत की आगोश में आशियाना.
6. हर अक्षर पर कुदरत का नाम लिखा है.
7. प्रकृति अपनी ही धुन में रहती है.
8. इस कबाड़ रोलर कोस्टर पर अब कुदरत राइड करती है.
9. वक़्त और कुदरत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.
10. नेचर हर चीज़ को ख़ुद के भीतर जगह दे देता है.
11. कुदरत से खिलवाड़ किया, तो ऐसा ही नैया डूबेगी
12. इस दुनिया को ख़त्म करने वाले हथियार ऐसे दफ़्न हो जाने चाहिए.
13. प्रकृति का रास्ता रोका, तो हमारा पहिया भी जाम हो जाएगा.
14. इंसानों की ग़ैर-मौजूदगी में प्रकृति खुलकर सांस लेती है.
15. प्रकृति की रफ़्तार कोई नहीं रोक सकता.
16. रेलिंग के चारों ओर निकला पेड़.
17. कुदरत अपना रास्ता बनाना जानती है.
18. आयरलैंड में ये कभी एक महल था, अब कुदरत का घर है.
19. STOP साइन भी कुदरत को उसके भीतर से निकलने से रोक न पाया.
20. चिमनी के भीरत से निकला पेड़.
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वाक़ई, इंसान कुछ भी कर ले, मगर प्रकृति को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता.