जानिए किससे बनता है Capsule का बाहरी हिस्सा, जिसे बहुत लोग प्लास्टिक समझ लेते हैं

Nripendra

Outer layer of the capsule made of: शायद ही कई होगा जिसने दवाई में रंग-बिरंगे कैप्सूल न खाए हों. गोल-गोल आम टैबलेट से अलग होते हैं कैप्सूल जो Spherocylinder शेप में आते हैं. ये टैबलेट से ज़्यादा से ध्यान आकर्षित करते हैं. वहीं, इसका बाहरी आवरण प्लास्टिक की तरह नज़र आता है और बहुत लोग इस कनफ़्यूज़न में रहते हैं कि उनके पेट में प्लास्टिक जा रही है. 

आइये, इस ख़ास लेख में जानते हैं कि क्या वाकई कैप्सूल का बाहरी हिस्सा (Outer layer of the capsule made of) प्लास्टिक का बना होता है या इसमें इस्तेमाल होता है कोई और पदार्थ. 

कैप्सूल के अंदर होती है दवा

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Capsule Shell Is Made Up Of: कैप्सूल अपने आप में दवा नहीं है बल्कि कैप्सूल के अंदर दवा मौजूद होती हैं, जो छोटे-छोटे दानों या पाउडर के रूप में होती हैं. जहां टैबलेट कड़वी लगती है, वहीं कैप्लूस बच्चा हो या बड़ा आसानी से गटक लेता है. 

वहीं, कैप्सूल खाने वालों के मन में ये सवाल ज़रूर आया होगा कि इसकी बाहरी परत किसकी बनी होती है? बहुत लोग कैप्सूल की बाहरी परत को प्लास्टिक समझ लेते हैं, लेकिन दोस्तों ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं. आगे जानिए किससे बनती है कैप्सूल की बाहरी परता या Outer Coating of a capsule.  

किससे बनती है कैप्सूल की बाहरी परत – Outer Coating of a capsule in Hindi

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Capsule Shell Is Made Up Of: कैप्सूल दवा में खुराक का एक रूप, जिसकी बाहरी परत को प्लास्टिक से नहीं बल्कि Gelatin और नॉनजिलेटिन शेल्स से बनाया जाता है. जिलेटिन एक पारदर्शी, रंगहीन व स्वादहीन पदार्थ होता है, जो आमतौर पर जानवरों के शरीर के अंगों से लिए गए कोलेजन से प्राप्त किया जाता है. 

पेट के अंदर पहुंचते ही कैप्सूल का बाहरी हिस्सा पाचन तंत्र में टूट जाता है और दवा शरीर द्वारा अवशोषित कर ली जाती है.

क्या होता है जिलेटिन – What is Gelatin in Hindi

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Medlineplus के अनुसार, जिलेटिन (What is Gelatin in Hindi) एक प्रोटिन होता है, जो जानवरों के कॉलेजन से एक्सट्रैक्ट किया जाता है. आमतौर पर गाय और सुअर. वहीं, जिलेटिन का इस्तेमाल कैप्सूल बनाने के अलावा खाने में, ऑइंटमेंट और कॉस्मेटिक में किया जाता है. 

ये भी पढे़ं: आपने कभी सोचा है कि ज़्यादातर दवा के कैप्सूल दो अलग-अलग रंग से क्यों बनाए जाते हैं?

कैप्सूल के प्रकार 

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सॉफ़्ट कैप्सूल: अगर आपने फिश ऑयल की कैप्सूल देखी होंगी, तो आपको पता होगा कि ये कैप्सूल सॉफ्ट होती हैं, जो दबाने से दब जाती हैं. इन्हें Soft Gel Capsules कहा जाता है. सॉफ़्ट जेल कैप्सूल आमतौर पर एक जिलेटिन-आधारित शेल होता है, जिसमें अंदर तरल होता है. इन्हें अक्सर विटामिन के डोज़ के लिये इस्तेमाल में लाया जाता है. 

हार्ड जिलेटिन कैप्सूल:  हार्ड जिलेटिन कैप्सूल ही लोगों को कनफ़्यूज़ करता है कि वो प्लास्टिक खा रह हैं. ये जिलेटिन आधारित कैप्सूल थोड़ा शख़्त होता है. इसमें दवा पाउडर और बारीक दानों के रूप में भरी जाती है. 

वेज़ कैप्सूल: ये कैप्सूल शाकाहारी लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. शाकाहारी कैप्सूल सेल्युलोज़ (Cellulose) से बनाया जाता है, जो पौधों में एक मौजूद एक महत्वपूर्ण तत्व होता है. वहीं, ज़्यादा बारीकी से समझें, तो इसे इस प्रकार की कैप्सूल का मुख्य घटक hydroxypropyl methyl cellulose (HPMC) होता है.
हालांकि, जिलेटिन कैप्सूल का शाकाहारी कैप्सूल की तुलना में अधिक व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसकी उत्पादन लागत कम होती है.

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